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कोच्चि में स्‍वच्‍छ और हरित ईंधन 'एलएनजी'

एलसी पोन्‍नुमन

Monday 30 December 2013 01:33:32 AM

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कोच्चि। केरल के कोच्चि में पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड की परियोजना हाल के वर्षों की सबसे बड़े निवेशों में से एक है। करीब 4500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह दुनिया की सबसे उत्कृष्ट सुविधाओं में से एक है और इसका निर्माणजापान, ताइवान तथा विभिन्‍न अन्‍य देशों के अनुबंधकर्ताओं ने किया है। इस परियोजना में तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के समान प्रति वर्ष पांच मिलियन टन आयात, भंडारण और पुन: गैसीकरण की सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। इसका निर्माण उद्योगों एवं परिवहन क्षेत्र को स्‍वच्‍छ एवं हरित ईंधन प्रदान करने के लिए किया गया है। एलएनजी एक आणविक संरचना के कारण स्‍वच्‍छ एवं सु‍रक्षित ईंधन है और इसके परिणाम स्‍वरूप एलएनजी से डीजल और अन्‍य सल्‍फर ईंधनों की तुलना में ग्रीन हाऊस और विषाक्‍त गैसों का कम उत्सर्जन होता है। एलएनजी को डीजल की तुलना में इग्निशन के लिए काफी अधिक तापमान की आवश्‍यकता होती है।
पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) की कोच्चि एलएनजी परियोजना विभिन्‍न वर्तमान और आगामी औद्योगिकी इकाइयों की मदद से केरल में एक औद्योगिक क्रांति लाने के लिए तैयार है। एक बार प्राकृतिक गैस के उपयोग के प्रारंभ होते ही यह परिवारों और परिवहन क्षेत्रों में भी बदलाव लाने में बेहद सहायक होगी। एलएनजी टर्मिनल राज्‍य के लिए निरंतर, स्‍वच्‍छ और सस्‍ता वैकल्पिक ईंधन उपलब्‍ध कराने के लिए एक महत्‍वपूर्ण और रणनीतिक स्रोत होगा। परियोजना ने कोच्चि स्थित रिफाइनरी के अलावा फर्टिलाइजर्स एंड कैमिकल्‍स त्रावणकोर लिमिटेड (एफएसीटी) के साथ-साथ बहुत से अन्‍य छोटे उपभोक्‍ताओं को गैस की आपूर्ति शुरू कर दी है। एर्नाकुलम जिले को वर्तमान में शहर गैस वितरण (सीजीडी) परियोजना हेतु बोली लगाने के चौथे दौर में शामिल किया गया है। अन्‍य कई जिलों में भी इसका अनुसरण किये जाने की उम्‍मीद है। एलएनजी राज्‍य में सीजीडी क्षेत्रों की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
केरल राज्‍य में उत्‍पादित बिजली 30 प्रतिशत से ज्‍यादा तापीय ऊर्जा संयंत्रों से प्राप्‍त होती है, जिसमें से 80प्रतिशत से ज्‍यादा में तरल ईंधन का उपयोग होता है। तरल ईंधनों पर निर्भरता से देश में इसकी निर्माण लागत सबसे अधिक है। प्राकृतिक गैस/एलएनजी के साथ जीवाश्‍म ईंधनों को बदलने से यह राज्‍य के लिए न सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि स्‍वच्‍छता की दृष्टि से भी एक बेहतर विकल्‍प होगा। पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड को बढ़ावा देने वाली कंपनियों में से एक गेल (इंडिया) लिमिटेड पूरे केरल में पाइप लाइनों का नेटवर्क बिछा रही है। विभिन्‍न औद्योगिकी समूहों के साथ-साथ एनटीपीसी कायमकुलम जैसे व्‍यापक विद्युत संयंत्रों को जोड़ने की योजना भी चला रही है। पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड वर्तमान में कतर से 25 वर्ष के एक लंबे समझौते के तहत एलएनजी का 7.50 एमएमटीपीए आयात करता है। यह अल्‍पकालिक आधार पर दुनियाभर के विभिन्‍न आपूर्तिकर्ता देशों जैसे नाइजीरिया, ऑस्‍ट्रेलिया, ट्रिनिडाड और टोबेको के अलावा मिस्र तथा अन्‍य देशों से भी एलएनजी आयात करता है।
पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड का गुजरात में भी 10 मिलियन मैट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाला एक संयंत्र है। पंद्रह एमएमटीपीए क्षमता प्राप्‍त करने के लिए हाल ही में इसने अपने दाहेज संयंत्र की क्षमता विस्‍तार प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है। आंध्र प्रदेश के गंगावरम में भी 5 एमएमटीपीए सुविधा वाले एक संयंत्र को स्‍थापित करने की प्रक्रिया जारी है। इन तीन संयंत्रों के साथ ही पीएलएल को उम्‍मीद है कि यह वर्ष 2017-18 तक 25 एमएमटीपीए की संयुक्‍त एलएनजी क्षमता के साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया में सबसे बड़े एलएनजी टर्मिनलों में से एक होगा। जून 2012 में अमरीकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) के एक दल ने पेट्रोनेट के दाहेज एलएनजी आयात और पुन: गैसीकरण टर्मिनल का दौरा किया और दो दिनों तक मीथेन रिसाव का पता लगाया और माप अध्‍ययन को अंजाम दिया। ईपीए ने दाहेज संयंत्र में अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्राकृतिक गैस एसटीएआर को तैयार और मीथेन गैस का कम उत्‍सर्जन करने के लिए पेट्रोनेट को एक प्रशंसा पत्र भी दिया है।

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