स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत के अफ्रीकी देशों से रक्षा अनुबंध लंबे

अफ्रीकी सेना को भारत देगा आयुध सपोर्ट-राजनाथ सिंह

डेफएक्सपो में भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 February 2020 01:23:51 PM

rajnath singh addressing the first india-africa defence ministers' conclave 2020

लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत अपने मित्रवत अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा अनुबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए तैयार है। डेफएक्सपो-2020 लखनऊ में भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत इन संबंधों में तेजी लाना और इन्हें गहरा बनाना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि विशेष रूपसे रक्षा सहयोग, जिसमें आतंकवाद और उग्रवाद से मुकाबला करने के लिए सहयोग और आपसी क्षमताओं को मजबूत बनाना, अपने साइबर स्पेस को सुरक्षित रखना और शांति को आगे बढ़ाने एवं उसे बनाए रखने में संयुक्तराष्ट्र को समर्थन देना शामिल है। भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन का 12 रक्षा मंत्रियों और 38 देशों ने प्रतिनिधित्व किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम रक्षा उद्योग के क्षेत्र में निवेश, रक्षा उपकरण, सॉफ्टवेयर, डिजिटल रक्षा, अनुसंधान और विकास में संयुक्त उद्यम, रक्षा उपकरणों, कलपुर्जों और उनके रखरखाव के प्रावधान में गहन सहयोग के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग की सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में प्रगति और रक्षा अनुसंधान एवं विकास ने हमारे अनुबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए सहयोग की नई संभावनाएं खोली हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा विनिर्माण कंपनियां अब कारोबार में प्रमुख नामों के साथ साझेदारी कर रही हैं और उनकी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऑफशोर पेट्रोल वैसल, फास्ट इंटरसेप्टर बोट, शरीर और वाहन कवच, नाइट विजन गॉगल्स, मानवरहित हवाईयान डोर्नियर विमान, हथियार और गोला-बारूद अफ्रीकी सेना को प्रदान करने के लिए तैयार है।
राजनाथ सिंह ने अफ्रीकी देशों के सामने मौजूद रक्षा जरूरतों और चुनौतियों के समाधान के लघु, नवोन्मेषी समाधान के लिए रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार और मेक-II खरीद प्रक्रिया जैसे भारत के अनुभव को साझा करने की पेशकश की। राजनाथ सिंह ने कहा कि अफ्रीका के साथ हमारी साझेदारी सभी संभावनाओं के साथ एक खुली साझेदारी है और हमारी ओर से सहयोग के लिए रास्ते खुले हैं, जिसे वे अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार चुन सकते हैं और तय कर सकते हैं। इस बात को दोहराते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अफ्रीका के साथ भारत के जुड़ाव के लिए दिए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों ने अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को गहरा किया है, उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा भारत और अफ्रीका दोनों के लिए समान हित का विषय है, जिसमें भारत सरकार ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और सभी के लिए विकास पर जोर दिया है।
रक्षामंत्री ने कहा कि अफ्रीका के साथ भारत के सुरक्षा संबंध अफ्रीकी सेवा कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने, महाद्वीप में संयुक्तराष्ट्र के शांति प्रयासों और समुद्री सहयोग में भागीदारी पर केंद्रित हैं। रक्षामंत्री ने सुरक्षित समुद्र के महत्व पर जोर दिया, जो क्षेत्र में नीली अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक पूर्व आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने समुद्री डकैती, नशीले पदार्थों, हथियारों और मानव तस्करी और अवैध रूपसे मछली पकड़ने जैसे अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के रूपमें साझा सुरक्षा चुनौतियों को मान्यता दी है। इन चुनौतियों के मद्देनज़र क्षमता निर्माण, सूचना को साझा करने और निगरानी के लिए मजबूत साझेदारी का आह्वान किया गया। रक्षामंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत के बढ़ते कार्य ने उसे संकट के समय मानवीय सहायता प्रदान करने वाला प्रथम उत्तरदाता बनाया है, जैसेकि मोजाम्बिक में चक्रवात इदई और हाल ही में मेडागास्कर में चक्रवात डायने। सम्मेलन में रक्षा सहयोग पर भारत-अफ्रीका घोषणा पत्र को स्वीकार किया गया। इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवाना, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, रक्षा और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]