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नौसेना का सर्वेक्षण पोत 'संशोधक' लॉंच

स्वदेशी जहाज निर्माण के तहत नई पीढ़ी के जहाज तैयार

कट्टुपल्ली में नौसैनिक परंपरा से सेरेमोनियल लॉन्चिंग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 14 June 2023 02:37:36 PM

navy's survey vessel 'sanshodhak' launched

चेन्नई। भारतीय नौसेना केलिए एल एंड टी/ जीआरएसई के निर्मित किए जारहे सर्वे वैसल्स (लार्ज) (एसवीएल) परियोजना के चार जहाजों में से चौथे 'संशोधक' को चेन्नई के कट्टुपल्ली में समारोहपूर्वक लॉंच किया गया। नौसेना की समुद्री परंपरा को बरकरार रखते हुए तन्वी अरोड़ा ने अथर्ववेद के मंत्रोच्चारण केसाथ जहाज को लॉंच किया। संशोधक नाम का जहाज, जिसका अर्थ है शोधकर्ता एक सर्वेक्षण पोत के रूपमें जहाज की प्राथमिक भूमिका को दर्शाता है। समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर वीएडीएम अधीर अरोड़ा थे। गौरतलब हैकि रक्षा मंत्रालय और कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स केबीच 30 अक्टूबर 2018 को चार एसवीएल जहाजों के निर्माण केलिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
पहला जहाज कोलकाता के जीआरएसई में निर्माण रणनीति के अनुसार बनाया जाएगा और आउटफिटिंग चरण तक शेष तीन जहाजों के निर्माण केलिए कट्टुपल्ली के मैसर्स एलएंडटी शिपबिल्डिंग को उप-अनुबंधित किया गया है। परियोजना के पहले तीन जहाज संध्याक, निर्देशक और इक्षक को 5 दिसंबर 2021, 26 मई 2022 और 26 नवंबर 2022 को लॉंच किए गए थे। एसवीएल जहाज समुद्र संबंधी डेटा एकत्र करने केलिए नई पीढ़ी के हाइड्रोग्राफिक उपकरणों केसाथ विद्यमान संध्याक वर्ग के सर्वेक्षण जहाजों को प्रतिस्थापित करेंगे। सर्वे वैसल्स जहाज 110 मीटर लंबे, 16 मीटर चौड़े और 3400 टन के विस्थापन केसाथ हैं। इन जहाजों का पतवार स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के निर्मित स्वदेशी रूपसे विकसित डीएमआर 249-A स्टील से बना हुआ है।
एसवीएल जहाजों की प्राथमिक भूमिका चार सर्वे मोटर बोट और एक इंटिग्रल हेलीकॉप्टर ढोने की क्षमता केसाथ बंदरगाहों और नौवहन चैनलों के पूर्ण पैमाने पर तटीय और गहरे पानी के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की होगी। इन जहाजों को रक्षा केसाथ नागरिक अनुप्रयोगों केलिए समुद्र विज्ञान और भू-भौतिकीय डेटा एकत्र करने केलिए भी तैनात किया जाएगा। अपनी द्वितीयक भूमिका में ये जहाज सीमित रक्षा, एचएडीआर प्रदान करने में सक्षम हैं और आपातस्थिति के दौरान अस्पताल के जहाज के रूपमें काम कर सकते हैं। सर्वे वैसल्स लार्ज में लागत के हिसाब से 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, जो देश में रोज़गार सृजन और युद्धपोत निर्माण क्षमता में अतिरिक्त उत्पादों केसाथ भारतीय निर्माण इकाइयों की रक्षा उत्पादन सुनिश्चित करेगी। चौथे सर्वे वैसल्स का शुभारंभ मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत सरकार के विजन के हिस्से के रूपमें स्वदेशी जहाज निर्माण के संकल्प को मजबूत करता है।

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