स्वतंत्र आवाज़
word map

न्यायिक व्यवस्था वहनीय बनाएं-राष्ट्रपति

न्यायपालिका की स्वतंत्रता लोकतंत्र की आधारशिला

पटना उच्च न्यायालय का शताब्दी समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 20 April 2015 12:37:46 AM

president pranab mukherjee

पटना। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बिहार में पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता ही हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था न सिर्फ पहुंच के भीतर, बल्कि वहनीय भी होनी चाहिए। उन्होंने समारोह में उपस्थित सभी न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं से अपील की कि वे पहुंच और वहनीय न्याय के लक्ष्य को प्राप्त करने में संयुक्त रूप से कार्य करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि जब 1 दिसंबर 1913 को पटना उच्च न्यायालय के भवन की आधारशिला रखी गई तो भारत के तत्कालीन वाइसरॉय और गवर्नर जनरल ने कहा था कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले दिनों में दुर्जनों के आतंक से निपटने के लिए न्याय को साहस और निष्पक्षता के साथ प्रशासित किया जाएगा, प्रत्येक सही और सत्य कारण की जीत होगी और इस संदर्भ में बिहार उच्च न्यायालय सच्ची भावना और बेहतर कानून के लिए अपना नाम अर्जित करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि यदि कोई भी पटना उच्च न्यायालय के इतिहास पर नज़र डालता है तो यह स्पष्ट नज़र आएगा कि न्यायालय ने लॉर्ड हार्डिंग की उम्मीदों से ज्यादा कार्य किया है, इस न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति और हमारे राष्ट्र के प्रमुख निर्माताओं में से एक डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भी इस अदालत में वकालत की थी। सन् 1918 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता करने वाले सैय्यद हसन इमाम भी पटना उच्च न्यायालय बार के एक सदस्य थे। संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा भी इस न्यायालय की बार के सदस्य थे। पटना उच्च न्यायालय के तीन मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश बीपी सिन्हा, न्यायाधीश ललित मोहन शर्मा और न्यायाधीश आरएम लोढ़ा भारत के मुख्य न्यायधीश भी बने।
राष्ट्रपति ने वादों के त्वरित गति से निपटारे किए जाने पर भी बल दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि देश भर की अदालतों में रिक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय में 43 न्यायाधीशों के अनुमोदन की तुलना में वर्तमान में 31 न्यायाधीश हैं। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्‍तू, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून एवं विधि मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]