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डाक टिकट से विश्व पर्यटन को बढ़ावा

डाक टिकट पर राजस्थान की ऐतिहासिक बावड़ियाँ

टिकटों पर भारत की सभ्यता, संस्कृति और धरोहरें

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 6 January 2018 12:36:09 AM

india's civilization and heritage on stamps

जोधपुर। राजस्थान की कला-संस्कृति-विरासत और स्थापत्य कला डाक टिकटों पर सदैव प्रमुखता से स्थान पाती रही है। इस प्रकार राजस्थान डाक विभाग ने देश की 16 प्राचीन बावड़ियों पर डाक टिकट जारी किए हैं, जिनमें राजस्थान की छह ऐतिहासिक बावड़ियाँ शामिल हैं। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि राजस्थान में जोधपुर के तूरजी का झालरा, जयपुर की पन्ना मियाँ की बावड़ी, आभानेरी की चांद बावड़ी, बूंदी की रानीजी की बावड़ी एवं नागर सागर कुंड और अलवर की नीमराना बावड़ी पर डाक टिकट जारी किए गए हैं। इनमें नीमराना बावड़ी और नागर सागर कुंड पर जारी डाक टिकट 15 रूपये के और शेष डाक टिकट 5 रूपये के हैं।
निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बावड़ियाँ प्राचीन काल से ही जल संरक्षण में अपना अहम योगदान देती रही हैं और इन डाक टिकटों के माध्यम से इस विरासत को जीवंत किया गया है। इन बावड़ियों का निर्माण बेहद खूबसूरती से किया गया है और आज भी ये बावड़ियाँ वास्तु और स्थापत्यकला की दृष्टि से मन मोह लेती हैं, देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए बावड़ियाँ भी एक प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इन डाक टिकटों के प्राप्त होते ही शीघ्र ही सभी फिलेटलिक ब्यूरो के माध्यम से बिक्री के लिए जारी किया जाएगा। गौरतलब है कि भारतीय डाक विभाग अपने डो टिकटों के माध्यम से भारत की ऐतिहासिक सभ्यता, संस्कृति और धरोहरों की और देश दुनिया का ध्यान आ‌कर्षित करने का एक सशक्त माध्यम है, यह पर्यटन का अग्रदूत कहा जाता है, इसकी पहुंच किसी सीमा की मुहताज नहीं मानी जाती है।

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