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रेलवे में डबल्यूएजी 12बी इंजन शामिल

मेड इन इंडिया के तहत सबसे शक्तिशाली विद्युत इंजन है

देश में माल ढुलाई अभियान में क्रांतिकारी बदलाव आया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 May 2021 12:10:45 PM

railway includes wag 12b engine

नई दिल्ली। रेलवे ने अपने बेड़े में 12000 हॉर्स पावर के 100वें डब्लूएजी 12बी इंजन को शामिल कर लिया है। यह भारतीय रेल के लिए गौरव का क्षण है। इसको डब्लूएजी 12बी नाम दिया गया है और इसका नंबर 60100 है। इसका निर्माण मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (एमईएलपीएल) ने किया है। ये इंजन अत्याधुनिक और उन्नत तकनीक के आईजीबीटी आधारित इंजन हैं, जिन्हें 3 चरणों के अभियान के अंतर्गत निर्मित किया गया है और इन विद्युत चालित इंजनों की क्षमता 12000 हॉर्स पावर की है। अधिक क्षमता वाले इन इंजनों के रेल बेड़े में शामिल होने से रेलमार्गों पर भीड़ कम होगी, क्योंकि इनकी औसत गति बेहतर है और यह अधिक लोड वाली मालगाड़ी को भी आसानी से खींच सकते हैं।
डब्लूएजी 12बी इंजन 706 केएन के अधिकतम संकर्षण के लिए सक्षम है, जो 150 में 1 की ढाल में 6000 टी ट्रेन का संचालन शुरू करने और चलाने में सक्षम है। करीब 22.5 टी (टन) के एक्सल लोड के ट्विन बो-बो डिजाइन वाले इंजन को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ 25 टन तक उन्‍नत (अपग्रेड) किया जा सकता है। उन्नत किस्म के रेल इंजनों का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत किया गया है और यह देश के माल ढुलाई अभियान में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। इन इंजनों के चलते माल गलियारों तथा अन्य मार्गों पर माल गाड़ियों की भीड़ में कमी लाने में मदद मिलेगी, क्योंकि ये इंजन अधिक क्षमता में माल ढुलाई करने में सक्षम हैं और इनकी गति भी ज्यादा है। अबतक इन विद्युत चालित इंजनों को रेलवे के सभी डिवीजन में लगाया गया है और यह बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। आनेवाले समय में इस तरह के और अधिक विद्युत चालित इंजनों के उत्पादन की आशा है।
यह इलेक्ट्रिक इंजन समर्पित माल गलियारे के लिए कोयला ढोने वाली माल गाड़ियों हेतु बाजी पलटने वाले साबित होंगे। विद्युत चालित इंजनों को जीपीएस सिस्टम से ट्रैक किया जा सकता है, ताकि इसके परिचालन को लेकर उपयुक्त रणनीति तैयार की जा सके। इस ट्रैकिंग व्यवस्था के लिए एंटीना और सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है, जिन्हें नियंत्रण कक्ष में मौजूद सर्वर से माइक्रोवेव लिंक से जोड़ा गया है। डबल्यूएजी 12बी ई-लोको अबतक 48 लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं और देश के 17 राज्यों तथा 2 केंद्रशासित प्रदेशों में विभिन्न आवश्यक वस्तुओं को पहुंचा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि रेलवे ने मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड के साथ खरीद और देखभाल समझौता किया है। पहला 12000 हॉर्स पावर का इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव भारत में बिहार मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री में निर्मित हुआ और 18 मई 2020 को इसे रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन स्टेशन पर सेवा में सम्मिलित किया गया था।

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