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नेताजी सुभाषचंद्र बोस केलिए सजा इंडिया गेट

नेताजी के नाम पर प्रधानमंत्री प्रदान करेंगे आपदा प्रबंधन पुरस्कार

नरेंद्र मोदी कल करेंगे नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 22 January 2022 04:35:19 PM

statue of netaji at india gate

नई दिल्ली। हिंदुस्तान के स्वतंत्रता आंदोलन में देश को आज़ादी दिलाने के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती का मुख्य कार्यक्रम इंडिया गेट पर होगा, जहां सालभर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूपमें इंडिया गेट पर उनकी भव्य प्रतिमा लगाई जा रही है। पहले यहां अमर जवान ज्योति प्रज्वलित रहती थी, जो अब मूल स्वरूप में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्थानांतरित कर दी गई है। अमर जवान ज्योति अब इंडिया गेट पर नहीं जलेगी। गौरतलब हैकि सन् 1971 के युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की स्मृति में इंडिया गेट पर यह ज्योति जलती आ रही थी। चूंकि शहीद सैनिकों की याद में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बन गया है, जहां देश के सभी शहीदों के नाम अंकित हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। लिहाजा अब यही युद्ध स्मारक सदा केलिए अमर जवान ज्योति से प्रज्जवलित रहेगा। नेताजी की ग्रेनाइट की नई प्रतिमा के आने तक फिलहाल यह प्रतिमा होलोग्राम की लगाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को सायं लगभग 6 बजे इंडिया गेट पर प्रतिमा का अनावरण करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक ट्वीट में कहा हैकि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही हैकि स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान को ध्‍यान में रखते हुए यह सही मायनों में एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी और यह प्रतिमा नेताजी के प्रति देश के ऋणी होने का प्रतीक भी होगी। प्रतिमा का काम पूरा होने तक नेताजी की प्रतिमा उसी स्थान पर लगाई जाएगी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर से संचालित किया जाएगा। एक अदृश्य, हाई गेन, 90 प्रतिशत पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई हैकि यह आगंतुकों को नज़र नहीं आ रही है। होलोग्राम का सटीक प्रभाव उत्‍पन्‍न करने केलिए उसपर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई जा रही है। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 केलिए ‘सुभाषचंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ भी अलंकरण समारोह में प्रदान करेंगे। समारोह में सात पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में विभिन्‍न लोगों और संगठनों के अमूल्य योगदान एवं नि:स्वार्थ सेवा की सराहना और सम्मानित करने केलिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि उनकी सरकार राष्ट्रीय महत्व के दृष्टिकोण से स्मारकों का निर्माण कर रही है, दिल्ली में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर स्मारक, रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक इस बात के प्रमाण हैं। गौरतलब हैकि हर साल 23 जनवरी को आपदा प्रबंधन पुरस्कार की घोषणा की जाती है। इस पुरस्कार में किसी संस्था के मामले में उसे 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार एवं एक प्रमाणपत्र और किसी व्यक्ति के मामले में उसे 5 लाख रुपये एवं एक प्रमाणपत्र दिया जाता है। प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानियों को उचित तरीके से सम्मानित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं, जिनके तहत विशेष रूपसे ध्यान, महान स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर रहा है। इस संबंध में कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें यह घोषणा भी शामिल हैकि हर साल उनकी जयंती पराक्रम दिवस के रूपमें मनाई जाएगी। इसी उत्‍कृष्‍ट भावना को ध्यान में रखते हुए गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत एक दिन पहले यानी 23 जनवरी से की जाएगी।

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