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वन अधिकारी संरक्षक बनकर करें कार्य-वन मंत्री

देहरादून अकादमी में आईएफएस 2020 बैच के प्रशिक्षुओं को संबोधन

'आईएफएस अधिकारियों की भूमिका आज और भी अधिक महत्वपूर्ण'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 18 January 2022 01:22:39 PM

addressed and congratulated the young trainee officers of the indian forest service

देहरादून/ नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा हैकि वन अधिकारियों को बेजुबानों की आवाज़ बनने और देश के विशाल प्राकृतिक संसाधनों के मालिक नहीं, बल्कि न्यासी यानी संरक्षक के रूपमें कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहाकि वन अधिकारियों को ऐसे दृष्टिकोण केसाथ काम करने की जरूरत है, जोकि स्थानीय समुदाय की आकांक्षाओं और जरूरतों केप्रति पूरी तरह से मानवीय और संवेदनशील हो। केंद्रीय वन मंत्री ने यह बात वर्चुअल माध्यम से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून में प्रशिक्षण पा रहे भारतीय वन सेवा के 2020 बैच के 64 परिवीक्षाधीन प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कही।
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहाकि वर्तमान राष्ट्रीय नेतृत्व केतहत देश विकास के सभी मोर्चों पर परिवर्तनकारी प्रगति के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण, प्रदूषण एवं जैव विविधता संबंधी हानि जैसी विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों और संकटों से निपटने केलिए तत्पर है, इसलिए सतत विकास को आगे बढ़ाने एवं उसके कार्यांवयन में आईएफएस अधिकारियों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। पर्यावरण मंत्री ने कार्बन पृथक्करण, शून्य-कार्बन उत्सर्जन डेटलाइन, ऊर्जा मिश्रण में सौर ऊर्जा और पर्यावरण अनुकूल अन्य कारगर स्रोतों के अनुपात, जैव विविधता का संरक्षण, मरुस्थलीकरण की समस्या से निपटने और क्षरित भूमि के जीर्णोद्धार आदि से जुड़ी प्रतिबद्धताओं एवं लक्ष्यों पर प्रकाश डाला और अधिकारियों से इन लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए रचनात्मक एवं नवीन विचारों केसाथ आगे आने को कहा।
पर्यावरण मंत्री ने दोहराया कि सरकारी प्रणाली के एक सशक्त और सक्षम कार्यबल के रूपमें आईएफएस अधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार वाले वन क्षेत्र में रहनेवाले समुदायों तथा अन्य नागरिकों केप्रति भी सक्रिय रूपसे समुदाय केंद्रित व नागरिकों की ओर उन्मुख एवं सहयोगी दृष्टिकोण केसाथ व्यवहार करना चाहिए। राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी प्रशिक्षुओं से कहाकि वन भूमि में रहने वाले समुदायों एवं अन्य लोगों केसाथ काम करने के कई क्षेत्र हैं, जहां एक सहानुभूतिपूर्ण, उत्तरदायी दृष्टिकोण आचरण और कर्तव्यों के निर्वहन का मुख्य आधार होना चाहिए और इस पूरी प्रक्रिया में मानवीय दृष्टिकोण केसाथ-साथ नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना भी जरूरी है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव लीला नंदन और महानिदेशक (वन) तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में विशेष सचिव सीपी गोयल ने भी परिवीक्षाधीनों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। 

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