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कोविड पर बेहतर मैनेजमेंट हुआ है-मुख्यमंत्री

कोविड व डेंगू के इलाज की निजी मेडिकल कालेजों में व्यवस्‍था

'कोविड की चुनौती को अवसर में बदलने का कार्य कर रहे हैं'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 24 November 2020 11:52:12 AM

provision of private medical colleges for treatment of covid and dengue

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड-19 की जांच के लिए राजकीय एवं निजी मेडिकल कालेजों में नवस्थापित बीएसएल लैब, कोविड-19 और डेंगू के उपचार के लिए एफेरेसिस एवं केमिल्यूमिनिसेंस फैसिलिटी का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया। निजी मेडिकल कालेजों हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बाराबंकी, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ, रामा मेडिकल कालेज एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट हापुड़, एफएच मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल फिरोजाबाद, टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज लखनऊ, हैरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज वाराणसी, मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज मुजफ्फरनगर में बीएसएल-2 लैब एवं केमिल्यूमिनिसेंस फैसिलिटी तथा मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बाराबंकी में एफेरेसिस फैसिलिटी शुरू की गई है।
राजकीय मेडिकल कालेज कन्नौज में बीएसएल-3 लैब, राजकीय मेडिकल कालेज प्रयागराज में एफेरिसिस फैसिलिटी, राजकीय मेडिकल कालेज आगरा और कानपुर में केमिल्यूमिनिसेंस फैसिलिटी, राजकीय मेडिकल कालेज गोरखपुर में एफेरेसिस फैसिलिटी एवं केमिल्यूमिनिसेंस फैसिलिटी, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फिरोजाबाद में एफेरेसिस फैसिलिटी एवं केमिल्यूमिनिसेंस फैसिलिटी का लोकार्पण किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं देने के लिए संकल्पित है, सभी जनपदों में इसके दृष्टिगत लोगों को उच्चस्तरीय चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं, केंद्र और राज्य सरकार कोविड की चुनौती को अवसर में बदलने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 महीने से पूरी दुनिया कोविड से जूझ रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेहतर अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए एक कारगर रणनीति बनाई है, जिससे कोविड पर बेहतर मैनेजमेंट की व्यवस्था हो पाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेहतर अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कोविड-19 की चुनौती का सामना करने के लिए कारगर रणनीति बनाई, जिसकी सराहना अंतर्राष्ट्रीय संस्था डब्ल्यूएचओ तक ने की है। उन्होंने कहा कि 23 मार्च 2020 को प्रदेश की कोविड-19 टेस्टिंग क्षमता मात्र 72 थी जो आज बढ़कर प्रतिदिन 1 लाख 75 हजार टेस्ट तक पहुंच गई है, अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 80 लाख लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए बेहतर सुविधा देने के दृष्टिगत 1.75 लाख से अधिक कोविड बेड स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार यह नई व्यवस्था प्रारम्भ कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के प्रसार को रोकने में कांटैक्ट ट्रेसिंग व सर्विलांस सिस्टम एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में भी प्रदेश सरकार ने विकास की गति को सतत बनाए रखा है, पहले काफी लोग इंसेफेलाइटिस से काल कवलित हो जाया करते थे, मगर चिकित्सा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ स्वच्छता व शुद्ध पेयजल के लिए किए गए कार्यों से इन आकड़ों में चमत्कारी परिवर्तन देखने को मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जबतक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती है, तबतक सतर्कता और बचाव ही इसका उपचार है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर पूरे विश्व में शोध कार्य चल रहा है, अपने देश में हो रहे शोधों के भी सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं, प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं, इसलिए इसे प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है। कोरोना प्लाज्मा दान पर केंद्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने इस अवसर पर बताया कि कोरोना को रोकने की एक कारगर कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने भी की है, चिकित्सा के क्षेत्र में आज का दिन एक मील का पत्थर साबित होगा। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में सरकारी क्षेत्र की 258 लैब तथा निजी क्षेत्र की 132 लैब के साथ कुल 390 लैब उपलब्ध हैं। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित गुप्ता, सूचना निदेशक शिशिर सहित चिकित्सा से जुड़े वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे।

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