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'शिक्षा के माध्यम से प्रबुद्ध हो जाओ'

केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय का पांचवां दीक्षांत समारोह

छात्र के जीवन को गुणवत्तापूर्ण बनाती है शिक्षा-राष्ट्रपति

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 22 December 2021 02:42:21 PM

president addresses the convocation of the central university of kerala

तिरुवनंतपुरम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि नारायण गुरु ने हमें याद दिलाया हैकि शिक्षा छात्र के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करती है और इस प्रकार वह समाज का भी उत्थान कर सकती है। राष्ट्रपति ने कासरगोड में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि महान संत एवं समाज सुधारक विद्याकोंडु प्रबुद्धा रवुका जैसी अपनी उक्तियों से लोगों को प्रेरित करते थे, जिसका अर्थ है 'शिक्षा के माध्यम से प्रबुद्ध हो जाओ'। उन्होंने कहाकि महान पुरुषों एवं महिलाओं विशेषकर हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं का जीवन काफी सरलता से इस सत्य को उजागर करता हैकि स्कूल एवं कॉलेज व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन के सबसे महत्वपूर्ण स्थल हैं, ये वे कार्यशालाएं हैं, जहां देश के भाग्‍य को आकार दिया जाता है। उन्होंने कहाकि भारत में केरल ने साक्षरता एवं शिक्षा के महत्वपूर्ण मानकों पर अन्य राज्यों का नेतृत्व किया है, इसने केरल को उत्कृष्टता के कई अन्य मानकों पर भी अग्रणी राज्य बनने में समर्थ किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के खूबसूरत परिसर जैसे शैक्षिक स्थानों में उन्हें जो जीवंतता और ऊर्जा का अनुभव होता है, वह सामाजिक सशक्तिकरण की संभावनाओं से आती है। उन्होंने कहाकि यह एक ऐसा स्थान है, जहां विचारों को पोषित, पढ़ाया और सीखा जाता है, इस प्रक्रिया में वातावरण विचारों की जीवनी शक्ति सक्रिय हो जाती है, जिससे नए विचार सृजित होते हैं। उन्होंने कहाकि ज्ञान का यह अखंड चक्र समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है। राष्ट्रपति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारेमें बताते हुए कहाकि शिक्षा को बढ़ावा देने में सरकार का काम उपयुक्‍त माहौल तैयार करने में मदद करना है, जहां युवा दिमाग रचनात्मकता से भर जाए और एनईपी एक ऐसा परिवेश विकसित करने केलिए एक सुनियोजित रूपरेखा है, जो हमारी युवा पीढ़ी की प्रतिभा को पोषित करेगी, इसका उद्देश्य उन्हें सर्वश्रेष्ठ परंपराओं से लैस करते हुए कल की दुनिया केलिए तैयार करना है।
राष्ट्रपति ने कहाकि उनके विचार में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह हैकि इसका उद्देश्य समावेश और उत्कृष्टता दोनों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहाकि अपने विविध पाठ्यक्रम के जरिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति उदार केसाथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा को भी बढ़ावा देती है, क्योंकि समाज एवं राष्ट्र निर्माण में ज्ञान की प्रत्येक धारा की भूमिका होती है, इस प्रकार एनईपी भारत केलिए जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन करने और लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहाकि हमारे देश की बढ़ती आबादी केलिए जरूरी हैकि हम अगली पीढ़ी की प्रतिभा को निखारें। उन्होंने कहाकि जब युवा पीढ़ी को इक्कीसवीं सदी की दुनिया में सफलता केलिए आवश्यक कौशल एवं ज्ञान प्रदान किया जाए तो वे चमत्कार कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि 21वीं सदी को ज्ञान की सदी के रूपमें वर्णित किया गया है, ज्ञान शक्ति ही वैश्विक समुदाय में किसी राष्ट्र का स्थान निर्धारित करेगी।

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