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चक्रवाती तूफान से तटीय इलाकों में दहशत

एनडीआरएफ की टीमें जमीनी स्‍तर पर तैनात की गईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की राहत कार्यों की समीक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 19 May 2020 11:09:54 AM

narendra modi review the response measures against cyclone 'amphan'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 'अम्फान' से निपटने के उपायों की एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने हालात का जायजा लिया और चक्रवाती तूफान से निपटने की तैयारियों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की लोगों को चक्रवाती तूफान से सुरक्षित निकालने की योजना की भी प्रस्तुति देखी। एनडीआरएफ के महानिदेशक ने इस मौके पर बताया कि एनडीआरएफ की 25 टीमों को जमीनी स्‍तर पर तैनात किया गया है, जबकि 12 टीमें रिज़र्व में तैयार हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में एनडीआरएफ की 24 अन्य टीमें भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार हैं। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पीके सिन्हा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
चक्रवाती तूफान 'अम्फान' ने बंगाल की खाड़ी में ‘सुपर चक्रवाती तूफान’ का अत्‍यंत उग्ररूप ले लिया है। भारतीय मौसम विभाग ने सूचित किया है कि इस ‘सुपर चक्रवाती तूफान’ के 20 मई 2020 की दोपहर को एक बेहद उग्र चक्रवाती तूफान के रूपमें 195 किलोमीटर प्रति घंटे की काफी तेज रफ्तार से पश्चिम बंगाल तट से टकराने की प्रबल संभावना है, इस वजह से राज्य के तटीय जिलों में तेज से लेकर अत्‍यंत तेज वर्षा होगी। चक्रवाती तूफान के पश्चिम बंगाल में पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है और यही नहीं, इससे उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर के भी प्रभावित होने की आशंका है। आईएमडी के अनुसार अत्‍यंत उग्र ज्वार के ऊपर लगभग 4-5 मीटर की ऊंचाई पर तूफान आने का अंदेशा है, जो पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना के निचले तटीय इलाकों में बाढ़ लाएगा।
अम्फान तूफान के तटीय इलाकों से टकराने के समय पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में भी 3-4 मीटर की ऊंचाई पर यह कहर ढाएगा। इस चक्रवाती तूफान से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी क्षति होने का अंदेशा है। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि चक्रवाती तूफान के मार्ग में पड़ने वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने और आवश्यक वस्‍तुओं की आपूर्ति को पर्याप्त मात्रा में बनाए रखने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जाएं। सभी संबंधित प्राधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे आवश्यक सेवाओं बिजली, टेलीफोन को नुकसान पहुंचने की स्थिति में उनका रखरखाव सुनिश्चित करने की पर्याप्त तैयारी करें और इसके साथ ही समय पर अपनी तैयारियों की अच्छी तरह से समीक्षा करें तथा किसी भी व्यवधान की स्थिति में आवश्‍यक सेवाओं की त्वरित बहाली सुनिश्चित करें। भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए कई जहाज और हेलि‍कॉप्टर तैनात कर दिए हैं। इन राज्यों में सेना और वायुसेना की इकाइयों को भी आपात व्‍यवस्‍था पर रखा गया है।
एनडीआरएफ ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 25 टीमों को तैनात किया है। इसके अतिरिक्त 12 टीमों को आपात व्‍यवस्‍था के तौर पर रखा गया है। ये टीमें आवश्यक सामग्री नाव, पेड़ काटने वाले औजार, दूरसंचार उपकरण इत्‍यादि से लैस हैं। आईएमडी सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ नियमित तौर पर बुलेटिन जारी करता रहा है। गृह मंत्रालय भी राज्य सरकार के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए है। गौरतलब है कि इस प्रकार का तूफान 1999 में भी आ चुका है, जिसमें भारी तबाही हुई थी। महासागर में तूफान तो आते ही जाते हैं, लेकिन इस प्रकार के भयावह तूफान भूमंडल पर प्राकृतिक असंतुलन के कारण आते हैं। इस समय कोरोना महामारी के कारण प्राकृतिक और भौगोलिक पर्यावरणीय स्थिति काफी बदल गई है, जिसपर वैज्ञानिक अध्ययन भी हो रहे हैं। इस चक्रवाती तूफान ने सभी को दहशत में डाल रखा है। सरकारें इसके नुकसान से निपटने की तैयारियों में लगी हैं।

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