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संप्रभु भारत केलिए सरदार पटेल की प्रशंसा

सीडीएस जनरल बिपिन रावत का सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान

आकाशवाणी पर 1955 से सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 1 November 2021 03:27:48 PM

sardar patel memorial lecture by cds general bipin rawat

नई दिल्ली। भारत के प्रथम रक्षा सेवा प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रसार भारती के समारोह के हिस्से के रूपमें आकाशवाणी का प्रतिष्ठित सरदार पटेल मेमोरियल व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने 'राष्ट्र निर्माण में भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका' पर अपने विचार व्यक्त किए। भारत के महान इतिहास का स्मरण करते हुए और मौर्य साम्राज्य के तत्वावधान में जटिल रूपसे जुड़े छोटे राज्यों के संघ के रूपमें भारत की उत्पत्ति की चर्चा करते हुए जनरल बिपिन रावत ने बताया कि हमारा राष्ट्र अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं, 200 से अधिक बोलियों, एक दर्जन जातीय समूहों, कई संप्रदायों और उप-संप्रदायों वाले सात धार्मिक समुदायों तथा 68 सामाजिक, सांस्कृतिक उप-क्षेत्रों, कई संस्कृतियों का एक आकर्षक और जटिल सम्मिश्रण है।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने एक ऐसे भारतीय राष्ट्र की परिकल्पना में सरदार पटेल की भूमिका पर जोर दिया था, जो विविधता में एकजुट है, एक ऐसी शक्ति के रूपमें उभरने केलिए समर्पित एवं संकल्पित है और अपनी आंतरिक शक्ति से किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। सरदार पटेल के मिशन और 565 रियासतों को एक संप्रभु भारत में एकीकृत करने के कठिन कार्य केलिए उनकी प्रशंसा करते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सुरक्षा, न्याय, आर्थिक विकास और लोकतांत्रिक राजनीति को राष्ट्र निर्माण के स्तंभों के रूपमें माना जा सकता है। उन्होंने चाणक्य के युग से प्रचलित रणनीति को विवेकपूर्ण ढंग से लागू करते हुए रियासतों के साथ आम सहमति बनाने में सरदार पटेल के अथक प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया।
जनरल बिपिन रावत ने कहाकि श्रीमदभागवद गीता के अनुसार 'अपना कर्तव्य मानते हुए आपको उसका त्याग नहीं करना चाहिए', भारतीय सैन्य अकादमी के सभी कैडेट अपने प्रशिक्षण के समापन से पहले सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा करते हैं, जो इस बात पर जोर देती है कि राष्ट्र की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण सर्वोपरि है, उसके बाद कमान के तहत लोगों का सम्मान, कल्याण और आराम का स्थान है, जबकि व्यक्तिगत सुख, आराम और सुरक्षा का स्थान हमेशा सबसे अंतिम होता है। उन्होंने कहाकि धर्मनिरपेक्षता, अनुशासन, अखंडता, वफादारी, कोर भावना के साथ नई अवधारणा में संवैधानिक रूपसे चुनी गई सरकार के प्रति निष्ठा को शामिल करने से राष्ट्र की राजनीतिक स्थिरता में भारतीय सशस्त्र बलों का योगदान बढ़ा है।
रक्षा सेवा प्रमुख ने कहाकि मानव निर्मित या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सशस्त्र बलों की सहायता और राहतकार्य में सीमा सड़क संगठन, नेशनल कैडेट कोर का प्रशंसनीय योगदान राष्ट्र केलिए इनकी समर्पित सेवा के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने कहाकि दुर्गम क्षेत्रों में छावनियों और सैन्य स्टेशनों के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की तैनाती ने विकास परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि 50 के दशक के मध्य से अबतक संयुक्तराष्ट्र शांति मिशन में भारतीय सशस्त्र बलों का योगदान और दुनिया में भारत का रक्षा सहयोग एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास है। जनरल बिपिन रावत ने दोहराते हुए कहाकि भारतीय सशस्त्र बलों के बलिदान, वफादारी और अनुशासन के गुणों के कारण विविधता में भारत की एकता कायम रहेगी।
भारत के लौहपुरुष के रूपमें विख्यात सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आकाशवाणी के 1955 से एक वार्षिक कार्यक्रम के तौरपर सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया जाता है। गौरतलब हैकि नवजात राष्ट्र को एकीकृत करने वाली मुख्य ताकतों में से एक और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के एक अभिन्न अंग सरदार पटेल स्वतंत्र भारत के प्रथम सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी थे। डॉ सी राजगोपालाचारी, डॉ जाकिर हुसैन, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, डॉ कर्ण सिंह, डॉ के कस्तूरीरंगन, अजीत डोभाल, डॉ एस जयशंकर भी यह वार्षिक व्याख्यान दे चुके हैं। जनरल बिपिन रावत का सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान-2021 ऑल इंडिया रेडियो के यूट्यूब चैनल akashvaniair पर भी उपलब्ध है।

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