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'छात्र भारत के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं'

प्रधानमंत्री का आईआईटी छात्रों को प्रेरणादायक संबोधन

आईआईटी दिल्ली का कॉंफ्रेंसिंग के जरिए हुआ दीक्षांत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 7 November 2020 04:39:36 PM

narendra modi addressing the 51st convocation of iit delhi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए आईआईटी स्नातकों से देश की आवश्यकताओं को पहचानने और जमीनीस्तर पर हो रहे बदलावों से जुड़ने को कहा है। प्रधानमंत्री ने उनसे आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में आम लोगों की आकांक्षाओं को भी पहचानने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से आईआईटी दिल्ली के 51वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में छात्रों को अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर अभियान एक मिशन है, जो देश के युवाओं, टेक्नोक्रेट्स और तकनीकी उद्यम अधिनायकों को अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज टेक्नोक्रेट्स के विचारों और नवाचारों को स्वतंत्र रूपसे लागू करने और उन्हें आसानी से बाजार में लाने के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है। उन्होंने कहा कि भारत कारोबार में आसानी के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि युवा एवं स्टार्ट-अप अपने नवाचार से देश के करोड़ों लोगों के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव ला सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से कहा कि देश आपको व्यापार करने में आसानी प्रदान करेगा और आप इस देश के लोगों के जीवनयापन में आसानी लाने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में लगभग हर क्षेत्र किए गए व्यापक सुधारों के पीछे भी यही विचार प्रक्रिया है। उन्होंने उन क्षेत्रों को भी सूचीबद्ध किया, जहां सुधारों के कारण पहली बार नवाचार और नए स्टार्ट-अप के लिए अवसर बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य सेवा प्रदाता दिशानिर्देशों को सरल बनाया गया है और हाल ही में हटाए गए प्रतिबंधों से बीपीओ इंडस्ट्रीज के अनुपालन के बोझ को कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बीपीओ उद्योग को बैंक गारंटी सहित विभिन्न आवश्यकताओं से छूट दी गई है, तकनीकी उद्योग को घर से कार्य या कहीं से भी कार्य करने जैसी सुविधाओं से रोकने वाले प्रावधानों को भी हटा दिया गया है, यह देश के आईटी क्षेत्र को वैश्विक स्तरपर प्रतिस्पर्धी बनाएगा और युवा प्रतिभाओं को अधिक अवसर प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत उन देशों में शामिल है, जहां कॉर्पोरेट टैक्स सबसे कम है, स्टार्ट-अप इंडिया अभियान के बाद से भारत में 50 हजार से अधिक स्टार्टअप शुरु हो चुके हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्ष में देश में पेटेंट की संख्या में 4 गुना वृद्धि, ट्रेडमार्क पंजीकरण में 5 गुना वृद्धि जैसे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के संबंध में सरकार के प्रयासों के परिणाम को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष में 20 से अधिक भारतीय इकाइयां स्थापित की गई हैं और इस संख्या में अगले एक या दो वर्षों में और वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज इनक्यूबेशन से लेकर वित्तपोषण तक में स्टार्टअप की सहायता की जा रही है। स्टार्टअप्स के वित्तपोषण के संदर्भ में उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ रुपए के कोष के साथ कोषों का एक कोष बनाया गया है, तीन वर्ष की अवधि के अलावा स्टार्टअप को कर छूट, स्व-प्रमाणन और आसान निकासी जैसी कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को उनके कार्यस्थल के लिए चार मंत्र दिए जैसे-गुणवत्ता पर ध्यान दें कभी समझौता न करें, मापनीयता सुनिश्चित करें अपने नवाचारों का व्यापक स्तरपर उपयोग करें, विश्वसनीयता सुनिश्चित करें बाजार में दीर्घकालिक विश्वास का निर्माण करें, अनुकूलनशीलता लाएं जीवन के एक मार्ग के रूपमें बदलाव और अनिश्चितता को स्वीकार करने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि इन मूल मंत्रों पर कार्य करने से एक पहचान के साथ-साथ ब्रांड इंडिया भी उज्जवल होगा, क्योंकि छात्र भारत के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के कार्य से देश के उत्पाद को वैश्विक पहचान मिलेगी और देश के प्रयासों में तेजी आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के बाद की दुनिया काफी अलग होने जा रही है और प्रौद्योगिकी इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि वर्चुअल वस्तुस्थिति के बारे में कभी सोचा भी नहीं गया था, लेकिन अब वर्चुअल वस्तुस्थिति और संवद्धित वस्तुस्थिति कार्य यथार्थ बन गई है।
नरेंद्र मोदी ने छात्रों के वर्तमान बैच को सीखने और कार्यस्थल में सामने आनेवाले नए मानदंडों के अनुकूल होने वाले लाभ का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने सिखाया है कि वैश्वीकरण महत्वपूर्ण है, लेकिन आत्मनिर्भरता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी में तेजी से प्रगति कर रहा है और आम नागरिकों के जीवन को आसान बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने अंतिम स्तर तक वितरण को कुशल बनाया है और भ्रष्टाचार को कम किया है, डिजिटल लेन-देन के मामले में भी भारत दुनिया के कई देशों से बहुत आगे है और यहां तककि विकसित देश भी यूपीआई जैसे भारतीय प्लेटफार्मों को अपनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी स्वामित्व योजना में एक बड़ी भूमिका निभा रही है, इसके तहत पहली बार आवासीय और जमीन जायदाद की मैपिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले यह काम मैन्युअल रूपसे किया जाता था और इस प्रकार संदेह और आशंकाएं भी स्वाभाविक थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ड्रोन तकनीक का उपयोग करते हुए मानचित्रण किया जा रहा है और ग्रामीण भी इससे पूरी तरह से संतुष्ट हैं, इससे पता चलता है कि भारत के सामान्य नागरिकों को तकनीक पर कितना भरोसा है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आपदा प्रबंधन के पश्चात भूजल स्तर बनाए रखने टेलीमेडिसिन तकनीक और रिमोट सर्जरी व्यापक डेटा विश्लेषण आदि जैसी चुनौतियों में समाधान प्रदान कर सकती है। उन्होंने छात्रों की असाधारण क्षमताओं की प्रशंसा की, क्योंकि उन्होंने कम आयु में ही सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को उत्तीर्ण किया है। प्रधानमंत्री ने उन्हें अपनी क्षमता को और बढ़ाने के लिए लचीला और विनम्र बनने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि लचीलेपन से उनका अभिप्राय किसी भी स्तर पर अपनी पहचान न छोड़ते हुए एक टीम वर्क के रूपमें कार्य करने से कभी नहीं हिचकिचाना और विनम्रता से उनका अभिप्राय किसी की सफलता और उपलब्धियों पर गर्व करते हुए स्वयं को अहंकार से परे रखते हुए जमीन से जुड़े रहने से है।

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