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डीआरडीओ व रक्षा उद्योगों की समन्‍वय बैठक

रक्षा क्षेत्र में नवाचार और उत्‍कृ‍ष्‍टता की आवश्‍यकता पर जोर

रक्षामंत्री ने वीडियो संदेश के जरिए बैठक को संबोधित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 23 November 2019 02:04:24 PM

drdo and industry co-ordination meeting

हैदराबाद। रक्षा और अनुसंधान विकास संगठन और घरेलू रक्षा उद्योगों के बीच हैदराबाद में समन्‍वय बैठक हुई, जिसमें वीडियो संदेश के जरिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा प्रणालियों और टेक्‍नालॉजी के स्‍वदेशी विकास को प्रोत्‍साहित करने के लिए डीआरडीओ और घरेलू रक्षा उद्योगों के बीच और अधिक समन्‍वय का स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा कि डीआरडीओ रक्षा प्रणाली विकास के क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता प्राप्‍त करने के लिए महत्‍वपूर्ण कदम उठा रहा है। उन्‍होंने कहा कि डीआरडीओ ने प्रक्षेपास्‍त्र, लड़ाकू विमान, नौसेना प्रणाली, इलेक्‍ट्रोनिक युद्ध, राडार, सोनार तथा शस्‍त्र प्रणा‍ली के क्षेत्र में अनुसंधान, डिजाइन और विकास की दिशा में योगदान किया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा उत्‍पादन की नीति के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक एयरोस्‍पेश, रक्षा सेवाओं और सामग्रियों के लिए 26 बिलियन डॉलर निर्धारित किया है, इसमें से लगभग 10 बिलियन डॉलर का उपयोग 20 से 30 लाख लोगों को रोज़गार के अवसर सृजित करने में किया जाएगा। रक्षा क्षेत्र में नवाचार और आत्‍मनिर्भरता को प्रोत्‍साहित करने के सरकार के कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने रक्षा नवाचार और उन्‍हें अपनाने में उत्‍कृ‍ष्‍टता की आवश्‍यकता पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि निकट भविष्‍य में 25 आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित उत्‍पादों को शामिल करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा इकाईयों, उद्योग, अनुसंधान संस्‍थानों और सेवाओं को एकसाथ मिलकर काम करने की आवश्‍यकता है।
रक्षामंत्री ने सराहना की कि डीआरडीओ ने 1800 से अधिक उद्योगों का पालन-पोषण किया है, जो एकसाथ रक्षा प्रणालियों का उत्‍पादन कर रहे हैं। रक्षा विभाग के सचि‍व और डीआरडीओ के अध्‍यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने टेक्‍नालॉजी के शून्‍य हस्‍तांतरण और विकास-सह-उत्‍पादन साझेदारों के लिए शून्‍य रायल्‍टी और घरेलू उद्योगों द्वारा डीआरडीओ के पेटेंट के निशुल्‍क उपयोग जैसी नवीनतम नीतियों की जानकारी दी। उन्‍होंने स्वदेशी रक्षा उद्योग में विश्‍वास व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि खाईयों को पाटने के लिए घरेलू रक्षा उद्योग और डीआरडीओ के बीच घनिष्‍ठ सक्रियता और ज्यादा तेजी से बढ़नी चाहिए।

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