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पूर्वोत्तर में उद्यमशीलता इकोसिस्‍टम को बढ़ावा

आईआईटी गुवाहाटी का आईआईएमएस केंद्र के साथ समझौता

प्रबंधन, उद्यमिता, कौशल और व्यावसायिक विकास में सहयोग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 2 July 2022 01:42:21 PM

iit guwahati signs mou with iims center

गुवाहाटी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यमशीलता इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय उद्यमिता संस्थान गुवाहाटी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यमिता इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने केलिए भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग के ऊष्मायन और उद्यम सहायता केंद्र केसाथ एक समझौता किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यमिता, ऊष्मायन और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है। प्रबंधन, उद्यमिता और कौशल विकास के क्षेत्रों में व्यावसायिक विकास में सहयोग करने और पूर्वोत्तर में क्षमता निर्माण और उद्यमिता संवर्धन की बड़ी मांग को पूरा करने केलिए संस्थान एक दूसरे को सहयोग करेंगे और सूचना एवं संसाधनों का आदान-प्रदान करेंगे।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने इस अवसर पर कहाकि पूर्वोत्तर में जबरदस्त संभावनाएं हैं, जिन्‍हें अभी खोजने का इंतजार है और यह साझेदारी एक ऐसा माहौल बनाने में मदद करेगी, जहां स्टार्टअप और उद्यमी न केवल स्थानीय लोगों का सहयोग करके और उन्‍हें प्रोत्साहित करके क्षेत्र में फल-फूल सकेंगे, बल्कि एक सफल व्‍यवसाय को चलाने केलिए उन्‍हें औपचारिक प्रशिक्षण, व्‍यावसायिक संरक्षण और तकनीकी जानकारी तक पहुंच प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहाकि हमारा उद्देश्य एक उद्यमशीलता सक्षम इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देना है, जो पूर्वोत्तर में नवाचार और विकास को बढ़ावा देता है। इस पहल पर सहयोग करके दोनों संस्थान पूर्वोत्तर और व्‍यापक रूपसे देश में बड़े पैमाने पर कौशल विकास को बढ़ावा देने में एक-दूसरे की ताकत से लाभांवित होंगे।
दोनों संस्‍थान उद्यमिता विकास पर मिलकर प्रमाणित पाठ्यक्रम करा सकेंगे, स्‍टार्टअप को प्रशिक्षण दे सकेंगे तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग के ऊष्मायन और उद्यम सहायता केंद्र केतहत विकसित हो सकेंगे। वे इस क्षेत्र में शैक्षिक व्याख्यान, कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों और ज्ञान प्रसार कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देंगे। दोनों संस्थान इनक्यूबेट्स और लाभांवितों के अनुसंधान कार्य केलिए प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, ऊष्मायन केन्द्रों आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं को एक-दूसरे केसाथ साझा करेंगे। दोनों संस्थानों के संकाय ऊष्मायन केंद्र केलिए संरक्षण, प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और मूल्यांकन निर्णायक मंडल का हिस्सा होंगे।

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