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पुस्तकें अकेलेपन की भी साथी हैं-राज्यपाल

लखनऊ में 14वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का किया उद्घाटन

राष्ट्रीय पुस्तक मेले की थीम है 'महिला सशक्तिकरण'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 24 September 2016 02:58:04 AM

lucknow, national book fair

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मोती महल लॉन में 14वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने पुस्तक मेले की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह स्वागत योग्य है कि इस वर्ष पुस्तक मेले की थीम 'महिला सशक्तिकरण' पर केंद्रित है, जबकि गत वर्ष पुस्तक मेला 'भारतीय संविधान' पर आधारित था। उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी, विद्यार्थी, शिक्षक और आम नागरिक भी पुस्तक मेले का लाभ उठाएं। राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकें अकेलेपन की साथी भी होती हैं, ऐसे साथियों को अपने साथ रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छा पाठक वही है जो किताब खरीदकर पढे़, मराठी में मुहावरा है कि जो पढे़गा वही बचेगा, पढ़ते रहने से ज्ञान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और जानकारी में फर्क है, ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताब पढ़ना जरूरी है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पुस्तक मेले में महिला सशक्तिकरण का भाव स्वागतयोग्य है, महिलाओं के प्रति समाज में सोच बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या, दहेज हत्या और आए दिन महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के प्रति समाज में जागरूकता लाने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि समय बदल रहा है, विश्वविद्यालय स्तर पर यह देखने में आया है कि 65 प्रतिशत महिलाएं स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त कर रही हैं, बेहतर अवसर मिलता है तो बेटियां मेहनत करके आगे बढ़ती हैं, घर के काम-काज के साथ बेटियां पढ़ाई के प्रति भी उतनी ही गंभीर होती हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह सशक्तिकरण का एक चित्र है, जिसे आगे ले जाने की जरूरत है।
राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि विधायक, सांसद और मंत्री रहते हुए उन्होंने महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उनकी सुविधा के लिए महिला लोकल ट्रेन, धुंआ रहित रसोई के लिए ज्यादा से ज्यादा गैस कनेक्शन जारी करना, पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के लिए पांच किलो के छोटे सिलेण्डर उपलब्ध कराना, स्तनपान प्रोत्साहन के लिए डिब्बा बंद शिशु आहार पर यह लिखना कि माँ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है, जैसे कार्यों को प्राथमिकता पर किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिले, इस पर विचार करने की जरूरत है।
राम नाईक ने कहा कि मैं पिछले साल राज्यपाल की हैसियत से पुस्तक मेले का उद्घाटन करने आया था, पर इस बार मैं एक लेखक भी बन गया हूं, मैने बचपन से लेकर राजभवन आने तक के संस्मरण मेरी पुस्तक चरैवेति! चरैवेति!! के रूप में प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2016 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पुस्तक के मराठी संस्करण का लोकार्पण किया था, शीघ्र ही हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और गुजराती भाषाओं में भी इस पुस्तक का प्रकाशन किया जाएगा। इस अवसर पर पुस्तक मेले की संयोजक आस्था ढल, आकर्षण जैन, केटी फाउंडेशन के मुरलीधर आहूजा, सर्वेश अस्थाना और बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे। राज्यपाल ने मेले में मीडिया फोटोग्राफर्स क्लब की सामूहिक फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

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