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सीएसआईआर में विश्व पर्यावरण दिवस समारोह

भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ की संख्या सबसे कम-डॉ अशिहो माओ

एनबीआरआई ने खोजे जल व वायु प्रदूषण कम करने वाले पौधे

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 8 June 2019 04:24:10 PM

csir on world environment day

लखनऊ। सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ एवं इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ एनवायरनमेंट बॉटनिस्ट्स लखनऊ ने विश्व पर्यावरण दिवस समारोह का आयोजन किया, जिसमें डॉ अशिहो ए माओ निदेशक भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार मुख्य अतिथि के रूपमें उपस्थित थे। इस अवसर पर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक बनाने हेतु संस्थान के पर्यावरण सूचना प्रणाली केंद्र ने पौधे और प्रदूषण विषय पर एक पोस्टर प्रदर्शनी लगाई, जिसमें पौधों से पर्यावरण प्रदूषण निवारण दर्शाया गया। कार्यक्रम में संस्थान ने पर्यावरण क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ एनवायरनमेंट बॉटनिस्ट्स के सचिव डॉ आरडी त्रिपाठी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
डॉ आरडी त्रिपाठी ने बताया की एनबीआरआई दो दशक से पर्यावरण सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन पर शोधकार्य कर रहा है, एनबीआरआई जल एवं वायु प्रदूषण को कम करने वाले कई पौधे भी खोज चुका है, जिनका उपयोग वर्तमान में नदियों और वायु को शुद्ध करने में किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एसके बारिक ने वायु प्रदूषण के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि वैश्विकस्तर पर वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति पर पहुंच चुका है, जिसका हम सबको मिलकर सामना करना होगा। डॉ अशिहो ए माओ ने अपने व्याख्यान में हिमालय क्षेत्र में 750 मीटर से 6000 मीटर की ऊंचाई तक पाए जानेवाले रोडोडेंड्रन पौधे के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस पौधे को हिमालय वन क्षेत्र में ऊंचाई का सूचक माना जाता है, उत्तर पूर्व हिमालय क्षेत्र में भिन्न-भिन्न रंगों के फूलों वाले रोडोडेंड्रन की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, इन पौधों को सिक्किम प्रदेश में स्थापित करके इन्हें संरक्षित किया जा रहा है और भारी मात्रा में उपलब्धता के कारण इसका उपयोग पेय के रूपमें भी किया जा रहा है। इस सम्बंध में उन्होंने अपने भ्रमण किए हुए हिमालयी क्षेत्रों के विहंगम दृश्यों को दर्शकों से साझा किए।
पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर जानकारी देते हुए डॉ अशिहो ए माओ ने बताया कि भारत में प्रति व्यक्ति पेड़ की संख्या सबसे कम है। उन्होंने कहा कि वैश्विकस्तर पर तापमान में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रति व्यक्ति मानसून सीजन में कम से कम 5 पौधे जरूर रोपित करे, जिससे भविष्य के पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सके। डॉ अशिहो ए माओ ने कहा कि भविष्य के सुरक्षित पर्यावरण हेतु प्राणवायु पौधों का वृक्षारोपण अतिआवश्यक है। उन्होंने भारतीय वानस्पतिक सर्वेक्षण के पौधरोपण हेतु चलाए जा रहे अभियान के बारे में भी बताया। कार्यक्रम में संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एवं सहसचिव, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ एनवायरनमेंट बॉटनिस्ट्स डॉ विवेक पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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