स्वतंत्र आवाज़
word map

दिल्ली में एकीकृत वित्त सलाहकारों की कार्यशाला

रक्षा मंत्रालय को आवंटित हुई निधि का पूरा इस्‍तेमाल-रक्षामंत्री

रक्षा मंत्रालय के वित्त और रक्षा लेखा महानियंत्रक की सराहना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 25 December 2019 02:41:17 PM

integrated finance advisors workshop, in new delhi

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एकीकृत वित्त को किसी भी मंत्रालय या विभाग की नींव बताते हुए कहा है कि वांछित उद्देश्यों को तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब कोई मंत्रालय या विभाग, परिचालन आवश्यकताओं पर समझौता किए बिना अपने बजटीय संसाधनों के हिसाब से प्रबंधन करने में सक्षम हो। एकीकृत वित्तीय सलाहकारों की कार्यशाला को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहते हुए पूरी तत्‍परता और तालमेल के साथ सेना के तीनों अंगों और आयुध कारखानों, भारतीय तटरक्षक बल, सीमा सड़क संगठन और डीआरडीओ जैसे संबद्ध संगठनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए रक्षा मंत्रालय के वित्त विभाग तथा रक्षा लेखा महानियंत्रक की सराहना की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तीन वर्ष से रक्षा मंत्रालय आवंटित निधि का पूरा इस्‍तेमाल नहीं कर सकने के पुराने चलन को छोड़ते हुए निधियों का भरपूर इस्‍तेमाल कर रहा है, ऐसा उसे मिली ज्‍यादा वित्‍तीय शक्तियों से संभव हो पाया है। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय को पूंजी और राजस्‍व जुटाने के अधिकार दिए गए हैं, ता‍कि सशस्‍त्र सेनाएं अपनी जरूरत के हिसाब से 300-500 करोड़ रुपये तक की खरीद कर सकें। रक्षामंत्री ने कहा कि परिचालन संबंधि तत्‍काल जरुरतों को देखते हुए सशस्‍त्र सेनाओं को आपात अधिकार भी दिए गए हैं, इससे सेनाओं की परिचालन क्षमता में इजाफा हुआ है। रक्षामंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं न केवल सरकार की नीतियों और कार्यप्रणालियों की समीक्षा में बड़ी भूमिका निभाती हैं, बल्कि भविष्य की नितियां तय करने का मार्ग भी प्रशस्त करती हैं।
रक्षामंत्री ने कहा कि इस तरह के आयोजन इस बात का भरोसा बनाते हैं कि हम अपने वित्तीय मामलों के प्रति कितने ज्यादा जवाबदेह हैं, इस तरह की जिम्मेदारियां और प्रतिबद्धता हमारे शासन जवाबदेह तथा देश को वित्तीय रूपसे ज्यादा स्वावलंबी बनाते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के तहत सरकार के कार्यों को ज्यादा प्रभावी एवं दक्ष बनाया जा रहा है, सरकारी अधिकारियों के लिए प्रदर्शन मानक तय किए जा रहे हैं, वित्तीय प्रबंधन में ज्यादा दूरदर्शिता एवं जवाबदेही की प्रणालियां अपनाई जा रही हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि ऐसे में इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन काफी प्रगतिशील और रचनात्मक साबित होता है, इनके माध्यम से चरणबद्ध तरीके से सुधार का रोडमैप तैयार किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वित्तीय सलाहकार एक मध्यस्थ की तरह काम करेंगे और परियोजनाओं को समय में पूरा करने में मददगार होंगे।
रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने वित्तीय सलाहकारों को रक्षा मंत्रालय के आंख और कान बताते हुए कहा कि उनकी मुख्य भूमिका सशस्त्र सेनाओं और अन्य संगठनों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाना है। उन्होंने वित्तीय संसाधनों के साथ ही गैर-वित्तीय संसाधनों पर भी ध्यान दिए जाने की अपील करते हुए कहा कि यह संसाधन भी समान रूपसे महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्रालय के वित्त विभाग की सचिव गार्गी कॉल ने वित्त संबंधी सलाह को सुशासन और जवाबदेही का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि वित्तीय सलाहकारों का काम बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ कार्यकारिणी को अपने उद्देश्य प्राप्त करने में मदद करना है। कार्यशाला में थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, लेखा रक्षा महानियंत्रक संजीव मित्तल, रक्षा उत्पादन सचिव सुभाष चंद्र, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, देशभर के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वित्तीय सलाहकारों ने भी हिस्सा लिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]