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पुस्तकें ज्ञान का महत्वपूर्ण स्रोत-नाईक

राज्यपाल मृदुला सिन्हा के विशेषांकों का लोकार्पण

किताब से युवा पीढ़ी के जीवन को दिशा-मृदुला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 28 November 2017 05:56:45 AM

governor mridula sinha and governor ram naik

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में साहित्यकार, समाजधर्मी एवं गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा के अमृत महोत्सव पर उनके सद्य: प्रकाशित उपन्यास 'अहल्या उवाच' उनकी समग्रता पर केंद्रित ग्रंथ 'सहजता की भव्यता' और हिंदी मासिक पत्रिका 'पांचवां स्तंभ' के विशेषांक का लोकार्पण नई दिल्ली के कॉस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में किया गया। राज्यपाल राम नाईक ने कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि पुस्तकें ज्ञान का महत्वपूर्ण स्रोत होती हैं, गीता में कहा गया है कि 'ज्ञानात ऋमे न मुक्ति' अर्थात ज्ञान के बिना मुक्ति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति में ज्ञानार्जन के प्रति लगाव हो तो वह प्राचीन से प्राचीन पुस्तकों से बड़ी ही सहजता एवं सरलता के साथ ज्ञान हासिल कर सकता है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि इस आधुनिक दौर में प्रत्येक भाषा में विपुल साहित्य मौजूद है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें चरित्र निर्माण का सर्वोच्च साधन होती हैं, अच्छा साहित्य जीवन को सुधारने तथा मृत्योपरांत जीवन को संवारने की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि लेखिका एवं गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा का साहित्य और उनका व्यवहार शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है, आज भी उनसे बात करने मात्र से व्यक्ति को अवश्य ही कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। राज्यपाल ने मृदुला सिन्हा की मधुर कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि उनको जो भी कार्य एवं दायित्व सौंपे गए उन्होंने उन्हें बखूबी अंजाम दिया, वह आज भी अपने जीवन में हर रोज कुछ न कुछ सदैव नया करती रहती हैं, वह एक अनुशासन प्रिय नारी हैं। राम नाईक ने कहा कि मृदुला सिन्हा की दृष्टि में रचना उद्देश्य ही मानवीय जीवन का उत्कर्ष है। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ अहल्या के जीवन के विभिन्न प्रसंगों के युग सत्य को एक साथ पिरोकर समाज के सामने रखना कोई आसान कार्य नहीं था, परंतु मृदुला सिन्हा ने यह कौशलपूर्ण कार्य बखूबी करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि अहल्या उवाच संग्रह दाम्पत्य जीवन पर आधारित है, जो अवश्य ही नई पीढ़ी के लिए सीख प्रदान करेगा।
राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने इस अवसर पर बताया कि उनकी प्रथम रचना कादम्बनी में 1979 में तथा दूसरी कहानी पांचजन्य में प्रकाशित हुई थी। उन्होंने कहा कि अहल्या के जीवन में तीन व्यक्ति आए, प्रथम उनके पति जिन्होंने उन्हें बहुत प्यार दिया, दूसरा व्यक्ति जिसने उनके साथ छल किया और तीसरा वह जिसने अल्पआयु में अपने स्पर्श मात्र से अहल्या को एक नया जीवन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि इस किताब में उन्होंने मिथक से गुणों को निकालकर आज की युवा पीढ़ी के सामने रखने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह किताब युवा पीढ़ी एवं दाम्पत्य जीवन को एक नई दिशा प्रदान करेगी।
कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक ने राज्यपाल मृदला सिन्हा को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और संगीता सिन्हा ने राज्यपाल राम नाईक को फल एवं शॉल भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सहजता की भव्यता के प्रधान संपादक बलदेव शर्मा, अवधेश कुमार, डॉ बिंदेश्वरी पाठक, किरन माहेश्वरी, विजया राठ और कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर पूर्व सांसद रामकृपाल, प्रभात कुमार, विजय कुमार मल्होत्रा, डॉ बद्रीप्रसाद पंचोली, डॉ मालती, महेश, विमला बाथम, सुभाषिनी सिन्हा, मधु पंत, शीला झुनझुनवाला, सरोज बजाज, मधु वर्मा, डॉ तारा, राजेश मोदी, मोहिनी गर्ग और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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