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व्‍यावसायिक सुरक्षा विधेयक को सरकार की मंजूरी

नई संहिता में कई गुना बेहतर होंगे महत्‍वपूर्ण केंद्रीय श्रम कानून

श्रमिकों का कल्‍याण है देश के आर्थिक विकास की पहली शर्त

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 11 July 2019 03:17:02 PM

pmo office

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्‍यावसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल स्थिति विधेयक-2019 संहिता को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इसके माध्‍यम से विधेयक में श्रमिकों की सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल की स्थितियों से संबंधित व्‍यवस्‍थाओं को वर्तमान की तुलना में कई गुना बेहतर बनाया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार इस तरह ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विश्‍वास’ की भावना के साथ समाज के विभिन्‍न वर्ग के लोगों के कल्‍याण के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
नई श्रम संहिता के माध्‍यम से 13 महत्‍वपूर्ण केंद्रीय श्रम कानूनों की व्‍यवस्‍थाओं को एक साथ मिलाकर सरल और युक्तिसंगत बनाया गया है, जिसके तहत कारखाना अधिनियम-1948, खदान अधिनियम-1952, बंदरगाह श्रमिक (सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण) कानून-1986, भवन और अन्‍य निर्माण कार्य (रोज़गार का विनियमन और सेवा शर्तें) कानून-1996, बागान श्रम अधिनियम-1951, संविदा श्रम (विनियमन और उन्‍मूलन) अधिनियम-1970, अंतर्राज्‍यीय प्रवासी श्रमिक (रोजगार का विनियमन और सेवा शर्तें) अधिनियम-1979, श्रमजीवी पत्रकार और अन्‍य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा शर्तें और अन्‍य प्रावधान) अधिनियम-1955, श्रमजीवी पत्रकार (निर्धारित वेतन दर) अधिनियम-1958, मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम-1961, बिक्री संवर्धन कर्मचारी (सेवा शर्त) अधिनियम-1976, बीड़ी और सिगार श्रमिक (रोज़गार शर्तें) अधिनियम-1966 और सिनेमा कर्मचारी और सिनेमा थिएटर कर्मचार (अधिनियम 1981) प्रमुख हैं।
नई श्रम संहिता के लागू होने के साथ ही सभी अधिनियम इस संहिता में समाहित हो जाएंगे और अलग से उनका कोई अस्तित्‍व नहीं रह जाएगा। इसके लाभ हैं-सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं और कार्यस्‍थलों में कामकाज की बेहतर स्थितियां श्रमिकों के कल्‍याण के साथ ही देश के आर्थिक विकास के लिए भी पहली शर्त है। देश का स्‍वस्‍थ कार्यबल ज्‍यादा उत्‍पादक होगा और कार्यस्‍थलों में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम होने से दुर्घटनाओं में कमी आएगी जो कर्मचारियों के साथ ही नियोक्‍ताओं के लिए भी फायदेमंद रहेगा। देश के कार्यबल के लिए स्‍वस्‍थ और सुरक्षित कामकाज की स्थितियां उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से नई श्रम संहिता का दायरा मौजूदा 9 बड़े औद्योगिक क्षेत्रों से बढ़ाकर उन सभी औद्योगिक प्रतिष्‍ठानों तक कर दिया गया है, जहां 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं।

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