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'इंडियाज हेरिटेज: पॉवरिंग टूरिज्म'

महाकाव्य रामायण पर ऑनलाइन प्रदर्शनी

विश्व धरोहर दिवस-2021 पर वेबिनार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 19 April 2021 04:34:55 PM

online exhibition on epic ramayana

नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने विश्व धरोहर दिवस-2021 पर पर्यटन मंत्रालय के वेबिनार 'इंडियाज हेरिटेज: पॉवरिंग टूरिज्म' को संबोधित किया और महर्षि वाल्मीकि रचित महाकाव्य रामायण पर ऑनलाइन प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया, जो रामायण पर पहली ऑनलाइन प्रदर्शनी है। ऑनलाइन प्रदर्शनी में नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय के 49 लघु चित्रों के संग्रह दिखाए गए हैं, जो 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच के भारत की अलग-अलग कला विधाओं के हैं। प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि विश्व धरोहर दिवस 39 वर्ष से मनाया जा रहा है, जबकि हमारी विरासत हजारों वर्ष पुरानी है। उन्होंने कहा कि भारत में मंदिरों, नृत्य, संगीत, शास्त्रों की एक अनूठी विरासत है, जो दुनिया में कहीं नहीं मिल सकती और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इन अमूल्य विरासतों की रक्षा करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है तथा इसके लिए नियामक एवं प्रशासनिक संरचना के अलावा समुदाय की भागीदारी और जागरुकता पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है।
पर्यटन और संस्कृति राज्यमंत्री ने कहा कि हमें अब विरासत के क्षेत्र में विचार-विमर्श और गंभीरता से काम करने की जरूरत है, यह युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह उचित तथ्यों और समय-सीमा के साथ देश की विशाल विरासत को बढ़ावा देने के काम को आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि युवा पूरी सफलता से यह कार्य कर सकते हैं, क्योंकि वे प्रौद्योगिकी में निपुण हैं और उनके पास अधिक संसाधन हैं, जो अमूल्य उपकरण प्रदान करते हैं, जिनकी मदद से वे इतिहास और घटनाओं का अधिक सटीक रूपसे पता लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसे एक चुनौती के रूपमें लिया जाना चाहिए, हमारी विरासत स्थलों और स्मारकों का विविध कलात्मक परंपराओं और सांस्कृतियों के साथ घनिष्ठ संबंध है, हमारे पास कई प्राचीन स्थल और मंदिर हैं, लेकिन उन्हें वैश्विक मंच पर उनकी वह जगह नहीं मिली है, जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने कहा कि संरक्षणवादियों, पुरातत्वविदों और इतिहासकारों से लैस मानव संसाधन को एक साथ लाना जरूरी है, जो विशाल विरासत पर उचित प्रकाश डाल सकते हैं और इसे पेशेवर तरीके से विश्व मंच पर ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरी मानव संसाधन के इस समूह का एकसाथ निर्माण करते रहना भी आवश्यक है।
पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा कि हम पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं और हमारी संस्कृति एवं धरोहर पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं, इसे लेकर हमारे पास दीर्घकालिक योजनाएं होनी चाहिएं, जिनमें हमारी संस्कृति एवं विरासत का व्यवस्थित विकास शामिल होगा और युवा पीढ़ी की भागीदारी के साथ ठोस नतीजे हासिल करने के लिए इसे उपयुक्त मंचों पर प्रदर्शित किया जाएगा। प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि विश्व सांस्कृतियों में उत्सव मनाना और ऐतिहासिक स्थलों को लेकर जागरुकता फैलाना समय की जरूरत है, दुनियाभर में वास्तुकला, पुरातत्व, प्रदर्शन एवं दृश्य कला, संस्कृति जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की परिणति ने युवा पीढ़ी के लिए मूर्त और अमूर्त विरासत सांस्कृतिक स्मारकों को संरक्षित करने में योगदान दिया है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि इस तरह की प्रतिष्ठित और ज्ञानी हस्तियों से युक्त यह पैनल चर्चा हमारी अनमोल धरोहरों को संरक्षित करने में काफी मदद करेगी। भारत की व्यापक और शानदार मूर्त एवं अमूर्त विरासत की खोज और पर्यटकों के अनुभव को समृद्ध करने में इसकी महत्ता का पता लगाने के लिए वेबिनार भारत की विरासत: पर्यटन को प्रोत्साहन का आयोजन किया गया।
पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त महानिदेशक पर्यटन रुपिंदर बरार ने विचार मंथन सत्र का संचालन किया और विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने इसमें हिस्सा लिया-अभय मंगलदास हाउस ऑफ मंगलदास, हर्षवर्धन नो फुटप्रिंट्स, शैलजा कटोच हाउस ऑफ कांगड़ा, डॉ श्रुति नाडा पोद्दार नाडा योगा, कृतिका सुब्रह्मणियन स्वत्मा, सुदक्षना थंपी योगा एंड स्पिरिचुअल हीलिंग, डॉ शोवना नारायण कथक नृत्यांगना, दिनेश के पटनायक महानिदेशक आईसीसीआर और लवलीन सागर डिस्टेंट फ्रंटियर्स। इस वर्ष विश्व धरोहर दिवस-2021 का थीम कॉम्प्लेक्स पास्ट्स: डाइवर्स फ्यूचर्स यानी जटिल अतीत: विविध भविष्य है। ऑनलाइन प्रदर्शनी के लिए वेबलिंक https://nmvirtual.in/Virtual_Tour/Ramayan/ है।

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