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'एलयू लोकल विधाओं उत्पादों पर शोध कराए'

लखनऊ विश्वविद्यालय ऊंचे संकल्पों की प्रेरणा भूमि-प्रधानमंत्री

लखनऊ विश्वविद्यालय का शताब्दी एवं स्थापना दिवस समारोह

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Wednesday 25 November 2020 11:42:25 PM

pm narendra modi at the celebration of university of lucknow through video conferencing in new delhi.

लखनऊ/ नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय को अपने शैक्षणिक दायरे के जनपदों की लोकल विधाओं, लोकल उत्पादों पर रिसर्च करनी चाहिए, इन उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग, मैनेजमेंट आदि के सम्बंध में स्ट्रेटजी बनानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों पर व्यापक शोध से सरकार को इनके बारे में नीति बनाने में सहायता मिलेगी, साथ ही स्थानीय उत्पादों को ग्लोबली कांपटीटिव बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि लोकल विधाओं, लोकल उत्पादों पर अध्ययन एवं शोध से ‘एक जनपद एक उत्पाद’ की भावना सच्चे अर्थों में साकार होगी। प्रधानमंत्री आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी उत्सव एवं स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ई-माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष पर आधारित विशेष डाक टिकट, विशेष कवर एवं विशेष स्मारक सिक्के का विमोचन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का केंद्र होने के साथ ही ऊंचे लक्ष्यों और ऊंचे संकल्पों को हासिल करने की प्रेरणा भूमि है। लखनऊ विश्वविद्यालय के सौ वर्ष के योगदान को उल्लेखनीय बताते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 को ध्यान में रखकर आगामी वर्षों में अपने द्वारा किए जा सकने वाले योगदान का रोडमैप तैयार कर उसे मूर्तरूप देने का प्रयास करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक विद्यार्थियों के क्षमता विकास के साथ ही उन्हें अपनी क्षमता पहचानने में भी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि क्षमता के साथ नीयत एवं इच्छाशक्ति होने की भी जरूरत है, इच्छा शक्ति न होने पर जीवन में सही नतीजे नहीं मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोच में पॉजिटिविटी तथा एप्रोच में पॉसिबिलिटी बनाए रखने से कठिन से कठिन लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए आत्ममंथन की आदत भी जरूरी है, इसका सीधा प्रभाव क्षमता और इच्छाशक्ति पर पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वविद्यालय से स्थानीय कलाओं और उत्पादों से संबंधित पाठ्यक्रम पेश करने का आह्वान किया। उन्होंने विस्तार से कहा कि लखनऊ की चिकनकारी, मुरादाबाद के पीतल का सामान, अलीगढ़ के तालों, भदोही के कालीन जैसे उत्पादों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रबंधन, ब्रांडिंग और रणनीति को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कला, संस्कृति और अध्यात्म जैसे विषयों के साथ जुड़ाव को जारी रखने के लिए उन्हें वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराने का भी लखनऊ विश्वविद्यालय आह्वान किया। क्षमताओं को पहचानने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने रायबरेली के रेल कोच कारखाने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कारखाने में किए गए निवेश का लंबे समय तक छोटे उत्पादों और कपूरथला में बनने वाले कोचों में लगने वाले सामानों के अतिरिक्त इस्तेमाल नहीं किया गया था, कारखाना कोच बनाने में सक्षम था, लेकिन इसकी पूरी क्षमताओं का इस्तेमाल कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 2014 में इस कम उपयोगिता की स्थिति में बदलाव किया गया और आज कारखाने में सैकड़ों कोच बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में विद्यार्थियों की सहायता से गांधी जयंती पर पोरबंदर में हुए एक फैशन शो के माध्यम से खादी को लोकप्रिय बनाने के अपने अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि इससे खादी ‘फैशनेबल’ बन गई। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले छह साल में खादी की ‌बिक्री इससे पहले 20 साल में हुई कुल बिक्री से भी ज्यादा हुई है। आधुनिक जीवन के तनावों और गैजेट्स पर बढ़ती निर्भरता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं में चिंतन और आत्मबोध की आदत कम होती जा रही है। उन्होंने युवाओं से हर प्रकार के तनावों के बीच अपने लिए समय निकालने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें अपनी क्षमताएं बढ़ाने में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति खुद ही अपनी परीक्षा लेने का साधन है, नई नीति में विद्यार्थियों में आत्म-विश्वास भरने और उन्हें लचीला बनाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से परम्पराओं को तोड़ने, सीमाओं से आगे सोचने तथा बदलाव से नहीं डरने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से नई नीति के बारे में चर्चा करने और उसके कार्यान्वयन में सहायता करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्चुअल माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय शताब्दी उत्सव एवं स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। रक्षामंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह भी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री एवं रक्षामंत्री ने इस अवसर पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘ये है लखनऊ विश्वविद्यालय’, कॉफी टेबेल बुक ‘यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ’, पुस्तक ‘यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ: ऐन ओडिसी ऑफ हंड्रेड ईयर्स’ तथा शताब्दी कलेंडर का विमोचन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने जिन कस्टमाइज्ड माई-स्टैम्प तथा विशेष आवरण व विरूपण का विमोचन किया उन बहुमूल्य स्मृति चिन्हों पर लखनऊ विश्वविद्यालय की गौरवशाली इमारतों एवं शताब्दी उत्सव के प्रतीक चिन्ह का चित्रण किया गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कला प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में दिनेश शर्मा उप मुख्यमंत्री, नीलिमा कटियार राज्यमंत्री (उच्च शिक्षा), आलोक कुमार राय कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेंद्र कुमार सिन्हा तथा लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल विवेक कुमार दक्ष उपस्थित थे। 
उत्तर प्रदेश डाक परिमंडल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेंद्र कुमार सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय पर जारी किए गए कस्टमाइज्ड माई-स्टैम्प व विशेष आवरण लखनऊ विश्वविद्यालय की 100 वर्षों  में अर्जित ऊचाईयों व इसके स्वर्णिम इतिहास को संजोए हुए हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार  राय, लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों, एलुमनाई एवं उनकी टीम के सदस्यों को इस अवसर के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं। पोस्टमास्टर जनरल विवेक कुमार दक्ष ने कहा कि कस्टमाइज्ड माई-स्टैम्प व विशेष आवरण जारी होने से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को अविस्मरणीय उपहार मिला है, लोग इन स्मृति चिन्हों के माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बंधित यादों को संजोकर रख सकते हैं। डाक विभाग की ओर से विमोचन कार्यक्रम को कोआर्डिनेट कर रहे प्रवर अधीक्षक डाकघर अलोक ओझा ने बताया कि विशेष आवरण का मूल्य 30 रुपए रखा गया है तथा फिलेटलिक ब्यूरो के माध्यम से इनकी बिक्री की जाएगी, साथ ही कस्टमाइज्ड माई-स्टैम्प भारतीय डाक विभाग के ई-पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट https://epostoffice.gov.in पर बिक्री हेतु उपलब्ध रहेंगे।

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