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सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष में दानियों का सम्मान

देश और सैनिकों के कल्याण केलिए आगे आएं-रक्षामंत्री राजनाथ

दिल्ली में सशस्त्र बल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 3 December 2021 01:31:04 PM

donors honored in armed forces flag day fund

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष में प्रमुख योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया है। उन्होंने सशस्त्र बल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व सम्मेलन के तीसरे संस्करण के दौरान वित्तीय वर्ष 2020-21 केलिए प्रमुख योगदानकर्ताओं में भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश खारा और सन टीवी समूह की कार्यकारी निदेशक कावेरी कलानिधि को सम्मानित किया। रक्षामंत्री ने उनसभी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने एएफएफडीएफ में बहुमूल्य योगदान दिया और पूर्व सैनिकों, वीर नारियों तथा उनके आश्रितों के पुनर्वास एवं कल्याण के कोष में योगदान देने की अपील की। उन्होंने युद्ध के दौरान देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा केसाथ सीमापार से आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने केलिए सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान की सराहना की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देशसेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षामंत्री ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ संघर्ष के दौरान विभिन्न स्थानों पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, सामुदायिक निगरानी, अलग-अलग स्थानों पर क्वारंटाइन सुविधाओं के प्रबंधन में नागरिक प्रशासन की स्वेच्छा से मदद करने केलिए पूर्व सैनिकों की भी प्रशंसा की। यह कहते हुए कि सरकार पूर्व सैनिकों सहित सशस्त्र बलों के कर्मियों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है, उन्होंने उनके कल्याण को लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी और नैतिक दायित्व बतायाकि वे आगे आएं और सैनिकों तथा उनके परिजनों का साथ दें। राजनाथ सिंह ने कहाकि जिस तरह हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे सैनिकों पर है, उसी तरह उनकी और उनके परिजनों की जिम्मेदारी हमसब पर है, हमारे सैनिक बोर्डों के माध्यम से देशभर में मनाया जानेवाला गौरव माह इस सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का एक तरीका है।
रक्षामंत्री ने कहाकि राष्ट्र की सुरक्षा केप्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने केलिए हमें आगे आना चाहिए, हमें व्यक्तिगत या संस्थागत प्रसिद्धि से ऊपर उठकर अपने देश और अपने सैनिकों के कल्याण केलिए कार्य करना है। रक्षामंत्री ने स्वतंत्रता से पहले और बादमें सशस्त्र बलों केलिए आमजनता के योगदान को याद किया और कहाकि यह भावना हमेशा भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है। उन्होंने 'भारत के वीर' का उल्लेख किया, जो उनके गृहमंत्री रहते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों और जवानों के कल्याण केलिए शुरू किया गया था। राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और राष्ट्र की प्रगति में अपनी भूमिका निभाने केलिए सरकार की नीतियों का लाभ उठाने केलिए उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रतिनिधियों का भी आह्वान किया। उन्होंने कहाकि हमने निजी क्षेत्र की शक्ति और देश की प्रगति में उनकी भूमिका को पहचाना है, हमने निजी क्षेत्र को मजबूत करने केलिए 2014 से हर संभव प्रयास किए हैं।
राजनाथ सिंह ने कहाकि रक्षा क्षेत्र अब निजी क्षेत्र के स्वागत केलिए पूरी तरह तैयार है, उनकी प्रगति राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करेगी और आगे जाकर यही हमारे सशस्त्र बलों के सशक्तिकरण का माध्यम बनेगी, यह सभी केलिए फायदे की स्थिति होग। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने इस अवसर पर एएफएफडीएफ में स्वैच्छिक योगदानकर्ताओं से सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण के सरकार के दृष्टिकोण में भागीदार बने रहने का आग्रह किया। उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने और प्राकृतिक तथा मानव निर्मित आपदाओं के दौरान समान रूपसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने केलिए सशस्त्र बलों के अनुशासन, समर्पण और क्षमताओं की सराहना की। बी आनंद सचिव भूतपूर्व सैनिक कल्याण ने एएफएफडीएफ की प्रायोजित 17 योजनाओं के बारेमें विस्तार से बताया, इसमें पेन्यूरी ग्रांट, शिक्षा अनुदान और विवाह अनुदान शामिल है, जो भूतपूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों को सहारा देती हैं।
रक्षा राज्यमंत्री ने कहाकि इन 17 योजनाओं केलिए सालाना कुल 210 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, हालांकि एएफएफडीएफ हर साल केवल 95 करोड़ रुपये ही जुटा पाता है, जिसमें आंतरिक उपार्जन और संग्रह शामिल है। उन्होंने लाभार्थियों की जरूरतों को पूरा करने केलिए कोष में उदार ढंग से योगदान देने का आह्वान किया। सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष में वित्तवर्ष 2020-21 में 32.86 करोड़ रुपये का योगदान मिला, जबकि वित्तवर्ष 2019-20 में 47.73 करोड़ रुपये का योगदान था, वित्तवर्ष 2020-21 में लगभग 38,000 से अधिक व्यक्तिगत लाभार्थियों को 133 करोड़ रुपये वितरित किए गए। किरकी और मोहाली में पैराप्लेजिक रिहैबिलिटेशन सेंटर, देहरादून, लखनऊ और दिल्ली में चेशायर होम्स एवं देशभर में 36 वॉर मेमोरियल हॉस्टल को संस्थागत अनुदान भी प्रदान किया गया।
सशस्त्र बल फ्लैग डे सीएसआर कॉन्क्लेव का उद्देश्य रक्षा मंत्रालय के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा पूर्व सैनिकों, विधवाओं, उनके आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण के उपायों को उजागर करना तथा इन प्रयासों केलिए सीएसआर समर्थन जुटाना है। सशस्त्र बल फ्लैग डे कोष में कॉर्पोरेट योगदान कंपनी अधिनियम-2013 की धारा 135 केतहत सीएसआर दायित्व को पूरा करने केलिए पात्र हैं, क्योंकि यह सशस्त्र सेना के पूर्व सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के लाभ के उपायों का पालन करता है और सीएसआर गतिविधियों केलिए कंपनियों के रजिस्ट्रार कार्यालय, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय केसाथ पंजीकृत हैं। इस फंड में योगदान आयकर से मुक्त है। कॉन्क्लेव में केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव एयर कमोडोर बी अहलूवालिया, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ नागरिक, सैन्य अधिकारी तथा कॉर्पोरेट और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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