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भारत ने चाबहार भेजी मोबाइल हार्बर क्रेन

भारत और ईरान में समझौते के तहत भेजी गईं हार्बर क्रेनें

क्रेन 140 मीट्रिक टन भार उठाने की क्षमता से लैस हैं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 19 January 2021 01:45:32 PM

india sent mobile harbor crane to chabahar

नई दिल्ली। भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह को दो मोबाइल हार्बर क्रेन की एक खेप भेजी है। यह खेप 6 मोबाइल हार्बर क्रेन (एमएचसी) की आपूर्ति के लिए किए गए एक अनुबंध समझौते के तहत भेजी गई है, जिसका कुल अनुबंध मूल्य 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। इटली के मारघेरा बंदरगाह से पहुंचीं क्रेनों की इस खेप को 18 जनवरी 2021 को चाबहार बंदरगाह पर सफलतापूर्वक उतार लिया गया और अभी इन क्रेनों का परीक्षण चल रहा है। करीब 140 मीट्रिक टन भार उठाने की क्षमता से लैस मोबाइल हार्बर क्रेन जैसे बहुउद्देशीय उपकरण और सामान भारत पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड को चाबहार के शाहिद बेहेश्टी बंदरगाह में कंटेनर, बल्क और जनरल कार्गो की निर्बाध सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएंगे।
मोबाइल हार्बर क्रेनें चाबहार के शहीद बेहेश्टी बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के विकास में भारत की प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम है। चाबहार विकास चरण-I के तहत शहीद बेहेश्टी बंदरगाहको सुसज्जित करने, उसका मशीनीकरण करने और वहां परिचालन शुरू करने के उद्देश्य से ईरानी इस्लामिक गणराज्य और भारतीय गणराज्य के बीच एक द्विपक्षीय अनुबंध पर 23 मई 2016 को हस्ताक्षर किए गए थे, जिसका कुल अनुबंध मूल्य 85 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। इस महत्वाकांक्षी उद्देश्य को पूरा करने के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड मुंबई नाम के एक एसपीवी को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के दायरे में शामिल किया गया था। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग स्वतंत्र प्रभार मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस अवसर पर कहा है कि चाबहार बंदरगाह एक रणनीतिक बंदरगाह है, जिसका राष्ट्रीय महत्व है।
पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि क्रेन सहित भारी उपकरणों की खेप की आपूर्ति, रणनीतिक महत्व की चाबहार बंदरगाह परियोजना, जोकि मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंच प्रदान करेगा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चाबहार बंदरगाह का विकास भारत और ईरान के बीच आर्थिक एवं आपसी संबंधों के विस्तार की दिशा में एक अहम कदम है और यह दोनों देशों के बीच होने वाले समुद्री व्यापार को और अधिक बढ़ावा देगा। भौगोलिक अवस्थिति की दृष्टि से चाबहार बंदरगाह का रणनीतिक महत्व है और इसमें भारत, ईरान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान तथा अन्य सीआईएस देशों विशेष रूपसे पूर्वी सीआईएस देशों के साथ संपर्क प्रदान करने और उनके बीच व्यापार बढ़ाने की जबरदस्त क्षमता है।

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