स्वतंत्र आवाज़
word map

राष्ट्रपति ने देखी बच्चों की दिव्य कला शक्ति

दिल्ली में दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग का भव्य कार्यक्रम

दिव्यांग युवाओं ने राष्ट्रपति से साझा किए अपने अनुभव

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 25 July 2019 01:33:46 PM

president saw children's divine art power

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्ति संस्थान दिल्ली में ‘दिव्य कला शक्तिः दिव्यांगता में योग्यता का दर्शन’ कार्यक्रम में भाग लेने वाले दिव्यांग बच्चों के साथ बातचीत की। संसद के जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्यों और संसद सदस्यों ने देखा और खूब सराहा। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग ने कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया था। विभिन्न राज्यों और संगठनों के सयोजकों ने राष्ट्रपति को दिव्यांग बच्चों के विशिष्ट गुणों के बारे में जानकारी दी। दिव्यांग युवाओं ने भी राष्ट्रपति के साथ अपने अनुभव साझा किए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिव्यांगों के रचनात्मक कला-कार्यों की सराहना की और उन्हें भविष्य में सफलता की शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने दिव्यांग युवाओं की पेंटिंग देखीं एवं उनके साथ जलपान भी किया। विभिन्न राज्यों, सांस्कृतिक संगठनों, संस्थाओं के 175 कलाकारों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिससे कार्यक्रम की रूपरेखा में राष्ट्रीयता की भावना का समावेश हुआ। दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग की स्थापना दिव्यांगजनों के नीतिगत मामलों पर ध्यान देने तथा उन्हें लागू करने के उद्देश्य से की गई है। संसद में पारित तीन अधिनियमों के दायरे में विभाग पुनर्वास सेवा, प्रशिक्षण, शिक्षा आदि कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है। पूरे देश में 8 राष्ट्रीय संस्थानों के माध्यम से दिव्यांगता के विभिन्न प्रकारों पर शोध किया जा रहा है। संस्थानों, राज्य सरकारों और एनजीओ को सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न केंद्रीय योजनाएं चलाई जा रही हैं।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की दिव्यांगजनों के अधिकारों के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाना एक निरंतर प्रक्रिया है और इसके लिए संस्थानों और संगठनों को केंद्र सरकार वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। इसके अलावा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कार्यरत व्यक्तियों और संस्थानों को केंद्र सरकार राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्रदान करती है। पुरस्कार की स्थापना 19 अप्रैल 2017 को की गई थी। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, राज्यमंत्री रामदास अठावले, सचिव शकुंतला डी गामलिन भी उपस्थित थीं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]