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डॉक्टरों के लिए ग्रामीण सेवा अनिवार्य!

गांवों में अत्याधुनिक स्वास्थ्य अवसंरचना का आह्वान

उपराष्ट्रपति ने किया चिकित्सा शिक्षकों को सम्मानित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 6 September 2021 03:32:52 PM

m. venkaiah naidu at the 11th annual medical teachers' day awards

हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि सरकारी क्षेत्र में डॉक्टरों को पहली पदोन्नति देने से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने 11वें वार्षिक चिकित्सा शिक्षक दिवस समारोह में इस बात को ध्यान में रखते हुए कि देश की 60 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है कहा कि युवा डॉक्टरों केलिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से पांच साल की सेवा जरूरी है। चिकित्सा पेशे को एक नेक कार्य बताते हुए उन्होंने डॉक्टरों को सलाह दिया कि वे कोई भी कमी और चूक न करें, बल्कि जुनून के साथ देश की सेवा करें। ग्रामीण क्षेत्रों में अत्याधुनिक स्वास्थ्य अवसंरचना के निर्माण का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने बेहतर स्वास्थ्य अवसंरचना की आवश्यकता पर बल दिया है और राज्य सरकारों को इस पहलू पर विशेष रूपसे ध्यान देने की सलाह भी दी। उपराष्ट्रपति ने शिक्षक दिवस पर भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति, शिक्षाविद् और महान दार्शनिक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूपमें मनाई जाती है।
उपराष्ट्रपति ने देश में डॉक्टर-रोगी के बीच के अनुपात में अंतर को पाटने केलिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए मेडिकल कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश में डॉक्टर-रोगी अनुपात 1:1,456 है, जबकि डब्ल्यूएचओ का मानक 1:1000 है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का शहरी-ग्रामीण अनुपात भी बहुत ज्यादा विषम है, क्योंकि ज्यादातर चिकित्सा पेशेवर शहरी क्षेत्रों में ही काम करना पसंद करते हैं। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि चिकित्सा शिक्षा, उपचार दोनों सस्ता और आम लोगों की पहुंच में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट का आवंटन ज्यादा करने केसाथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने मेडिकल कॉलेजों से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उनके पोर्टल पर जो लोग जाते हैं, वे नवीनतम नैदानिक और उपचार प्रणालियों से अवगत होते रहें। उन्होंने कहा कि यह SARS-CoV-2 के कारण होने वाली महामारी को ध्यान में रखते हुए और ज्यादा आवश्यक हो गया है, क्योंकि नॉवल कोरोनवायरस के संदर्भ में वैज्ञानिकों से लेकर डॉक्टरों तक सभी को नई सीख प्राप्त हुई है।
वेंकैया नायडू ने कहा कि मेडिकल छात्र उच्च नैतिकता और नैतिक मानकों को अपनाएं और उनका अभ्यास करें। उन्होंने सलाह दी कि वे हमेशा नेक काम के लिए प्रतिबद्ध बने रहें और अपने पेशे तथा अपने रोगियों के हितों की रक्षा करें। वेंकैया नायडू ने स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने हेतु सरकार के साथ साझेदारी करने केलिए भारत के कई अग्रणी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के शीर्ष संगठन, एसोसिएशन ऑफ नेशनल बोर्ड एक्रेडिटेड इंस्टीट्यूशन की भी सराहना की। उन्होंने अपने शिक्षकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने उनके करियर को एक रूप और आकार प्रदान किया। उन्होंने जाने-माने हृदयरोग विशेषज्ञ और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ के श्रीनाथ रेड्डी और डॉ देवी शेट्टी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया। इस अवसर पर तेलंगाना के गृहमंत्री मोहम्मद महमूद अली, एएनबीआई के अध्यक्ष डॉ अलेक्जेंडर थॉमस, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अभिजात सेठ, ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ जीएस राव, ऑर्गेनाइजिंग सचिव डॉ लिंगैया और एपी एंड टीएस एएनबीएआई के अध्यक्ष उपस्थित थे।

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