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सैनिक स्कूलों के शिक्षकों का क्षमता निर्माण

रक्षा मंत्रालय ने आईआईटीई गांधीनगर केसाथ किया समझौता

'गुरुदीक्षा' और 'प्रतिबद्धता' पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 11 December 2021 02:17:03 PM

defense ministry signs mou with iite gandhinagar

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने सैनिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रशिक्षण केलिए भारतीय शिक्षक शिक्षा संस्थान गांधीनगर केसाथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता ज्ञापन नई दिल्ली में हुआ, जिसपर रक्षा मंत्रालय की ओर से संयुक्त सचिव (भूमि एवं निर्माण) और मानद सचिव सैनिक स्कूल सोसाइटी राकेश मित्तल और आईआईटीई के रजिस्ट्रार डॉ हिमांशु पटेल ने रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार एवं आईआईटीई के कुलपति डॉ हर्षद ए पटेल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
रक्षा सचिव ने भारतीय लोकाचार केसाथ छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के मामले में सैनिक स्कूलों के शिक्षकों के क्षमता निर्माण की दिशा में इस समझौता ज्ञापन को एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहाकि यह न केवल मौजूदा सैनिक स्कूलों, बल्कि 100 आनेवाले स्कूलों के ब्रांड को बढ़ाने में मदद करेगा। सैनिक स्कूल शिक्षकों केलिए प्रशिक्षण समझौता ज्ञापन जनवरी 2022 से शुरू होकर आनेवाले पांच साल की अवधि केलिए है, जिसके तहत सभी सैनिक स्कूलों के 800 से अधिक शिक्षकों को गुरुदीक्षा और प्रतिबद्धता नामक पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। समझौते का मुख्य उद्देश्य भारतीय परंपराओं के परिवर्तनकारी ज्ञान केसाथ शिक्षकों को तैयार करना और शिक्षकों के समेकित विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षक शिक्षा के एक नए युग की शुरुआत करना है।
समझौते की मुख्य विशेषताएं हैं-स्कूलों में नई शिक्षा नीति का कार्यांवयन, छात्रों में नेतृत्व के गुणों का विकास, यूपीएससी-एनडीए की तैयारी और सीबीएसई पाठ्यक्रम का समय प्रबंधन, शैक्षणिक विषयों के लिए उपयुक्त शिक्षाशास्त्र का चयन, शिक्षकों और छात्रों को प्रेरित करना, पाठ योजना मूल्यांकन रणनीतियां, एक संरक्षक के रूपमें छात्रों के व्यक्तिगत मतभेदों, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं से निपटना, माता-पिता केसाथ एक संरक्षक के रूपमें व्यवहार करना और बोर्डिंग स्कूल के माहौल में शिक्षक-छात्र संबंध बढ़ाना। इस अवसर पर अपर सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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