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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री का संदेश!

'हमारा शारीरिक बल, मानसिक विस्तार विकसित भारत का आधार'

'भारत के साथ 180 देशों का योगाभ्यास ऐतिहासिक और अभूतपूर्व'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 21 June 2023 12:53:54 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क से वीडियो संदेश के जरिए योगोत्सव को संबोधित करते हुए नागरिकों को शुभकामनाएं दीं और कहाकि वे एक वीडियो संदेश के माध्यम से उनसे जुड़ रहे हैं, क्योंकि वे वर्तमान में कई प्रतिबद्धताओं के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा कर रहे हैं और यह पिछले अवसरों से भिन्न है, क्योंकि वे योग दिवस के मौके पर यहां मौजूद रहते थे। प्रधानमंत्री ने बतायाकि वे भारतीय समयानुसार शाम करीब साढ़े पांच बजे संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय में योग कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहाकि भारत के आह्वान पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने 180 से अधिक देशों का एकसाथ आना ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। उन्होंने 2014 में रिकॉर्ड संख्या में देशों के समर्थन को याद किया, जब योग दिवस का प्रस्ताव संयुक्तराष्ट्र महासभा में योग को एक वैश्विक आंदोलन और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से एक वैश्विक उत्साह बनाने केलिए पेश किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को और भी खास बनाने वाले 'ओशन रिंग ऑफ योग' की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यह योग की अवधारणा और समुद्र के विस्तार के आपसी संबंध पर आधारित है। नरेंद्र मोदी ने जल स्रोतों का उपयोग कर सेना के जवानों की बनाई गई 'योग भारतमाला और योग सागरमाला' पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के आर्कटिक से अंटार्कटिका तक के दो अनुसंधान आधार यानी पृथ्वी के दो ध्रुव भी योग से जुड़े हुए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दियाकि इस अनोखे उत्सव में देश और दुनिया के करोड़ों लोगों का इतने सहज तरीके से शामिल होना योग की विशालता और प्रसिद्धि को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने ऋषियों को उद्धृत करते हुए समझाया कि जो हमें एकजुट करता है, वह योग है। उन्होंने कहाकि योग का प्रचार इस विचार का विस्तार हैकि दुनिया एक परिवार के रूपमें शामिल है। इस साल भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन केलिए 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की थीम पर प्रधानमंत्री ने कहाकि योग का प्रचार 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना का प्रचार है। उन्होंने कहाकि आज दुनियाभर में करोड़ों लोग 'वसुधैव कुटुम्बकम केलिए योग' की थीम पर एकसाथ योग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग शास्त्रों का हवाला देते हुए कहाकि योग से स्वास्थ्य, स्फूर्ति और शक्ति प्राप्त होती है और जो लोग वर्षों से नियमित रूपसे इसमें लगे हैं, उन्होंने इसकी ऊर्जा को महसूस किया है। व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तरपर अच्छे स्वास्थ्य के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दियाकि योग एक स्वस्थ और शक्तिशाली समाज बनाता है, जहां सामूहिक ऊर्जा बहुत अधिक होती है। उन्होंने स्वच्छ भारत और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण और देश की सांस्कृतिक पहचान को बहाल करने में मदद की है। उन्होंने कहाकि देश और इसके युवाओं का इस ऊर्जा में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहाकि आज देश की सोच बदली है, जिससे लोगों के साथ-साथ उनके जीवन में भी बदलाव आया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की संस्कृति और सामाजिक संरचना, इसकी आध्यात्मिकता और आदर्शों, इसके दर्शन और दृष्टि ने हमेशा उन परंपराओं का पोषण किया है, जो एकता के सूत्र में पिरोती हैं, एक दूसरे को अपनाती हैं और गले लगाती हैं। नरेंद्र मोदी ने देश की प्रतिष्ठित समृद्ध विविधता पर कहाकि भारतीयों ने नए विचारों का स्वागत किया है और उन्हें संरक्षित किया है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि योग ऐसे उत्साह का पोषण करता है, आंतरिक दृष्टि का विस्तार करता है और हमें उस चेतना से जोड़ता है, जो हमें जीव के प्रति प्रेम का आधार देते हुए जीव की एकता का आभास कराती है, इसलिए हमें योग के माध्यम से अपने अंतर्विरोधों, रुकावटों और प्रतिरोधों को खत्म करना होगा, हमें 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को दुनिया के सामने एक उदाहरण के रूपमें पेश करना है। संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने योग के बारे में एक श्लोक उद्धृत करते हुए कहाकि कर्म में कौशल ही योग है। उन्होंने कहाकि आजादी के अमृतकाल में यह मंत्र सभी केलिए बहुत महत्वपूर्ण है और योग की सिद्धि तब प्राप्त होती है, जब व्यक्ति वास्तव में अपने कर्तव्यों केप्रति समर्पित होता है। नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहाकि योग से हम निःस्वार्थ कर्म को जानते हैं, हम कर्म से कर्मयोग तककी यात्रा तय करते हैं। उन्होंने कहाकि योग से हम अपने स्वास्थ्य में सुधार करेंगे और इन संकल्पों को भी आत्मसात करेंगे। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के रूपमें कहाकि हमारी शारीरिक शक्ति, हमारा मानसिक विस्तार एक विकसित भारत का आधार बनेगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जबलपुर में 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2023 के राष्ट्रीय उत्सव का नेतृत्व किया।

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