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भारत-श्रीलंका प्रधानमंत्रियों का शिखर सम्मेलन

दोनों देशों के द्विपक्षीय क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर चर्चा की

कोविड-19 से निपटने में भारत और श्रीलंका के सराहनीय कार्य

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Monday 28 September 2020 02:04:47 PM

india-sri lanka prime ministers summit

कोलंबो/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और पारस्‍परिक चिंता के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अगस्त 2020 में श्रीलंका में हुए संसदीय चुनाव में एक निर्णायक जनादेश के साथ श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आभार व्यक्त किया और उनके साथ काम करने की इच्‍छा व्यक्त की। दोनों राजनेताओं ने नवंबर 2019 में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे और फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की राजकीय भारत यात्राओं को याद किया, जिन्होंने भारत-श्रीलंका के आपसी संबंधों के भविष्य केलिए स्पष्ट राजनीतिक दिशा और दृष्टि दी।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में इस क्षेत्र के देशों की पारस्‍परिक सहायता एवं मदद के दृष्टिकोण पर आधारित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व की सराहना की। दोनों राजनेताओं का कहना था कि वर्तमान परिस्थिति ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करने का एक नया अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका ने कोविड-19 से निपटने के लिए काफी सराहनीय कार्य किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के स्वास्थ्य एवं आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए श्रीलंका सरकार को हरसंभव मदद करने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों राजनेताओं ने आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए पारस्‍परिक सहयोग में खुफिया क्षेत्र, सूचनाओं को साझा करना, कट्टरता को दूर करना और क्षमता निर्माण पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और श्रीलंका के लोगों द्वारा पहचाने जाने वाले प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के अनुसार लाभकारी एवं कुशल विकास भागीदारी को जरी रखा जाएगा, साथ ही वर्ष 2020-2025 की अवधि के लिए उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं के कार्यांवयन के लिए समझौता ज्ञापन के तहत इस द्वीप के साथ जुड़ाव को कहीं अधिक व्‍यापक बनाया जाएगा।
भारत और श्रीलंका में द्विपक्षीय संबंधों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान मई 2017 में घोषित वहां के वन क्षेत्रों में 10,000 रिहायशी मकानों के निर्माण में तेजी लाने के लिए मिलकर काम किया जाएगा। दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश के लिए उपयुक्‍त माहौल उपलब्‍ध कराना और कोविड-19 की चुनौतियों के मद्देनज़र आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण पर जोर रहेगा। द्विपक्षीय समझौतों और समझौता ज्ञापनों के अनुसार करीबी परामर्श के जरिए बंदरगाह एवंऊर्जा जैसे क्षेत्रों सहित बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी परियोजनाओं को जल्‍द पूरा करने की दिशा में दोनों देशों ने पारस्परिक रूपसे लाभकारी विकास सहयोग भागीदारी के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारत से 10 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन के तहत विशेष रूपसे सौर परियोजनाओं पर जोर देते हुए नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाएगा। कृषि, पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और आयुष (आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी) के क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग को मजबूत करने के साथ ही पेशेवरों के प्रशिक्षण को बढ़ाकर कौशल विकास करना है, ताकि दोनों देशों के जनसांख्यिकीय लाभांश की पूरी क्षमता का लाभ उठाया जा सके।
भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों में सभ्यता संबंधी संपर्कों और सामान्य विरासत जैसे बौद्धधर्म, आयुर्वेद एवं योग के क्षेत्र में मौजूद अवसरों को तलाशते हुए लोगों से लोगों के बीच संबंधों को अधिक मजबूती प्रदान करना है। भारत सरकार अंतर्राष्ट्रीय उड़ान के तहत श्रीलंका के बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए कुशीनगर की यात्रा के लिए सुविधा उपलब्‍ध कराएगी। कोविड-19 महामारी के खतरों को ध्‍यान में रखते हुए सुरक्षा के लिए सभी आवश्‍यक उपाय करके दोनों देशों के बीच सुचारु यात्रा के लिए हवाई यातायात और कनेक्टिविटी से पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों के बीच संयुक्तराष्ट्र सतत विकास लक्ष्य सहित साझा लक्ष्यों और मौजूदा ढांचे के अनुसार नियमित परामर्श एवं द्विपक्षीय चैनलों के माध्यम से मछुआरों से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगा। कार्मिकों के पारस्‍परिक दौरे समुद्री सुरक्षा में सहयोग और श्रीलंका को रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में मदद के जरिए दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच सहयोग और मजबूत होगा।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भारत-श्रीलंका के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुदान की घोषणा का स्वागत किया। इस अनुदान से बौद्ध धर्म के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी, जिसमें बौद्ध मठों का निर्माण, नवीनीकरण, क्षमता विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सांस्कृतिक सहयोग, पुरातात्विक सहयोग, बुद्ध के अवशेषों की पारस्परिक प्रदर्शनी, बौद्ध विद्वानों एवं पुरोहितों के आपसी तालमेल को मजबूत करना आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संयुक्‍त श्रीलंका के तहत समानता, न्याय, शांति एवं सम्मान के लिए तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने केलिए श्रीलंका सरकार का आह्वान किया, जिसमें श्रीलंका के संविधान के तेरहवें संशोधन को लागू करने के साथ ही सामंजस्य की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना शामिल है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भरोसा दिया कि श्रीलंका लोगों के जनादेश और संवैधानिक प्रावधानों के कार्यांवयन के अनुसार तमिल सहित सभी जातीय समूहों की अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में काम करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने पारस्परिक सहयोग के क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बढ़ती प्रगति को स्वीकार किया, जिसमें सार्क, बिम्सटेक, आईओआरए और संयुक्तराष्ट्र ढांचे के तहत उभरने वाले मुद्दे शामिल हैं। बिम्‍सटेक दक्षिण एशिया को दक्षिण पूर्व एशिया के साथ जोड़ने के लिए क्षेत्रीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच है। दोनों नेताओं ने श्रीलंका की अध्यक्षता में एक सफल बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी सुनिश्चित करने पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने वर्ष 2021-2022 के कार्यकाल के लिए संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूपमें भारत के चुनाव के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मिले मजबूत समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी।

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