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तेल गैस की कीमतें बढ़ाने की सिफारिशें

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Thursday 31 October 2013 09:29:13 AM

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नई दिल्‍ली। डीजल, घरेलू एलपीजी और पीडीएस केरोसीन के लिए मूल्य निर्धारण प्रणाली पर सलाह देने के लिए सरकार ने योजना आयोग के पूर्व सदस्य डॉ किरीट एस पारिख की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया था। विशेषज्ञ समूह के अन्य सदस्यों में पीके सिंह, डॉ सौरभ गर्ग, प्रोफेसर एसके बरुआ और आरके सिंह शामिल थे। विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री डॉ एम वीरप्पा मोइली को सौंप दी। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में सिफारिशें हैं कि विश्व में सर्वाधिक ऊर्जा प्रयोग करने वाले देश भारत को भविष्य में रिफाईनरी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, इसलिए पेट्रोलियम क्षेत्र को दीर्घकालीन समय में लाभ और देश में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी मूल्य-निर्धारण नीतियों को तैयार करना होगा।
रिपोर्ट में अन्‍य सिफारिशें हैं कि विभिन्न वैकल्पिक मूल्य निर्धारण प्रणालियों का अध्ययन करने के बाद विशेषज्ञ समूह ने महसूस किया है कि भारत में सही घरेलू मूल्य निर्धारित करने के लिए कोई एक या विशेष प्रतिनिधित्व नियम नहीं है, जिससे अर्थव्यवस्था को इसके बुरे प्रभावों से दूर रखा जा सके, इसलिए बाजार को मूल्य नियत्रंण से शीघ्र दूर करना ही सही कदम होगा। वर्तमान में प्रशासनिक मूल्यों और अंतर्राष्‍ट्रीय मूल्यों में भारी अंतर के मद्देनजर समिति ने अंतरिम समय के लिए ऐसी व्‍यवस्‍था का सुझाव दिया है, जिसे श्रेष्ठ समाधान मिलने तक लागू किया जा सकता है। सिफारिशों में डीजल मूल्यों को अंतत मुक्त करने के सरकार के निर्णय के फलस्वरूप वर्तमान के मूल्य निर्धारण नियम को ठीक करने की कोई आवश्यकता नहीं है, यदि इसे ठीक किया गया तो नियंत्रित उत्पादों की बिक्री में होने वाले घाटे की समस्या का समाधान नहीं होगा, इसलिए विशेषज्ञ समूह ने वर्तमान नीति के तहत टीपीपी को जारी रखने की सिफाऱिश की है।
समूह ने अपनी सिफारिश में डीजल के मूल्यों में बढोत्तरी को उपभोक्ताओं पर डालने के प्रयास करने और इसके मूल्यों के बाजार से निर्धारित करने के प्रति तेजी से बढ़ने को कहा है। समूह ने डीज़ल के मूल्य में तत्काल 5 रूपए प्रति लीटर बढ़ाने और बकाया की वसूली के लिए पीएसयू ओएमसी को 6 रूपए प्रति लीटर सब्सिडी देने की सिफारिश की है। डीजल पर सब्सिडी की सीमा 6 रूपय प्रति लीटर तक रखी जानी चाहिए। घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय मूल्यों में 6 रूपए से अधिक का अंतर बढ़ने पर घरेलू बाजार में डीज़ल के मूल्यों में ओएमसी के तदानुसार वृद्धि की जानी चाहिए। यदि अंतर 6 रूपए लीटर से कम होता है तो या तो मूल्यों में या दी जा रही सब्सिडी में कमी की जानी चाहिए। विशेषज्ञ समूह की दूसरी सिफारिश से समयानुसार सब्सिडी में कमी होगी। भविष्य में तेल कंपनियों को भी खुद से सब्सिडी सीमा से अधिक के लिए भी मूल्य संशोधित करने की अनुमति (अंतराष्ट्रीय मूल्‍यों और अन्य लागतों में परिवर्तन होने पर) दी जानी चाहिए।
समूह के अनुसार 6 रूपए लीटर की निर्धारित सब्सिडी को भी धीरे-धीरे घटाना चाहिए और सब्सिडी की सीमा पर मासिक रूप से सुधार कर और अगले एक वर्ष के दौरान डीज़ल के मूल्य में वृद्धि कर अंतत इसको समाप्त किया जाना चाहिए। समूह ने सिफारिश की है कि पीडीएस केरोसीन के पूर्ण रूप से बाजार मूल्य पर बेचा जाना चाहिए और पात्र उपभोक्ताओं अर्थात बीपीएल परिवारों को सब्सिडी का लाभ प्रत्यक्ष हंस्तातरण से दिया जाना चाहिए। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए बीपीएल परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का काम तेजी से और अगले 2 वर्ष के भीतर पूरा होना चाहिए। इसका क्रियान्वयन पूरा होने तक पीडीएस केरोसीन का मूल्य तत्काल 4 रूपए लीटर बढ़ाना चाहिए और पीडीएस केरोसीन के मूल्यों को प्रति व्यक्ति कृषि सकल घरेलू उत्पाद में हुई वृद्धि के समरूप संशोधित करना चाहिए।
ग्रामीण विद्युतीकरण के अधिक होने और खाना बनाने के लिए एलपीजी और पीएनजी के अधिक प्रयोग के कारण पीडीएस केरोसीन का आवंटन कम किया जाना चाहिए। चूंकि केरोसीन को न तो निर्यात किया जा सकता है और न ही आयात किया जा सकता है और इस पर कोई सीमा शुल्क भी नहीं है, इसलिए इसका मूल्य निर्धारण आईपीपी पर जारी रखा जा सकता है। समूह ने वर्तमान में प्रति वर्ष सब्सिडी में दिए जा रहे प्रति परिवार 9 सिलेंडरों को घटा कर 6 करने और डीबीटीएल योजना को चिन्हित परिवारों तक सीमित रखने की सिफारिश की है। डीबीटीएल योजना को अगले एक वर्ष तक देश भर में चुने हुए परिवारों को प्रत्यक्ष सब्सिडी देने के लिए जारी रखना चाहिए। सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर का मूल्य तत्काल 250 रूपए बढ़ाना चाहिए और धीरे-धीरे मूल्य वृद्धि कर अगले दो वर्ष में सब्सिडी पूर्ण रूप से समाप्त की जानी चाहिए। शहरी क्षेत्रों में घरों के लिए पाइप प्राकृतिक गैस का प्रचार करना चाहिए। चूंकि देश एलपीजी के आयात पर बडे स्तर पर निर्भर है इसलिए घरेलू एलपीजी के रिफाइनरी गेट मूल्य निर्धारित करने के लिए मूल्य नीति आईपीपी आधार पर जारी रहनी चाहिए।

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