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रक्षा निर्माण कंपनियों की भी कोविड से जंग

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉंफ्रेंस पर की प्रशंसा

कोविड-19 से लड़ने के लिए नए उत्पादों का निर्माण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 28 April 2020 06:49:08 PM

rajnath singh reviewing contribution of ddpsu and ofb to fight covid-19

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉंफ्रेंस से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रक्षाक्षेत्र की सार्वजनिक इकाइयों और आयुध निर्माणी बोर्ड के सहयोग तथा उनकी परिचालन योजनाओं की समीक्षा की है। रक्षामंत्री ने रक्षाक्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा कोविड-19 से लड़ने के लिए नए उत्पादों के निर्माण में प्रदर्शित अभिनव कौशल और स्थानीय प्रशासन को कई रूपों में प्रदान की गई सहायता की सराहना की। रक्षामंत्री ने इन इकाइयों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद फिर से काम शुरु करने के लिए जरूरी योजना तैयार करने को कहा, ताकि लॉकडाउन की वजह से बर्बाद हुए काम की भरपाई की जा सके और उत्पादन शुरु किया जा सके। अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन के बाद पुनर्जीवित करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का उल्लेख करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के निजी उद्योगों के साथ-साथ डीपीएसयू आर्थिक पुनरुद्धार में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग, ओएफबी और डीपीएसयू की ओर से पीएम केयर्स में 77 करोड़ रुपये दान दिए जाने की सराहना की। यह रकम कर्मचारियों के एक दिन के वेतन और कंपनियों के सीएसआईआर फंड से जुटाई गई है। यह भी कहा गया है कि अप्रैल 2020 के दौरान डीपीएसयू की ओर पीएम केयर्स में और भी योगदान किया जा सकता है। आयुध निर्माणी बोर्ड ने बताया कि उसके 41 विनिर्माण स्थानों में से किसी में भी पॉजिटिव का कोई मामला सामने नहीं आया है। बोर्ड की ओर से यह जानकारी भी दी गई कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में उसकी ओर से 100 से अधिक वेंटिलेटरों की मरम्मत, 12,800 कवरआल सूट का उत्पादन, पीपीई के परीक्षण के लिए स्थानिक मशीनों का विकास, स्थानीय अधिकारियों को 6.35 लाख मास्क की आपूर्ति, कोविड रोगियों के लिए अरुणाचल प्रदेश को 340 विशेष टेंटों की आपूर्ति और एक 1 लाख लीटर हैंड सैनिटाइजर इत्यादि वितरित किए गए हैं। बोर्ड ने 10 स्थानों पर अपने अस्पतालों में 280 आइसोलेशन बेड लगाए हैं, इसके अलावा एचएएल ने कोविड रोगियों के लिए बेंगलूरु में 93 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने मई 2020 में 12,000 वेंटिलेटर और जून में और 18,000 वेंटिलेटर बनाने की व्यवस्था की है। इन वेंटिलेटर को संचालित करने में स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण में लगभग 3,000 इंजीनियर भी भाग लेंगे। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने 300 एयरोसोल कैबिनेटों का निर्माण किया है और उनकी विभिन्न अस्पतालों में आपूर्ति की है। इसने 56,000 मास्क वितरित किए हैं और प्रवासी मजदूरों को सहायता प्रदान की है। इसके अलावा कंपनी ने कोविड रोगियों के लिए बेंगलूरु में 93 आइसोलेशन बिस्तरों की व्यवस्था भी की है। एचएएल के कर्मचारियों के बीच कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। भारत डायनामिक्स लिमिटेड भी वेंटिलेटर के लिए डिजाइन को अंतिम रूप देने और इसका प्रोटोटाइप बनाने के लिए प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है।
मझगावं शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने मुंबई के नौसेनिक क्वारंटाइन केंद्र को पांच लाख रुपये की पीपीई और दवाइयां उपलब्ध करवाई हैं और 4,000 लीटर सैनिटाइज़र वितरित किया है। नॉन रेड जोन में ओएफबी और डीपीएसयू की कई इकाइयां पहले से ही परिचालन शुरू कर चुकी हैं। लगभग सभी डीपीएसयू ने लॉकडाउन हटने के बाद उत्पादन में तेजी लाने के लिए तीन शिफ्टों में काम करने और सप्ताह में पांच दिनों की बजाए छह दिन काम करने की योजना बनाई है। सभी इकाइयों में सामाजिक दूरी बनाए रखने तथा स्वास्थ्य संबधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए काम किया जाएगा। वीडियो कॉंफ्रेंस में रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव राजकुमार, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, ओएफबी, बीईएल, एचएएल, एमडीएल, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, मिधानी मिश्रधातु निगम लिमिटेड और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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