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हरित और टिकाऊ परिवहन केलिए समझौता

सेना का सेल बस प्रौद्योगिकी के लिए आईओसीएल से करार

सेना को हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलने वाली बस सौंपी गई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 28 May 2024 05:21:11 PM

hydrogen fuel cell powered bus handed over to army

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने हरित एवं टिकाऊ परिवहन समाधान खोजने की दिशा में अपने दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करते हुए हाइड्रोजन ईंधन सेल बस प्रौद्योगिकी के परीक्षणों केलिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड केसाथ समझौता किया है। भारतीय सेना नवाचार और पर्यावरण प्रबंधन केप्रति अपनी वचनबद्धता केलिए जानी जाती है। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य की उपस्थिति में भारतीय सेना तथा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड केबीच इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
भारतीय सेना को इस दौरान एक हाइड्रोजन ईंधन सेल से चालित बस सौंपी गई। यह भारतीय सेना और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड केबीच पारस्परिक रूपसे लाभप्रद साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है। समझौता ज्ञापन में नवाचार को बढ़ावा देने और भविष्य केलिए टिकाऊ परिवहन समाधानों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। सेना ने देश की उत्तरी सीमाओं पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्रिड पावर प्लांट की स्थापना केलिए विशेष रूपसे 21 मार्च 2023 को नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड केसाथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। यह ऐसा करने वाली पहली सरकारी इकाई बन गई है। इसके अलावा चुशूल में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई है, जहांपर 200 किलोवाट ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्राम दुर्गम इलाके और कठिन जलवायु वाली परिस्थितियों में तैनात सैनिकों को 24x7 स्वच्छ माध्यम से बिजली प्रदान करेगा।
नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर ध्यान देने केसाथ ही भारतीय सेना तथा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड केबीच हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित बस का प्रयास एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक इलेक्ट्रो रासायनिक प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन गैस को बिजली में परिवर्तित करके विद्युत ऊर्जा का एक स्वच्छ व कुशल विकल्प प्रदान करती है। यह प्रक्रिया जल वाष्प को एकमात्र उत्सर्जित पदार्थ के रूपमें छोड़ती है और इस तरह से यह शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित करती है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाली बस में 37 यात्रियों के बैठने की क्षमता है, यह हाइड्रोजन ईंधन के पूरे 30 किलोग्राम के ऑनबोर्ड टैंक पर 250-300 किलोमीटर का प्रभावशाली माइलेज प्रदान करती है और यह पहल स्वच्छ और हरित परिवहन समाधान का मार्ग प्रशस्त करती है।

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