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युवा पीढ़ी देश के भविष्य की कर्णधार है-मोदी

शिक्षा और कौशल क्षेत्रों पर बजट 2022 के प्रभाव पर वेबिनार

'राष्ट्रीय शिक्षा नीति को साकार करने में मिलेगी काफी मदद'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 21 February 2022 04:14:10 PM

webinar on impact of budget 2022 on education and skill sectors

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में युवा पीढ़ी के महत्व पर जोर देते हुए शिक्षा और कौशल क्षेत्रों पर केंद्रीय बजट 2022 के सकारात्मक प्रभाव पर आयोजित वेबिनार की शुरुआत की। इस अवसर पर संबंधित केंद्रीय मंत्री, शिक्षा, कौशल विकास, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के प्रमुख हितधारक उपस्थित थे। यह वेबिनार बजट से पहले और बाद में हितधारकों के साथ चर्चा और संवाद की नई शुरुआत का हिस्सा था। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि आज की युवा पीढ़ी देश के भविष्य की कर्णधार है, वही भविष्य के नेशन बिल्डर्स हैं, इसलिए आज की युवा पीढ़ी को एंपावरिंग करने का मतलब है, भारत के भविष्य को एंपावर करना। प्रधानमंत्री ने बजट 2022 में शामिल पांच पहलुओं पर विस्तार से बताया, सबसे पहले-गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को व्यापक बनाने केलिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं यानी शिक्षा क्षेत्र की बढ़ी हुई क्षमताओं केसाथ बेहतर गुणवत्ता केसाथ शिक्षा का विस्तार करना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दूसरा-कौशल विकास पर जोर दिया गया है, एक डिजिटल कौशल इको-सिस्टम बनाने, उद्योग की मांग के अनुसार कौशल विकास और बेहतर उद्योग संपर्क बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, तीसरा-भारत के प्राचीन अनुभव तथा शहरी तथा योजना एवं डिजाइनिंग के ज्ञान को शिक्षा में शामिल करना महत्वपूर्ण है, चौथा-अंतर्राष्ट्रीयकरण पर बल दिया गया है, इसमें विश्वस्तर के विदेशी विश्वविद्यालयों का आगमन और गिफ्ट सिटी के संस्थानों को फिनटेक से संबंधित संस्थान सुनिश्चित करने केलिए प्रोत्साहित करना शामिल है, पांचवां-एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कॉमिक पर ध्यान केंद्रित करना, जहां रोज़गार की अपार संभावनाएं हैं और जो एक बड़ा वैश्विक बाजार है। उन्होंने कहाकि इस बजट से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को साकार करने में काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह डिजिटल कनेक्टिविटी ही है, जिसने वैश्विक महामारी के इस समय में हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा। उन्होंने कहाकि हम देख रहे हैंकि कैसे भारत में तेजीसे डिजिटल डिवाइड कम हो रहा है, इनोवेशन हमारे यहां इंक्लूजन सुनिश्चित कर रहा है, इससे भी आगे देश अब आज एकता की ओर बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि ई-विद्या हो, वन क्लास वन चैनल हो, डिजिटल लैब्स हों, डिजिटल यूनिवर्सिटी हो, ऐसा एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर युवाओं को बहुत मदद करने वाला है। उन्होंने कहाकि ये भारत के सोशियो-इकोनॉमिक सेटअप में गांव हों, गरीब हों, दलित, पिछड़े, आदिवासी, सभी को शिक्षा के बेहतर समाधान देने का प्रयास है। प्रधानमंत्री ने कहाकि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी भारत की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अनोखा और अभूतपूर्व कदम है। उन्होंने कहाकि मैं डिजिटल यूनिवर्सिटी में वो ताकत देख रहा हूं कि ये यूनिवर्सिटी हमारे देश में सीटों की जो समस्या होती है, उसे पूरी तरह समाप्त कर सकती है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय, यूजीसी और एआईसीटीई और डिजिटल यूनिवर्सिटी के सभी हितधारकों से परियोजना पर तेजी से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने संस्थान बनाते समय अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखने की आवश्यकता पर बल दिया। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आज प्रधानमंत्री ने मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा और बच्चों के मानसिक विकास केबीच के संबंधों केबारे में भी चर्चा की।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि कई राज्यों में स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा भी दी जा रही है। उन्होंने स्थानीय भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रारूप में सर्वोत्तम सामग्री बनाने में गति लाने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि ऐसी सामग्री इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो के माध्यम से उपलब्ध होनी चाहिए, सांकेतिक भाषाओं में सामग्री के संबंध में काम को प्राथमिकता केसाथ जारी रखने की आवश्यकता को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आत्मनिर्भर भारत केलिए वैश्विक प्रतिभा की मांग के दृष्टिकोण से गतिशील कौशल महत्वपूर्ण है। उन्होंने रोज़गार की बदलती भूमिकाओं की मांगों के अनुसार देश के 'जनसांख्यिकीय लाभांश' को तैयार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि इसी सोच को ध्यान में रखते हुए बजट में स्किलिंग एंड लाइवलीहुड और ई-स्किलिंग लैब के लिए डिजिटल इको-सिस्टम की घोषणा की गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहाकि बजटीय प्रक्रिया में हाल के बदलाव बजट को परिवर्तन के एक उपकरण के रूपमें बदल रहे हैं। उन्होंने हितधारकों से बजट प्रावधानों को धरातल पर निर्बाध रूपसे लागू करने केलिए कहा। उन्होंने कहाकि हाल के दिनों में बजट को एक महीने आगे बढ़ाकर यह सुनिश्चित किया जा रहा हैकि जब पहली अप्रैल से इसे लागू किया जाए तो पूरी तैयारी और चर्चा पहले ही हो चुकी हो। उन्होंने हितधारकों से बजट प्रावधानों से मनोनुकूल परिणाम सुनिश्चित करने केलिए कहा। उन्होंने कहाकि आज़ादी का अमृत महोत्सव और राष्ट्रीय शिक्षा के संदर्भ में यह पहला बजट है, जिसे हम अमृतकाल की नींव रखने केलिए जल्दी से लागू करना चाहते हैं। उन्होंने कहाकि बजट केवल आंकड़ों का लेखा-जोखा नहीं है, बजट को यदि ठीक से क्रियांवित किया जाए तो सीमित संसाधनों में भी बड़ा परिवर्तन ला सकता है।

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