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मानवता पर दशकों का सबसे गंभीर संकट-मोदी

गुटनिरपेक्ष आंदोलन सम्पर्क समूह के साथ वीडियो कॉंफ्रेंस

'गुटनिरपेक्ष आंदोलन आवश्यक रूपसे समावेशी बना रहे'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 5 May 2020 12:31:18 PM

pm at the video conference of nam contact group regarding covid19

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 पर गुटनिरपेक्ष आंदोलन सम्पर्क समूह को वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए इस वर्चुअल कॉंफ्रेंस आयोजित करने के लिए अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम हैदर ओगलू अलियेव का आभार प्रकट किया। उन्होंने दुनियाभर में फैली कोविड-19 महामारी के कारण अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता दशकों के सबसे गंभीर संकट का सामना कर रही है, ऐसे में गुटनिरपेक्ष आंदोलन वैश्विक एकजुटता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन अक्सर दुनिया की नैतिक आवाज़ रहा है, इस भूमिका को बरकरार रखने के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन को आवश्यक रूपसे समावेशी बने रहना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय सभ्यता समूचे विश्व को एक परिवार के रूपमें देखती है, जिस तरह हम अपने नागरिकों की परवाह करते हैं, उसी तरह हम अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए हमने अपने निकटतम पड़ोसी देशों के साथ तालमेल को बढ़ावा दिया है और हम बहुत से अन्य देशों के साथ भारत की चिकित्सकीय विशेषज्ञता को साझा करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को विशेष तौरपर किफायती दवाओं के लिए दुनिया की फार्मेसी माना जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी आवश्यकताओं के बावजूद हमने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 59 सदस्य देशों सहित अपने 123 साझेदार देशों को चिकित्सा आपूर्ति भेजना सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि हम उपचार और वैक्सीन विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, भारत में जड़ी-बूटियों पर आधारित दुनिया की प्राचीनतम परम्परागत औषधि प्रणाली विद्यमान है, हम लोगों की स्‍वाभाविक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में उनकी सहायता करने के लिए सरल आयुर्वेदिक घरेलू उपचार मुक्त भाव से उनके साथ साझा करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब जबकि विश्व कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहा है, ऐसे में कुछ लोग अन्य घातक वायरसों को फैलाने में व्यस्त‍ हैं जैसे आतंकवाद, फेक न्यूज़ और डॉक्टर्ड वीडियो समाजों और देशों को बांटना आदि। उन्होंने कहा कि आज मैं केवल सकारात्मक बातों पर ही ध्या‍न केंद्रित करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि हम एक आंदोलन के रूपमें एकजुट होकर इस कोरोना संकट का मुकाबला करने में विश्व की मदद कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 ने हमें मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की सीमाएं दर्शा दी हैं, कोविड-पश्चात विश्व में हमें निष्पक्षता, समानता और मानवता पर आधारित एक नए स्वरूप के वैश्वीकरण की आवश्यकता होगी, हमें ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था‍ओं की आवश्यकता है, जो आज के विश्व का ज्यादा प्रतिनिधित्व करती हों, हमें सिर्फ आर्थिक प्रगति पर ही ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, बल्कि मानव कल्याण को बढ़ावा देने की जरूरत है, भारत लम्बे अर्से से ऐसी पहलों का समर्थक रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समस्त मानव जाति के शारीरिक और मानसिक कल्याण को बेहतर बनाता है, जिस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन हमारे ग्रह को जलवायु परिवर्तन की व्याधि से स्वस्थ होने में मदद करता है, उस प्रकार आपदारोधी अवसंरचना के लिए वैश्विक गठबंधन जलवायु और आपदा जोखिमों से हमारी रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि अनेक देश सैन्य अभ्यास आयोजित करते हैं, लेकिन भारत ने हमारे क्षेत्र और उससे परे आपदा प्रबंधन अभ्यास का आयोजन करने की दिशा में पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और विश्व स्वास्थ्य संगठन से विकासशील देशों में स्वास्थ्य क्षमता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें स्वास्थ्य उत्पादों और प्रौद्योगिकियों तक सभी की समान, किफायती और समय पर पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए, हमें अपने अनुभवों, उत्कृष्ट पद्धतियों, संकट प्रबंधन प्रोटोकॉल्स, अनुसंधान एवं संसाधनों को एकत्र करने के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सभी सदस्य देशों के लिए एक मंच तैयार करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 से अधिक सरकार प्रमुखों, राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं से मुखातिब हुए, इनमें एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन, यूरोप के सदस्य देश, संयुक्तराष्ट्र महासभा के अध्यक्ष प्रोफेसर तिजानी मुहम्मद बांडे, संयुक्तराष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, अफ्रीकी संघ के चेयरपर्सन मूसा फाकी महातम, यूरोपीय संघ के हाई रिप्रजेंटेटिव जोसेफ बोरेल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस घेब्रेयेसस भी शामिल थे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे आंदोलन की स्थापना की भावना के अनुसार आइए हम सभी एकजुट हों, अलग-थलग न हों, यदि हम सभी एकजुट होंगे, केवल तभी हममें से प्रत्येक देश इस महामारी से सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने कहा कि आइए हम सभी एक समावेशी और सहयोगपूर्ण वैश्विक प्रतिक्रिया के लिए साझेदारों की तरह कार्य करें। उन्होंने कहा कि मानव आबादी का छठा भाग भारत में निवास करता है, हम एक विकासशील देश और मुक्त समाज हैं, संकट की इस घड़ी में हमने दर्शाया है कि कैसे लोकतंत्र, अनुशासन और निश्चयात्मकता एकसाथ मिलकर वास्तविक जनांदोलन का सूत्रपात कर सकते हैं।

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