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घर-घर पहुंचा 'लक्ष्य' का सामाजिक आंदोलन

बाराबंकी के गुलरिहा गांव में बड़ा जागरूकता कार्यक्रम

शिक्षा स्वास्‍थ्य नशा मुक्ति और जीवनशैली पर जोर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 5 December 2015 04:40:39 AM

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लखनऊ। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' के सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम दलित समाज के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। इसके कार्यक्रमों में शिक्षा, स्वास्‍थ्य, जीवनशैली, नशा मुक्ति, एकजुटता जैसे विषय प्राथमिक रूप से चर्चा में होते हैं, जिनका प्रभाव भी देखा जा रहा है। महिलाओं-बच्चों को लक्ष्य की महिला कमांडर एक अभिभावक के रूप में प्रेरणाएं देती हैं, यही कारण हैं कि लक्ष्य के कार्यक्रमों में इनकी बढ़-चढ़कर भागीदारी देखने को मिलती है। ये वो कार्यक्रम हैं, जिनको जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए सरकारें उनका लाखों करोड़ों रुपयों का बजट बनाकर खर्च दिखाती आ रही हैं और दूसरी सच्चाई यह है कि लक्ष्य के कमांडर समाज की भलाई के लिए सबकुछ अपने बलबूते कर रहे हैं, जो कि अनुकरणीय और उन लोगों के लिए एक सीख है, जो सामाजिक कल्याण के दावे करते हैं और उनका समाज कल्याण केवल कुछ ही लोगों तक और कागजों के पन्नों पर दिखता है।
लक्ष्य के सामाजिक कार्यक्रमों की चर्चा टीवी चैनलों पर नहीं दिख रही है और लक्ष्य के कमांडर भी प्रचार की तरफ नहीं भाग रहे हैं, बल्कि उनका लक्ष्य अपने समाज को हर बात के प्रति जागरूक करना और उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करना है। लक्ष्य का लक्ष्य दलित समाज में माता बहने और बच्चे हैं, जो आगे चलकर समाज की प्रगति के संवाहक होंगे। लक्ष्य की महिला कमांडरों का कहना है ‌कि आज हम इन्हें जागरूक कर रहे हैं और कल ये अपने समाज को जागरू‌क करेंगे। उनका कहना है कि हम समाज की ऐसी श्रंखला का निर्माण करना चाहते हैं, जो स्वतः प्रेरणा की श‌क्ति बने। उनका कहना है कि स्वास्‍थ्य और शिक्षा के बिना समाज की प्रगति नहीं हो सकती, इसलिए हमने यह सामाजिक आंदोलन खड़ा किया है, जिसमें हमारे समाज के स्‍त्री-पुरूष बालिकाएं और बच्चे बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और हमें विश्वास है कि हमें इसमें पूरी सफलता मिलेगी। वक्ताओं का कहना था कि सामाजिक आंदोलन को ज्यादा से ज्यादा घर-घर पहुंचाएं।
जिलों और गांवों में लक्ष्य के सफलतापूर्वक कई सा‌माजिक कार्यक्रम हो चुके हैं। इस बार जिला बाराबंकी के गांव गुलरिहा में लक्ष्य की महिला टीम ने एक दिवसीय कैडर कैंप का आयोजन किया, जिसमें और जगहों की तरह समाज के बच्चों और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लक्ष्य कमांडर संघमित्रा गौतम ने उन्हें संबोधित करते हुए बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के आदर्शों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने सबके बीच बहुजन समाज के अधिकारों की विस्तार से चर्चा की। लक्ष्य की कमांडर रेखा आर्या ने लोगों को लक्ष्य की सामाजिक क्रांति के बारे में बताया और लोगों से इसमें शामिल होने की अपील की। लक्ष्य की कमांडर मंजुलता आर्य ने बच्चों को शिक्षित करने पर जोर दिया और उनकी शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। लक्ष्य की कमांडर सुषमा बाबू ने बहुजन समाज को अंधविश्वास से दूर रहने की सलाह दी और तथागत गौतम बुद्ध की शिक्षाओं पर चलने की अपील की। कैडर कैंप के संचालन की कमान लक्ष्य की कमांडर कमलेश सिंह ने संभाली हुई थी। उन्होंने समाज के लोगों से सामाजिक क्रांति के बारे में विस्तार से चर्चा की।

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