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जैव विविधता के संरक्षण में योगदान दें-वेंकैया

'समय के साथ विकसित हुई हैं परंपरागत खाद्य प्रणालियां'

देशभर में मनाया गया अंतर्राष्‍ट्रीय जैव विविधता दिवस

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 23 May 2019 06:14:37 PM

venkaiah naidu seeing the exhibition on international biodiversity day

चेन्नई। देशभर में विभिन्‍न राज्‍यों और विविध संगठनों ने अंतर्राष्‍ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया। चेन्नई में विभिन्न हितधारकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी के साथ राष्ट्रीयस्तर का समारोह कलाईवनार आरंगम आयोजित किया गया। पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार ने राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के साथ समन्वय और तमिलनाडु सरकार के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मुख्य अतिथि के रूपमें भाग लिया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भारतीय मानस और विश्वास का एक सहज पहलू है, जो धार्मिक प्रथाओं, लोककथाओं, कला एवं संस्कृति और दैनिक जीवन के हर पहलू में परिलक्षित होता है। मानवजाति के अस्तित्व के लिए जैव विविधता के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने जैव विविधता से संबंधित बदलते प्रतिमानों के प्रति देश की सुविचारित प्रतिक्रियाओं, उपयुक्त नीतियों और जैविक विविधता अधिनियम 2002 जैसे कानूनों के विकास और उससे प्राप्‍त उपलब्धियों का उल्लेख किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की पहचान जैव विविधता की दृष्टि से समृद्ध देश की है, यहां लगभग 300 मिलियन लोग पोषण और आजीविका के लिए जैव विविधता पर आश्रित हैं। उन्होंने कहा कि भारतभर में समुदाय, सरकारें और सामाजिक संगठन जैव विविधता के संरक्षण, आजीविका को बनाए रखने और सतत विकास में योगदान देने के तरीकों का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन सतत विकास के प्रति जैव विविधता के योगदान पर रोशनी डालते हुए उसके महत्‍व तथा उसके प्रति खतरों के बारे में जागरुकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। जैव विविधता दिवस-2019 का विषय ‘हमारी जैव विविधता, हमारा भोजन, हमारा स्वास्‍थ्य’ जैव विविधता पर खाद्य और स्वास्थ्य की नींव के रूपमें ध्‍यान केंद्रित करता है और इसका लक्ष्‍य ज्ञान का लाभ उठाना तथा जैव विविधता और स्वस्थ पारिस्थितिकी प्रणालियों पर खाद्य प्रणालियों, पोषण और स्वास्थ्य की निर्भरता के बारे में जागरुकता फैलाना है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में समय के साथ विकसित हुई पारंपरिक खाद्य प्रणालियां अधिक गुणकारी, संतुलित और पौष्टिक साबित हुई हैं। उन्‍होंने जैव विविधता और पारिस्थितिकी सेवाओं के बारे में हाल ही में जारी संयुक्‍तराष्‍ट्र की रिपोर्ट से प्राप्‍त संदेश की ओर ध्‍यान दिलाया कि इंसानों के कार्यकलापों के कारण प्रकृति मुसीबत में है। उन्होंने सभी से अनेक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण जैव विविधता के संरक्षण में योगदान देने का आग्रह किया। उपराष्ट्रपति ने कुछ दस्‍तावेज जारी किए जिनमें भारत की राष्ट्रीय जैव विविधता कार्ययोजना का कार्यांवयन: एक अवलोकन 2019, जैव विविधता वित्त योजना, कार्य दस्तावेज़ और कुछ अन्य संचार सामग्री शामिल थीं। अंतर्राष्‍ट्रीय जैव विविधता दिवस पर एक ब्रोशर और पोस्टर के माध्‍यम से भारत जैव विविधता पुरस्कार 2020 का आह्वान किया गया।
अंतर्राष्‍ट्रीय जैव विविधता दिवस के कार्यक्रम स्थल पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें भोजन और स्वास्थ्य के लिए जैव विविधता की भूमिका पर प्रकाश डालने वाले दिलचस्प प्रदर्शक, पोस्टर और अन्य ज्ञान उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। उपराष्ट्रपति ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उसमें प्रदर्शित प्रदर्शकों की सराहना की। कार्यक्रम में अनिल कुमार जैनअपर सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और अध्यक्ष एनबीए हंसराज वर्मा अपर मुख्य सचिव तमिलनाडु सरकार और शंभु कालोलिकर प्रमुख सचिव तमिलनाडु सरकार भी उपस्थित थे। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, एनबीए, तमिलनाडु सरकार और तमिलनाडु राज्य जैवविविधता बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्यों के प्रतिनिधियों, केंद्र और राज्य सरकार की संस्‍थाओं, सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों और वैज्ञानिकों, छात्रों, स्थानीय समुदाय, महिला विकास समितियों और जैव विविधता के प्रति दिलचस्‍पी रखने वालों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

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