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सेना ने महू में स्थापित की क्वांटम लैब

प्रौद्योगिकी डोमेन क्षेत्र में स्थिर और महत्वपूर्ण प्रगति

क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय सेना के शोध

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 29 December 2021 04:34:36 PM

quantumlab operationalised in collaboration with national security council at mcte

महू (मध्य प्रदेश)। भारतीय सेना उभरते हुए प्रौद्योगिकी डोमेन के क्षेत्र में स्थिर और महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के सहयोग से सेना ने प्रौद्योगिकी के प्रमुख विकासशील क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केलिए महू के मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग-एमसीटीई में क्वांटम प्रयोगशाला की स्थापना की है। गौरतलब हैकि थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे को उनकी महू यात्रा के दौरान इस बारेमें जानकारी दी गई। भारतीय सेना ने इसी संस्थान में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस केंद्र भी स्थापित किया है, जिससे प्रमुख क्षेत्रों में 140 से अधिक नियुक्तियां की गई हैं और इसे उद्योग एवं शिक्षाविदों का सक्रिय सहयोग प्राप्त है।
एमसीटीई में अत्याधुनिक साइबर रेंज तथा साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं के माध्यम से साइबर संघर्ष पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पिछले वर्ष अक्टूबर में विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम एवं राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित संगोष्ठी में विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम संचालन में सेना की भागीदारी केलिए विचार किया गया था, तबसे ही भारतीय सेना के प्रौद्योगिकी संस्थानों को एआई, क्वांटम और साइबर में निवेश करने केलिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय सेना के शोध अगली पीढ़ी की संचार व्यवस्था तक तेजीसे पहुंचने में मदद करेंगे और भारतीय सशस्त्र बलों में क्रिप्टोग्राफी की वर्तमान प्रणाली को पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी में परिवर्तित कर देंगे।
क्वांटम की डिस्ट्रब्यूशन, क्वांटम संचार, क्वांटम कंप्यूटिंग और पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी भविष्य के प्रमुख क्षेत्र हैं। अकादमिक संस्थानों जैसे आईआईटी, डीआरडीओ संगठनों, अनुसंधान संस्थानों, कॉरपोरेट फर्मों, स्टार्टअप्स और उद्योग के प्रमुख व्यक्तियों को शामिल करते हुए एक बहुहितधारक दृष्टिकोण अपनाकर यह पहल आत्मनिर्भर भारत के अतिरिक्त एक प्रमुख संचालन कारक केसाथ नागरिक सैन्य संलयन का उपयुक्त उदाहरण है। परियोजनाओं केलिए पर्याप्त धन के साथ-साथ आवश्यक समयसीमा आधारित उद्देश्यों पर कार्य किया गया है और भारतीय सेना में समाधान के प्रगतिशील क्षेत्ररक्षण के तेजीसे आधार पर अपेक्षित है।

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