स्वतंत्र आवाज़
word map

संगोला से शालीमार चली सौवीं किसान रेल

'किसान रेल परियोजना कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं का प्रमाण'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंस से रेल को झंडी दिखाई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 29 December 2020 01:17:37 PM

narendra modi flags off the kisan rail from sangola in maharashtra to shalimar in west bengal

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के बीच 100वीं किसान रेल को झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि किसान रेल सेवा देश के किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के बीच 4 महीने में 100वीं किसान रेल चलाए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह सेवा कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लेकर आएगी और देश की कोल्ड सप्लाई चेन को सशक्त करेगी। उन्होंने कहा कि किसान रेल के माध्यम से कृषि उत्पादों की ढुलाई में कोई न्यूनतम सीमा तय नहीं की गई है, यहां तक कि इससे छोटे से छोटा उत्पादक भी कम लागत में बड़े बाजारों तक पहुंच सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान रेल परियोजना न सिर्फ किसानों को सेवा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि कैसे हमारे किसान नई संभावनाओं को स्वीकार करने के लिए तेजी से तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि किसान अब अपने उत्पाद न सिर्फ अपने राज्य में बेच सकते हैं, बल्कि किसान रेल और कृषि उड़ान सेवाओं के माध्यम से भी अपने उत्पादों की बिक्री कर सकते हैं, जिनकी कृषि क्षेत्र में बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि किसान रेल सचल शीत गृह की व्यवस्था है, जो फल, सब्जी, दूध, मछली जैसे जल्द खराब होने वाले उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाती है, वह भी पूर्ण सुरक्षा के साथ। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूं तो भारत के पास आजादी के पहले से भी रेलवे का एक बड़ा नेटवर्क मौजूद है, कोल्ड स्टोरेज तकनीक भी पहले से थी, लेकिन किसान रेल के माध्यम से इस समय इसे सशक्त बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान रेल जैसी सुविधाओं ने पश्चिम बंगाल के लाखों किसानों को एक बड़ी सुविधा उपलब्ध कराई है, यह सुविधा किसानों के साथ-साथ स्थानीय छोटे व्यवसायियों के लिए भी है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में मौजूद विशेषज्ञों और दुनियाभर के देशों के अनुभवों तथा नई प्रौद्योगिकियों का भारतीय कृषि क्षेत्र में क्रियांवयन हो रहा है, जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों का भंडारण केंद्र रेलवे स्टेशनों के आसपास निर्मित किए जा रहे हैं, जहां किसान अपने उत्पादों का संग्रहण कर सकते हैं, यह प्रयास ज्यादा से ज्यादा संख्या में फलों और सब्जियों को ग्राहकों तक पहुंचाने के क्रम में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आवश्यकता से अधिक उत्पाद होने की स्थिति में जूस, आचार, चिप्स इत्यादि को छोटे निर्माताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सरकार की प्राथमिकता संग्रहण से जुड़े ढांचे के निर्माण और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन संबंधित प्रसंस्करण उद्योग से हैं। उन्होंने कहा कि मेगा फूड पार्क, कोल्ड चेन बुनियादी ढांचा और कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर योजनाओं के अंतर्गत 6500 परियोजनाओं को प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना के तहत स्वीकृति दे दी गई है, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी प्रदान की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार के इस प्रयास को सफल बनाने में ग्रामीण लोगों, किसानों और युवाओं का सहयोग तथा सहभागिता रही है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादक संगठनों और सहकारी समूह जैसे महिला स्वयं सहायता समूह को कृषि व्यवसाय और कृषि बुनियादी ढांचे में प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री ने कृषि सुधार कानूनों का ‌उल्लेख करते हुए कहा कि इससे कृषि व्यवसाय और कृषक समूहों को व्यापक पैमाने पर लाभ पहुंचेगा और इन्हें बड़ा विस्तार मिलेगा, इनको मदद करने के सरकार के प्रयास में निजी निवेश से भी सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कृषि और किसानों को सशक्त करने के मार्ग पर हम पूर्ण समर्पण भाव से आगे बढ़ते रहेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य एवं रेलमंत्री पीयूष गोयल भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]