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'यांत्रिक सफाई व सफाई कर्मियों की सुरक्षा पर जोर'

सरकार 'हाथ से मैला सफाई प्रथा' को समाप्‍त करने के लिए प्रतिबद्ध

सतत स्वच्छता पर थावरचंद गहलोत व हरदीप पुरी ने देखी प्रदर्शनी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 19 August 2019 04:21:22 PM

national workshop cum-exhibition on sustainable sanitation

नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री डॉ थावरचंद गहलोत ने कहा कि सरकार हाथ से मैला साफ करने वाले मेहतर के रूपमें नियुक्ति निरोध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम 2013 के माध्‍यम से हाथ से मैला साफ करने की प्रथा का उन्‍मूलन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वे आज दिल्‍ली में सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता तथा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की सतत स्‍वच्‍छता पर राष्‍ट्रीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी में बोल रहे थे। आवास और शहरी मामलों के राज्‍यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, सचिव दुर्गाप्रसाद मिश्रा, सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय में सचिव नीलम साहनी, प्रमुख सचिव (शहरी विकास), राज्‍य व केंद्रशासित प्रदेशों में अमृत और स्‍वच्‍छ भारत मिशन के निदेशक और 500 से अधिक प्रतिनिधि तथा दोनों मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित थे।
डॉ थावरचंद गहलोत ने कहा कि सरकार आधुनिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग के माध्‍यम से यांत्रिक सफाई और सीवर तथा सेप्टिक टैंकों में सफाई कार्मिकों के प्रवेश को रोकने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि राष्‍ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम के माध्‍यम से इन कर्मियों का औपचारिक रूपसे अनुदान वितरण, ऋण के प्रावधान, आजीविका प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्‍यम से एकीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कार्यशाला और प्रदर्शनी में सीवर और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई से होने वाली मौतों को रोकने के लिए विभिन्‍न उपाए, सर्वोत्तम प्रक्रियाओं और उपलब्‍ध प्रौद्योगिकियों को देखा और कहा कि यह स्‍वच्‍छ भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सीवर और सेप्टिक टैंकों की यांत्रिक सफाई के लिए कुशल प्रणालियों, प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लगातार प्रयास किए हैं। मंत्रालय ने सतत स्‍वच्‍छता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कई पहल की हैं-सीवरेज़ और सीवेज़ ट्रीटमेंट सिस्‍टम-2013 पर सीपीएचईईओ मैनुअल के रूपमें दस्‍तावज़ों का प्रकाशन और सीवर और सेप्टिक टैंक-2018 की सफाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया या वैश्विक प्रौद्योगिकी चुनौती का आयोजन इन प्रयासों में शामिल हैं।
आवास और शहरी मंत्रालय सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा कि सीवर और सेप्टेज़ उपकरणों की निर्देशिका शहरी स्‍थानीय निकायों के साथ-साथ पेशेवरों के लिए भी मार्गदर्शक पुस्‍तक साबित होगी। प्रदर्शनी में विनि‍र्माताओं और विक्रेताओं को उभरती हुई प्रौद्योगिकियों, उपकरणों और सीवर तथा सेप्टिक टैंक प्रबंधन के बारे में श्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को देखने का अवसर मिलेगा, जिससे इस क्षेत्र में उन्हें शहर की विशिष्‍ट जरूरतों का समाधान करने में मदद मिलेगी। कार्यशाला में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सस्‍ते परिवहन के लिए सतत विकल्‍प के तहत बायोमैथेनेशन आधारित नगरपालिका ठोस अपशिष्‍ट जैसे विषयों पर पैनल चर्चा हुई। हितधारकों के बीच शहरी क्षेत्रों में सतत स्‍वच्‍छता सुनिश्चित करने के एक व्‍यापक रोडमैप पर विचार-विमर्श हुआ।

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