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महिलाओं को आज भी यातनाएं-रिजिजू

दक्षिण एशियाई महिला शांति और सुरक्षा सम्‍मेलन

'समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 22 September 2015 03:25:08 AM

kiren rijiju, south asia women peace and security conference

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री किरेन रिजिजू ने दक्षिण एशियाई महिला शांति और सुरक्षा सम्‍मेलन में भारत, बांग्‍लादेश, नेपाल, फिलीपींस और म्‍यामार से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। किरेन रिजिजू ने कहा कि इस त्रासदी को दूर करने में केवल सरकार, न्‍यायपालिका और पुलिस के प्रयास ही काफी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि देश में महिला-पुरूष आधारित भेदभाव और असमानता काफी गंभीर समस्‍या है, मैं कल्‍पना भी नहीं कर सकता कि 21वीं सदी में भी महिलाओं को यातनाएं दी जा रही हैं।
गृह राज्‍यमंत्री ने इन वर्षों में महिलाओं के विरूद्ध अपराध की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि होने की चर्चा करते हुए कहा कि कानूनी प्रावधानों को सख्‍त बनाए जाने के कारण ऐसी घटनाएं अधिक संख्‍या में दर्ज की जा रही हैं और केवल ऐसे अपराधों का पंजीकरण अनिवार्य कर देना ही मददगार नहीं होगा, ऐसी घटनाएं हो रही हैं और धरातल पर स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्‍होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अपराध होना गहरी सामाजिक समस्‍या का परिणाम है और ऐसा देश प्रगति का दावा नहीं कर सकता, जहां समाज में महिलाएं सुरक्षित न हों। उन्‍होंने कहा कि यह कोई पुरूष अथवा महिला का प्रश्‍न नहीं है, बल्कि यह एक मानवता का विषय है, इस समस्‍या के समाधान के लिए समुदाय, परिवार के सदस्‍यों को संवेदनशील बनाने की आवश्‍यकता है और इस समस्‍या का समाधान हम में से प्रत्‍येक के भीतर है।
किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत, महिलाओं की समानता पर आधारित विभिन्‍न क्षेत्रीय और वैश्विक संधियों का हस्‍ताक्षरकर्ता है, उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और समानता के मुद्दे पर भारत के पास जिस प्रकार के अस्‍पष्‍ट और सशक्त वैधानिक प्रावधान हैं, उतना अन्‍य किसी देश के पास नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई वैधानिक प्रावधान तो हैं, किंतु समाज की सोच में यह समस्‍या ग्रसित है। उन्‍होंने कहा कि हमें एक साथ आकर सामूहिक तौर पर इस समस्‍या का समाधान ढूंढना है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर एकजुटता दर्शाने के लिए मैं यहां आया हूं, कृपया मुझे अपने आंदोलन का हिस्‍सा मानें, इन देशों में महिलाओं के लिए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए।

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