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लॉकडाउन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर विमर्श

हरसिमरत कौर की फिक्की व औद्योगिक प्रमुखों से कॉंफ्रेंस

तैयार फसलों की खरीद हेतु आगे आने का किया अनुरोध

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 29 April 2020 06:39:08 PM

harsimrat kaur's conference with ficci and industrial heads

नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और औद्योगिक सदस्यों के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की वर्तमान स्थिति और लॉकडाउन के बाद के परिदृश्य में उद्योग की आवश्यकताओं पर वीडियो कॉंफ्रेंस से विचार-विमर्श किया। फिक्की के महासचिव दिलीप चेनॉय ने केंद्रीय एफपीआई मंत्री को लॉकडाउन की शुरुआत से ही खाद्य उद्योग में निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। हरसिमरत कौर बादल ने कोविड-19 को नियंत्रित करने के उपायों से समझौता किए बिना अपने कार्यों को पूरी क्षमता से संचालित करने के लिए औद्योगिक इकाईयों के महत्व को स्पष्ट किया है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों और इंवेस्ट इंडिया के सदस्यों के नेतृत्व में मंत्रालय का टास्क फोर्स पहले से ही सभी राज्यों के सामने आनेवाले मुद्दों और चुनौतियों के समाधान के लिए उद्योगजगत से समन्वय कर रहा है और उनकी सहायता भी कर रहा है।
हरसिमरत कौर बादल ने देश के विभिन्न हिस्सों में तैयार फसलों और फल व सब्जियां के नुकसान पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अनुरोध किया कि हितधारक तैयार गेहूं, धान आदि फसलों और फलों, सब्जियों आदि खाद्य सामानों की खरीद के लिए आगे आएं, ताकि बर्बादी को कम किया जा सके और किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके। औद्योगिक सदस्यों ने मंत्रालय के आवश्यक हस्तक्षेप के लिए कुछ मौजूदा मुद्दों का हवाला दिया, जिनमें विभिन्न कंटेनमेंट ज़ोन में संचालन सुविधाओं के लिए एसओपी की आवश्यकता, चुनौतियों के समाधान के लिए राज्य स्तरपर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए समर्पित नोडल अधिकारी, सुविधाओं को संचालित करने और आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने के लिए श्रमिकों को जारी किए जाने वाले मानकीकृत प्रोटोकॉल, कोविड क्लस्टर व क्षेत्रों की पहचान करने की प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन आदि शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने यदि उद्योग अपने श्रमिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने में सक्षम हों तो कंटेनमेंट ज़ोन में खाद्य उद्यमों के संचालन तथा 60-75 प्रतिशत श्रमिकों को उद्यमों में काम करने की अनुमति देने के विचार के साथ साथ उद्योग के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों के बारे में उद्योग संघ की मांग पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि खुदरा उद्योग को पुनर्जीवित करने के विषय पर भी उद्योग जगत से विचार आमंत्रित किए गए हैं। औद्योगिक सदस्यों ने उल्लेख किया कि बड़े खाद्य पैकेजिंग की मांग बढ़ने के कारण खाद्य उद्योग में तेजी आने की सम्भावना है और कहा कि आपूर्ति श्रृंखला पुन: स्थापित होते ही उद्योग में फिर से रफ़्तार आ जाएगी। एफपीआई सचिव पुष्पा सुब्रह्मण्यम ने संकट के इस समय में खाद्य उत्पादों की आपूर्ति बनाए रखने में समर्थन के लिए फिक्की और इसके सदस्यों को धन्यवाद दिया। यह जानकारी दी गई कि लॉजिस्टिक्स, गोदाम संचालन, श्रमिकों और वाहनों की आवाजाही आदि से संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार आवश्यक पहल पहले ही कर चुकी है। एफपीआई के सचिव ने औद्योगिक सदस्यों को शिकायत प्रकोष्ठ के साथ विशिष्ट मुद्दों को साझा करने की सलाह दी, ताकि टीम उन्हें हल करने में सक्षम हो सके। सरकार ने उद्यमों में अधिक कार्यबल की अनुमति देने के लिए उद्योग से एक व्यावहारिक मॉडल भी आमंत्रित किया। खाद्य उद्योग को समर्थन प्रदान करने के लिए एक योजना तैयार करने हेतु सदस्यों से सुझाव भी आमंत्रित किए गए।
फिक्की की फूड प्रोसेसिंग कमेटी के अध्यक्ष और आईटीसी फूड्स डिवीजन के सीईओ हेमंत मलिक, कारगिल इंडिया के अध्यक्ष साइमन गेरोगे, कोका कोला इंडिया के अध्यक्ष टी कृष्णकुमार, केलॉग इंडिया के प्रबंध निदेशक मोहित आनंद, मोंडेलेज़ इंटरनेशनल इंडिया के अध्यक्ष दीपक अय्यर, एमटीआर फ़ूड्स के सीईओ संजय शर्मा, अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी, ज़ायडस वेलनेस के सीईओ तरुण अरोरा और कई अन्य लोगों ने उद्योग के वर्तमान परिदृश्य एवं आगे की योजना पर अपने विचार साझा किए। औद्योगिक सदस्यों को अवगत कराया गया कि इन सिफारिशें पर आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालयों के साथ पहले ही बातचीत की जा चुकी है। केंद्रीय मंत्री ने औद्योगिक सदस्यों को मंत्रालय से आवश्यक समर्थन का आश्वासन दिया और उन्हें किसी भी सहायता के लिए टास्क फोर्स के संपर्क में रहने को भी कहा है।

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