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ध्यान एक प्रभावशाली स्वास्थ्य अभ्यास!

चिकित्सीय दृष्टिकोण से ध्यान योग में काफी क्षमता

अल्जाइमर रोग के मरीज होते हैं ध्यान से लाभांवित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 6 July 2021 05:31:54 PM

researchers shown mindfulness meditation benefits patients

त्रिवेंद्रम। ध्यान एक प्रभावशाली स्वास्थ्य अभ्यास है, जो मनोयोग, संज्ञानात्मक जागरुकता और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक सुधार करता है। श्रीचित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में किया गया माइंडफुलनेस मेडिटेशन स्मृति और अनुकूलन भाषा तथा दृश्य स्थान संबंधी धारणा के मामले में हल्की व्यवहारात्मक दुर्बलता एवं प्रारंभिक अल्जाइमर रोग के मरीजों को लाभांवित करता है। इसमें न्यूरोलॉजिकल विकारों से जुड़े संज्ञानात्मक ह्रास के प्रबंधन केलिए एक चिकित्सीय दृष्टिकोण से काफी क्षमता है। हल्की संज्ञानात्मक दुर्बलता और अल्जाइमर का प्रारंभिक रूप एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें याददाश्त कमजोर हो जाती है, लेकिन व्यक्ति कार्यात्मक रूपसे स्वतंत्र रहता है। ऐसे रोगियों को राहत दिलाने के लिए कई उपचार विकल्पों में ध्यान एक संतुलित व लागत प्रभावी तरीका है।
एससीटीआईएमएसटी त्रिवेंद्रम के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रामशेखर एन मेनन, एससीटीआईएमएसटी के डॉ सी केशवदास, डॉ बिजॉय थॉमस, डॉ एले अलेक्जेंडर और सरकारी मेडिकल कॉलेज त्रिवेंद्रम के डॉ एस कृष्णन ने दो चरणों में अध्ययन किया। प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग उद्देश्य निर्धारित किए गए थे, पहले चरण को इमेजिंग बायोमार्कर के माध्यम से अनुभवी माइंडफुलनेस प्रैक्टिशनर्स और स्वस्थ नॉन-प्रैक्टिशनर्स के बीच माइंडफुलनेस और ब्रेन एक्टिवेशन एन्हांसमेंट के अध्ययन क्षेत्रों के तंत्रिका सह-संबंधों का पता लगाने के लिए तैयार किया गया था, जो भारत में डिमेंशिया रोग के लिए अपनी तरह का पहला मल्टीमॉडलिटी इमेजिंग कार्य है। दूसरे चरण की योजना एमसीआई के साथ रोगियों के संज्ञानात्मक कार्य-निष्पादन में पहले और साथ ही बाद में माइंडफुलनेस मेडिटेशन प्रशिक्षण के दौरान होने परिवर्तनों को सत्यापित करने केलिए बनाई गई थी।
शोध टीम ने साप्ताहिक रूपसे 1 घंटे केलिए व्यवहारात्मक पुनःप्रशिक्षण किया और प्रत्येक सत्र के अंत में पुनः प्रशिक्षण कार्यों के दौरान लाभार्थियों के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। मरीजों को बाकी दिनों के दौरान अभ्यास करने के लिए घर पर हो सकने वाले कार्य प्रदान किए गए थे। शोधार्थियों ने मरीजों के लिए 10 सप्ताह का पूर्ण मानसिक ध्यान आधारित 'माइंडफुलनेस यूनिफाइड कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी' प्रशिक्षण कार्यक्रम भी विकसित किया है। प्रारंभिक आराम अवस्था में फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग के परिणामों ने संकेत दिए हैं कि समान आयुवर्ग वाले स्वस्थ लोग, जिन्होंने अपनी नियमित जीवनशैली में ध्यान अभ्यास को किसी रूपमें नहीं अपनाया, उनकी तुलना में माइंडफुलनेस प्रैक्टिशनर्स ने मेडिकल प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और राइट ऐंटिरीअर इंसुला में आराम-अवस्था वाली मस्तिष्क गतिविधियों के आधार पर बढ़ती हुई कनेक्टिविटी स्थापित की है। खास तौरपर मस्तिष्क के उन क्षेत्रों से जो भावनाओं, तनाव प्रतिक्रिया, ध्यान के साथ-साथ पर्यावरणीय उत्तेजनाओं और व्यवहार के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया से संबंधित हैं।
ध्यान योग के दूसरे चरण के नतीजे यह बताते हैं कि व्यवहारात्मक अन्य कार्यों के बीच संज्ञान विशेष रूपसे ध्यान, व्यवहार, तनाव प्रतिक्रिया तथा पर्यावरण के प्रति प्रतिक्रिया या अनुकूलन के साथ तंत्रिका संबंधी कार्यों को सक्रिय कर सकती है। इससे यह सुझाव भी निकल कर सामने आता है कि, माइंडफुलनेस मेडिटेशन का लगातार अभ्यास आंतरिक तथा बाहरी जागरुकता के साथ मध्यस्थता स्थापित कर सकता है और इस तरह से मनोवैज्ञानिक व संज्ञानात्मक स्वास्थ्य की सेवा कर सकते हैं। अध्ययन का यह निष्कर्ष निकलता है कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन में ध्यान, भावना, तनाव-प्रतिक्रिया और व्यवहार से संबंधित मस्तिष्क क्षेत्रों के मॉड्यूलेशन में क्षमता होती है, जो शरीर के अन्य भागों जैसे हृदय, रक्त परिसंचरण और मटैबलिज़म पर भी प्रभाव डालती है। इसके अलावा एक कठोर माइंडफुलनेस मेडिटेशन आधारित हस्तक्षेप कार्यक्रम में एमसीआई और प्रारंभिक अल्जाइमर रोग से पीड़ित मरीजों के बीच संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने या इसको स्थिर करने की क्षमता है।

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