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एक और तूफान 'यास' की 22 मई से दस्तक

चक्रवात के अगले 72 घंटों में बहुत तेज होने की संभावना है

एमएमबी रेडियो पर क्षेत्रीय भाषाओं में चेतावनी प्रसारण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 21 May 2021 04:58:36 PM

another storm 'yas' knocking from may 22 (file photo)

नई दिल्ली। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार 22 मई 2021 के आसपास उत्तरी अंडमान सागर और उसके निकटवर्ती पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, इसलिए इसके अगले 72 घंटों में इसके चक्रवाती तूफान के रूप में बहुत तेज होने की संभावना है। दिनांक 26 मई की शाम के आसपास इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने तथा ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों तक पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है। चक्रवात के रूपमें विकसित होने के बाद इसका नाम 'यास' होगा। इसे देखते हुए अलावा इन्फ्लेटेबल बोट्स, लाइफ ब्वॉय और लाइफ जैकेट के साथ कोस्टगार्ड आपदा राहत टीमें आपदा प्रतिक्रिया अभियान शुरू करने के लिए स्टैंडबाय कर दी गई हैं। मेडिकल टीमों तथा एंबुलेंस को भी फौरन तैनात करने के दृष्टिकोण से स्टैंडबाय पर रखा गया है।
भारतीय तटरक्षकों ने पूर्वी तट पर व्यापक पूर्व उपाय शुरू कर दिए हैं और तटों पर, पानी के भीतर एवं विमानन इकाइयां हाई अलर्ट पर हैं। बंगाल की खाड़ी में मौसम के मिजाज़ पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है तथा तमिलनाडु, पुद्दूचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ अंडमान एवं निकोबार द्वीपों में भारतीय तटरक्षक के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन्स नियमित अंतराल पर अंग्रेज़ी तथा क्षेत्रीय भाषाओं में मौसम सम्बंधी चेतावनी के संदेश एमएमबी रेडियो पर प्रसारित कर रहे हैं, ताकि मर्चेंट जहाजों, मछली पकड़ने वाली नौकाओं, मत्स्य पालन सर्वेक्षण, वैज्ञानिक अनुसंधान जहाजों, तेल रिसाव, आवास नौकाओं, अपतटीय विकास क्षेत्रों के लिए सपोर्ट जहाजों आदि को सचेत किया जा सके। समुद्र किनारे लगे जहाजों को भी आश्रय लेने और सुरक्षा के आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है।
नवटेक्स चेतावनियां नियमित रूप से जारी की जा रही हैं और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को क्षेत्र में स्थित से गुजरने वाले वाले जहाजों को सचेत करने के लिए सक्रिय किया गया है। पत्तन प्राधिकरणों, तेल रिग ऑपरेटरों, नौवहन, मत्स्य पालन प्राधिकरणों और मछुआरा संघों को चक्रवात की संभावना के बारे में सूचित किया गया है। नौकाओं, जहाजों और निश्चित प्लेटफार्मों की सुरक्षा के लिए करीबी संपर्क और समन्वय बनाया जा रहा है। हालांकि भारत के पूर्वी तट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू है, लेकिन समुद्र में तटरक्षक डॉर्नियर विमान और जहाज भी चक्रवात बनने की संभावना के बारे में समुद्र में सक्रिय मछुआरों को मौसम की चेतावनी प्रसारित कर रहे हैं, उन्हें सुरक्षा देने के लिए निकटतम बंदरगाह पर लौटने का निर्देश दे रहे हैं। आईसीजी ने संबंधित राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से भी अनुरोध किया गया है कि वे बंदरगाह में मौजूद मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं के प्रति संवेदनशील हों साथ ही बारीकी से संपर्क भी बनाए रखा जा रहा है।

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