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'खेल में हार नहीं, जीत या फिर सीख होती है'

एशियाई पैरा गेम्स में उत्कृष्ट उपलब्धियों पर खिलाड़ियों को बधाई!

हमारी सरकार ने खिलाड़ियों के सपनों और संघर्षों को पहचाना-मोदी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 November 2023 12:57:42 PM

pm modi meets the indian contingent of asian para games

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में एशियाई पैरा गेम्स के भारतीय दल से मुलाकात की, उनको एशियाई पैरा गेम्स-2022 में उत्कृष्ट उपलब्धियों केलिए बधाई दी और उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं केलिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने पैरा एथलीटों को संबोधित करते हुए कहाकि वे हमेशा उनसे मिलने और अपने अनुभव साझा करने को उत्सुक रहते हैं। उन्होंने कहाकि वे न केवल एशियाई पैरा गेम्स के घटनाक्रमों पर करीब से नज़र रख रहे थे, बल्कि उसे जीभी रहे थे। उन्होंने खिलाड़ियों के योगदान की सराहना की और उनके कोचों और परिजनों को भी बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने देश के 140 करोड़ नागरिकों की ओरसे खिलाड़ियों का आभार व्यक्त किया। खेलों की अत्यधिक प्रतिस्पर्धी प्रकृति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों की अंदरूनी प्रतिस्पर्धा पर भी ध्यान दिया, जब वे एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों के उच्चतमस्तर के अभ्यास और समर्पण की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों से कहाकि आप सभी में से कुछ जीतकर आए, कुछ अनुभवों से समझदार बनकर आए हैं, लेकिन कोईभी हारकर नहीं आया है। प्रधानमंत्री ने खेलों में शामिल सीखने की प्रक्रिया का ज़िक्र करते हुए कहाकि खेल में हार नहीं होती, केवल जीत या फिर सीख होती है। उन्होंने 140 करोड़ नागरिकों में से चुने जाने को पैरा एथलीटों केलिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। रिकॉर्ड तोड़ सफलता का ज़िक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि आपकी सफलता देश को प्रेरित करती है और नागरिकों में गर्व की भावना भी पैदा करती है। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन के संदर्भ में स्मरण करते हुए बतायाकि अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें गुजरात से लोकसभा में रिकॉर्ड चुनावी प्रदर्शन करने केलिए इसी प्रकार बधाई दी थी। उन्होंने कहाकि ये पदक महज संख्या नहीं हैं, बल्कि 140 करोड़ सपने हैं, यह संख्या 2014 में जीते गए पदकों की संख्या से तीन गुना ज्यादा है, जबकि स्वर्ण पदकों की संख्या दस गुना ज्यादा है और भारत पदक तालिका में 15वें स्थान से शीर्ष 5वें स्थान पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने बीते कुछ महीने में खेल के क्षेत्र में भारत की हालिया उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और अगस्त में बूडापेस्ट में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक, एशियाई खेलों में बैडमिंटन पुरुष टीम का पहला स्वर्ण पदक, टेबल टेनिस में महिला जोड़ी का पहला पदक, पुरुष बैडमिंटन टीम की थॉमस कप जीत, एशियन गेम्स में 28 स्वर्ण सहित रिकॉर्ड 107 पदकों और एशियाई पैरा गेम्स में सबसे सफल पदक तालिका का उल्लेख किया।
पैरा गेम्स की विशेष प्रकृति को पहचानते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि किसी दिव्यांग की खेल में जीत केवल खेल में ही प्रेरणा नहीं होती है, बल्कि यह जीवन में भी प्रेरणा की बात होती है। उन्होंने कहाकि उनका प्रदर्शन किसीभी व्यक्ति में नए सिरे से ऊर्जा भर सकता है, चाहे वह कितनी भी निराशा में क्यों न हो। प्रधानमंत्री ने एक खेल समाज और खेल संस्कृति के रूपमें भारत में हुई प्रगति पर कहाकि हम 2030 यूथ ओलंपिक और 2036 ओलंपिक आयोजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि खेलों में कोई शॉर्टकट नहीं होता है, खिलाड़ी वैसे तो अपनी क्षमताओं पर निर्भर करते हैं, लेकिन थोड़ी सी मदद मिले तो उसका कई गुना प्रभाव होता है। उन्होंने परिवारों, समाज, संस्थानों और सहायक इकोसिस्टम के सामूहिक समर्थन की जरूरत बताई। उन्होंने परिवारों में खेलों केप्रति नजरिया बदलने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी कीकि समाज ने पहले के उलट अब खेलों को एक पेशे के रूपमें मान्यता देना शुरू कर दिया है, पहले सरकारों का रवैया 'सरकार केलिए एथलीट' होता था, उसके बजाय अब मौजूदा सरकार 'एथलीटों केलिए सरकार' का रुख़ लाई है। प्रधानमंत्री ने एथलीटों की सफलता में सरकार की इस संवेदनशीलता को श्रेय दिया। उन्होंने आग्रहपूर्वक कहाकि जब सरकार एथलीटों के सपनों और संघर्षों को पहचानती है तो इसका प्रभाव उसकी नीतियों, दृष्टिकोण और सोच में देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली सरकारों में एथलीटों केलिए नीतियों, इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग सुविधाओं और वित्तीय सहायता की कमी पर अफसोस जताया और कहाकि सफलता प्राप्त करने में यह एक बड़ी बाधा बन गई थी। उन्होंने कहाकि 9 वर्ष में देश पुरानी व्यवस्था और नजरिए से बाहर निकल चुका है, आज विभिन्न एथलीटों पर 4-5 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, सरकार का नजरिया एथलीट केंद्रित है। उन्होंने कहाकि सरकार बाधाओं को दूर कर रही है और उनके लिए नए अवसर पैदा कर रही है, खेलो इंडिया योजना, जिसने जमीनी स्तर पर एथलीटों की पहचान करके और उनकी प्रतिभा को निखारकर उन्हें सफलता दिलाई। प्रधानमंत्री ने कहाकि काबिलियत प्लस प्लेटफॉर्म परफॉर्मेंस के बराबर होता है, जब काबिलियत को ज़रूरी मंच मिल जाता है तो परफॉर्मेंस को गजब बढ़ावा मिलता है। उन्होंने टॉप्स पहल और एक डिसेबिलिटी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि कठिनाइयों के सामने एथलीटों का गजब का हौसला देश केलिए उनका सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने एथलीटों से कहाकि आपने दुर्गम बाधाओं को पार किया है, इस प्रेरणा को हर जगह स्वीकार किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर होरही पैरा एथलीटों की प्रशंसाओं का ज़िक्र किया और कहाकि हर टूर्नामेंट में आपकी भागीदारी इंसानी सपनों की जीत है, यह आपकी सबसे बड़ी विरासत है, हमारी सरकार आपके साथ है, देश आपके साथ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक राष्ट्र के रूपमें हम किसीभी उपलब्धि पर रुकते नहीं हैं और अपनी उपलब्धियों पर आराम नहीं करते हैं। उन्होंने कहाकि हम टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गए हैं और मैं दृढ़ता से कहता हूंकि हम इस दशक में ही टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में होंगे और 2047 में यह देश विकसित भारत बन जाएगा। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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