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रामायण के राजा गुहू चंद्रकांत पांड्या नहीं रहे!

सोशल मीडिया पर लाखों दर्शकों की भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित

रामायण सीरियल में चंद्रकांत पांड्या का अविस्मरणीय अभिनय

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 22 October 2021 02:01:44 PM

nishadraj chandrakant pandya of ramayana is no more!

मुंबई। अयोध्या के चक्रवर्ती महाराजा श्रीरामचंद्र के सम्पूर्ण जीवनचरित्र पर आधारित रामानंद सागर के विश्वविख्यात रामायण सीरियल में निषादों के परमवीर राजा निषादराज गुहू की भूमिका निभाने वाले अभिनेता चंद्रकांत पांड्या नहीं रहे। वह 72 साल के बताए गए और इस गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। चंद्रकांत पांड्या ने रामायण सीरियल में निषादों के परमवीर राजा निषादराज गुहू की भूमिका को जीवंत कर दिया, अमर कर दिया और जनमानस में वास्तविक रूपमें राजा गुहू की छवि स्थापित करदी। वह जबतक जिए जनमानस ने उन्हें वास्तव में निषादराज राजा गुहू ही माना और उनका सम्मान किया। रामायण सीरियल की सीतामाता दीपिका चिखलिया ने सोशल मीडिया पर उनके लिए मार्मिक उद्गार व्यक्त किए और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। धारावाहिक रामायण के श्रीराम अरूण गोविल ने चंद्रकांत पांड्या का निधन कला जगत केलिए एक बड़ी हानि बताते हुए ईश्वर उनकी आत्मा की शांति और सद्गति की प्रार्थना की है।
गौरतलब है कि निषादराज निषादों के सहृदयी न्यायप्रिय विख्यात स्वाभिमानी और परमवीर राजा गुहू का उपनाम है। वे अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट महाराज दशरथ के समकालीन ऋंगवेरपुर के राजा थे। वे निषाद समाज के थे, आज जिनके वंशज धींवर कश्यप, मल्लाह, केवट, कहार, भील, मछुवारे आदि के नाम से जहां-तहां मिलते हैं। उत्तर प्रदेश में चित्रकूट क्षेत्र में ये बहुतायत संख्या में हैं। नदियों झीलों और बड़े तालाबों में मछलियां और सिंघाड़ा जैसी उपज इनका मुख्य व्यवसाय है। आदिवासी राजा गुहू ने ही श्रीराम के वनवासकाल में श्रीराम, सीता और लक्ष्मण का साथ दिया था और उन्हें गंगा पार करवाया था। रामायण में जानकारी के अनुसार वनवास जाते हुए भगवान श्रीराम ने अपनी पहली रात निषादराज के यहां बिताई थी। राजा गुहू और भगवान श्रीराम ने गुरुकुल में साथ-साथ शिक्षा ग्रहण की थी, इसके बावजूद राजा गुहू उन्हें श्रद्धा से राजा कहते थे, जबकि भगवान श्रीराम उन्हें बालसखा यानी मित्र कहते थे। कहार भील निषाद समाज आज भी इनकी पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
अभिनेता चंद्रकांत पांड्या अब हमारे बीच नहीं रहे। चंद्रकांत पांड्या का जन्म गुजरात के बनासकांठा जिले के भीलड़ी गांव में हुआ था। रामायण में जैसा निषादराज गुहू का किरदार था, उन्होंने वैसा ही किरदार निभाया। रामायण के अनुसार उन्होंने भगवान श्रीराम के मित्र और सखा निषादराज की अविस्मरणीय भूमिका निभाई है। चंद्रकांत पंड्या के निधन की जैसेही खबर आई, वैसेही सोशल मीडिया पर उनके किरदार की जीवंत तस्वीरें साझा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलियां शुरू हो गईं। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देने वालों की संख्या लाखों में हैं, जिन्होंने अपने मोबाइल और इंटरनेट पर रामायण में उनके किरदार को बार-बार देखा। रामायण के भगवान श्रीराम अरुण गोविल, सीतामाता दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण सुनील लहरी ने उनके निधन पर गहरा शोक और संवेदना व्यक्त की है। बताया जाता है कि चंद्रकांत पंड्या कई स्वास्थ्य बीमारियों से पीड़ित थे। उनके लिए दीपिका चिखलिया ने लिखा है कि चंद्रकांत पांड्या-रामायण के निषादराज ने रामानंद सागर की रामायण से अपार लोकप्रियता हासिल की। उल्लेखनीय है कि हालही में रावण का अविस्मरणीय किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का भी निधन हुआ है।

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