स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत का अफ्रीकी देशों में पहला व्यापार करार

भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौता

मॉरीशस के प्रधानमंत्री और भारत के विदेश मंत्री भी रहे मौजूद

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 February 2021 04:22:11 PM

india-mauritius comprehensive economic cooperation and partnership agreement

पोर्टलुई/ नई दिल्ली। भारत सरकार में वाणिज्य सचिव डॉ अनूप वधावन और मॉरीशस के राजदूत एवं विदेश मामलों, क्षेत्रीय एकीकरण तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मामलों के सचिव हय्मनदिल डिलम ने राजधानी पोर्टलुई में एक कार्यक्रम में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए) पर हस्ताक्षर किए। गौरतलब है कि भारत का अफ्रीका के किसी देश के साथ सीईसीपीए पहला व्यापार समझौता है। यह एक सीमित समझौता है, जो बिजनेस में वस्तुओं, मूल नियमों, सेवाओं, बिजनेस में तकनीकी बाधाओं, स्वच्छता और फाइटो सैनिटेरी उपायों, विवाद निपटाने, व्यक्तियों के सामान्य तरीके से आने-जाने, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में सहयोग करेगा।
भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और उसे बेहतर बनाने एवं एक संस्थागत तंत्र के रूपमें काम करने का मौका देगा। सीईसीपीए के तहत भारत की 310 निर्यात वस्तुएं शामिल होंगी, जिसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ (80 उत्पाद), कृषि उत्पाद (25 उत्पाद), कपड़ा और टेक्सटाइल से बने उत्पाद (27 उत्पाद), आधार धातु और उससे जुड़ी अन्य वस्तुएं (32 उत्पाद), इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं (13 उत्पाद), प्लास्टिक और रसायन (20 उत्पाद), लकड़ी और उससे बने उत्पाद (15 उत्पाद) और अन्य उत्पाद प्रमुख हैं, इसी तरह मॉरीशस के 615 उत्पादों को भारतीय बाज़ार में प्राथमिकता मिलेगी, जिसका उसे फायदा मिलेगा। इसके तहत फ्रोजेन मछली, स्पेशलाइज्ड चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, रस, मिनरल वॉटर, बीयर, अल्कोहल ड्रिंक, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरण और कपड़े शामिल हैं।
सेवा क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की मॉरीशस के 11 प्रमुख क्षेत्रों के लगभग 115 सब-सेक्टर तक पहुंच बनेगी, जिसमें पेशेवर सेवाएं, कंप्यूटर संबंधित सेवाएं, अनुसंधान और विकास, व्यावसायिक सेवाएं, दूरसंचार, वित्तीय,वितरण, शिक्षा, पर्यावरण, पर्यटन और यात्रा, मनोरंजन, योग, ऑडियो-विज़ुअल सेवाएं और परिवहन सेवाएं देने का फायदा भारतीय कंपनियों को मिलेगा। भारत ने भी 11 प्रमुख सेवा क्षेत्रों के लगभग 95 सब-सेक्टर को मॉरीशस की कंपनियों के लिए खोले हैं, इनमें पेशेवर सेवाएं, अनुसंधान और विकास, व्यावसायिक सेवाएं, दूरसंचार, वित्तीय, वितरण, उच्च शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, पर्यटन और यात्रा से संबंधित सेवाएं, मनोरंजन और परिवहन सेवाएं शामिल हैं। दोनों पक्ष समझौते पर हस्ताक्षर करने के दो साल के भीतर सीमित संख्या में अति संवेदनशील उत्पादों के लिए एक स्वचालित ट्रिगर सुरक्षा तंत्र पर बातचीत करने के लिए भी सहमत हुए हैं। यह समझौता जल्द ही लागू होगा और भारत-मॉरीशस के बीच पहले से ही मौजूद गहरे एवं खास संबंधों को और मजबूत करेगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]