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भारत में बांध सुरक्षा व जल संसाधन प्रबंधन

ऐतिहासिक बांध सुरक्षा विधेयक-2019 राज्यसभा से भी पास

बांधों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करने में सहायक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 3 December 2021 01:45:33 PM

dam safety bill passed

नई दिल्ली। देश में बांध सुरक्षा अधिनियम को लागू करने का रास्ता तैयार हो गया है, राज्यसभा से भी ऐतिहासिक बांध सुरक्षा विधेयक-2019 को पास कर दिया गया है। इससे भारत में बांध सुरक्षा और जल संसाधन प्रबंधन के नए युग की शुरुआत होगी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस विधेयक को एक दिसंबर 2021 को राज्यसभा में पेश किया था, जबकि लोकसभा से 2 अगस्त 2019 को ही पास हो चुका है। चीन और अमेरिका केबाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है, जहां बांधों की संख्या सबसे ज़्यादा है। हमारे देश में करीब 5,700 बड़े बांध हैं, जिनमें से करीब 80 प्रतिशत बांध 25 वर्ष से भी ज़्यादा पुराने हैं। देश में करीब 227 ऐसे बांध हैं, जो 100 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं और आज भी कार्यरत हैं।
भारत में वैसे तो बांध सुरक्षा का ट्रैक रिकॉर्ड विकसित देशों के समकक्ष रहा है, लेकिन कई ऐसे उदाहरण हैं, जब देश ने असमय बांध के फेल हो जाने और बांध के रखरखाव की दयनीय स्थिति जैसी समस्याओं का सामना किया है। बांध सुरक्षा विधेयक देश के सभी बड़े बांधों की निगरानी, निरीक्षण, परिचालन और रखरखाव संबंधी पर्याप्त सुविधा प्रदान करेगा, ताकि बांध के फेल होने की स्थिति में होनेवाली आपदा को रोका जा सके। बांधों के सुरक्षित परिचालन को सुनिश्चित करने केलिए आवश्यक संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक उपायों की दिशा में यह विधेयक केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर एक संस्थागत तंत्र की व्यवस्था प्रदान करेगा। विधेयक के प्रावधान के अनुसार एकसमान बांध सुरक्षा नीतियां, प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं को विकसित करने में मदद करने केलिए बांध सुरक्षा पर एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया जाएगा।
बांध सुरक्षा नीतियां और मानकों के राष्ट्रव्यापी कार्यांवयन को सुनिश्चित करने की दिशा में विधेयक एक नियामक संस्था के तौरपर राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण स्थापित करने की सुविधा भी प्रदान करता है, वहीं इस विधेयक में राज्यों के स्तरपर बांध सुरक्षा पर राज्य समिति का गठन करने और राज्य बांध सुरक्षा संगठन स्थापित करने की व्यवस्था की गई है। बांध सुरक्षा विधेयक से जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हुई चुनौतियों के चलते बांध सुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्याओं का व्यापक स्तरपर समाधान निकालने में मदद मिलेगी। यह विधेयक बांधों के नियमित निरीक्षण और जोखिम संबंधी वर्गीकरण की व्यवस्था करता है। विधेयक में विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र पैनल द्वारा आपातकालीन कार्ययोजना बनाने और बांध सुरक्षा की व्यापक स्तरपर समीक्षा करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में नदी के प्रवाह की दिशा में रहने वाले निवासियों की सुरक्षा संबंधी चिंता को दूर करने केलिए आपातकालीन बाढ़ चेतावनी प्रणाली का प्रावधान किया गया है।
विधेयक के अंतर्गत अब बांध मालिकों को ज़रूरी मशीनरी प्रदान करने केलिए अलावा निर्धारित समय पर बांध की मरम्मत और रखरखाव केलिए ज़रूरी संसाधन भी प्रदान करने होंगे। विधेयक बांध सुरक्षा को समग्रता केसाथ देखता है, विधेयक न केवल बांधों के संरचनात्मक पहलुओं की बात करता है, बल्कि सख्त परिचालन एवं रखरखाव प्रोटोकॉल के जरिए परिचालन और रखरखाव संबंधी प्रभावशीलता को बढ़ाने की दिशा में भी काम करता है। बांध सुरक्षा विधेयक में शामिल प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने केलिए दंडात्मक प्रावधानों की व्यवस्था की गई है, इनमें अपराध और उसकी सजा शामिल है। विधेयक में केंद्र और राज्य दोनों के सहयोग से एक मज़बूत संस्थागत ढांचे को स्थापित करने केलिए निश्चित समयसीमा की व्यवस्था की गई है। यह विधेयक एक निश्चित समय सीमा में बांध मालिकों द्वारा अनिवार्य बांध सुरक्षा उपायों को लागू करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। 

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