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Friday 19 July 2019 01:47:23 PM
कोच्चि। आईएनएस सागरध्वनि, नौसेना भौतिक और समुद्री प्रयोगशाला कोच्चि का समुद्र ध्वनि अनुसंधान पोत है, जिसका संचालन भारतीय नौसेना करती है। इसे ‘समुद्री और संबंधित अंतरविषयी प्रशिक्षण व अनुसंधान पहल यानी एमएआईटीआरआई मैत्री’के लिए कोच्चि से रवाना किया गया है। सागरध्वनि को दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर वाइस एडमिरल एके चावला और रक्षा अनुसंधान व विकास विभाग के सचिव एवं रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी ने संयुक्त रूपसे नौसेना बेस कोच्चि से झंडी दिखाकर रवाना किया।
आईएनएस सागरध्वनि पोत के मिशन की परिकल्पना डीआरडीओ ने तैयार की है, जो प्रधानमंत्री के विजन ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ के अनुरूप है। इस विजन के तहत हिंद महासागर क्षेत्र के सभी देशों के बीच सामाजिक और आर्थिक सहयोग तथा जल के अंदर की ध्वनि में समुद्री अनुसंधान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भारतीय नौसेना और एनपीओएल का यह मिशन दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के साथ संबंधों को मजबूत करेगा और अनुसंधान को बेहतर बनाएगा, इसीलिए इस मिशन का नाम सागर मैत्री रखा गया है। सागर मैत्री मिशन का मुख्य उद्देश्य है अंडमान समुद्र और समीपवर्ती समुद्री क्षेत्र समेत संपूर्ण उत्तरी हिंद महासागर में आकड़ों का संग्रह तथा समुद्र अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में सभी हिंद महासागर क्षेत्र के 8 देशों के साथ दीर्घावधि सहयोग स्थापित करना।
आईएनएस सागरध्वनि का निर्माण स्वदेशी तकनीक से जीआरएसई लिमिटेड कोलकाता ने किया है। इसे 30 जुलाई 1994 को कमिशन किया गया था। आईएनएस सागरध्वनि ने 25 वर्ष में समुद्र में बड़े पैमाने पर अनुसंधान कार्य किए हैं। पोत 30 जुलाई 2019 को अपनी रजत जयंती मनाएगा। सागर मैत्री ट्रैक-2 के तहत सागरध्वनि थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर की यात्रा करेगा और इन देशों के चयनित संस्थानों के सहयोगी अनुसंधान कार्यक्रमों में हिस्सा लेगा। सागर मैत्री मिशन ट्रैक-1 का आयोजन अप्रैल 2019 में यांगून म्यांमार में किया गया था। भारतीय नौसना और एनपीओएल सोनार प्रणाली, पानी के अंदर निगरानी प्रौद्योगिकी तथा समुद्री पर्यावरण व समुद्री सामग्री पर संयुक्त रूपसे अनुसंधान तथा विकास का कार्य कर रहे हैं।