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भारत भ्रमण की तमन्ना हुई आसान!

भारत ने ‌विदेशियों की ई-वीज़ा शक्ति को बढ़ाया

राजनयिक मिशनों में वीजा प्रक्रिया भी बंद नहीं

Sunday 16 April 2017 06:06:32 AM

प्रियदर्शी दत्‍ता

प्रियदर्शी दत्‍ता

e-visa

नई दिल्ली। भारत में 1 अप्रैल 2017 से एक नई उदारवादी ई-वीज़ा व्यवस्था प्रचलन में है। कह सकते हैं कि भारत की यात्रा की योजना बना रहे दुनियाभर के 161 देशों के नागरिकों के लिए भारत सरकार की यह व्यवस्‍था नई खुशियां लेकर आई है। इसमें ऑनलाइन आवेदन करने की निर्धारित अवधि तथा भारत में रहने की अवधि साथ-साथ ही बढ़ा दी गई है। हालांकि, भारतीय राजनयिक मिशनों में वीजा प्रदान करने की परंपरागत प्रक्रिया को बंद नहीं किया जाएगा। वास्तव में ई-वीज़ा की प्रणाली पिछले सात वर्ष पहले शुरू हुई है। नववर्ष दिवस 2010 पर भारत ने पांच देशों-जापान, सिंगापुर, फिनलैंड, लक्समबर्ग और न्यूज़ीलैंड के नागरिकों के लिए ही आगमन पर पर्यटक वीज़ा की शुरूआत की थी। एक साल बाद ही भारत सरकार ने कंबोडिया, लाओस वियतनाम, फिलीपींस, म्यांमार और इंडोनेशिया के नागरिकों के लिए इस योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया। केंद्र में सरकार के बदलने के बाद इस प्रणाली को काफी बढ़ावा मिला है।
भारत की यात्रा को एक सहज अनुभव बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकार से युक्‍त आगमन पर पर्यटक वीज़ा की सुविधा 27 सितंबर 2014 को शुरू हुई थी। टीवीओएए-ईटीए यानी इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकार से युक्‍त आगमन पर पर्यटक वीज़ा, आशय और क्षेत्र में अलग था। यह 9 नामित अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों के माध्यम से भारत में प्रवेश के लिए 43 देशों के नागरिकों को ऑनलाइन पूर्व प्राधिकार था। इन देशों के नागरिक वेबसाइट पर वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं, उन्हें भारत आगमन पर वीजा सौंप दिया जाएगा। यह एक एकल प्रवेश वीजा है, जो 30 दिन के लिए वैध होगा। हालांकि टीवीओएए-ईटीए यानी इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकार से युक्‍त आगमन पर पर्यटक वीज़ा का नामकरण भी भ्रम से भरा था। अनेक पर्यटक यह मानते थे कि वीज़ा हवाईअड्डे पर उतरने पर दिया जाएगा। कुछ पर्यटक ऑनलाइन आवेदन किए बिना या स्थानीय भारतीय दूतावास से वीजा प्राप्‍त किए बिना ही यहां आए, इसलिए देश की नीति के अनुरूप एक नए नाम का गठन करने के लिए गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और आप्रवासन ब्यूरो के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया है।
माईगोव डॉट इन पर इस नाम के बारे में एक प्रतियोगिता का आयोजन करके ई-टूरिस्ट वीजा को सबसे अच्छा विकल्प चुना गया था। इस योजना को दोबारा ई-टूरिस्ट वीजा नाम दिया गया था, जो 15 अप्रैल 2015 से प्रभावी हो गई। इस समय तक टीवीओए-ईटीए के तहत सरकार पहले ही एक लाख दस हजार वीजा जारी कर चुकी है। इस योजना के दायरे के तहत 2015 के अंत तक कुल 113 देशों को लाया जा चुका है। अगस्त 2016 तक यह संख्‍या बढ़कर 150 हो गई थी। भारत सरकार में पर्यटन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा ने 6 फरवरी 2017 को लोकसभा को सूचित किया था कि वर्ष 2014, 2015 और 2016 के दौरान विभिन्‍न उद्देश्‍यों के लिए भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या क्रमश: 7.68 मिलियन, 8.03 मिलियन और 8.90 मिलियन (अनंतिम) रही है। इनमें से आगमन पर ई-वीजा वाले पर्यटकों की संख्‍या 2014, 2015 और 2016 में क्रमशः 0.39 लाख, 4.45 लाख और 10.80 लाख रही है। करीब 149 देशों के पर्यटकों ने ई-वीज़ा सुविधा का लाभ उठाया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापार को आसान बनाने, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने तथा विदेशी मुद्रा की आय में वृद्धि करने के लिहाज से 30 नवंबर 2016 को वीजा व्‍यवस्‍था को उदार, सरल और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया था, जिसे अभी हाल ही में 1 अप्रैल से लागू कर दिया है। अब ई-वीज़ा में पर्यटक, व्यापार, चिकित्सा और रोज़गार श्रेणियां हैं। इंटर्न वीजा और फिल्म वीजा जैसी नई श्रेणियों को भी शामिल किया गया है। विभिन्न देशों के क्रूज़ पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए अब ई-वीजा सुविधा 24 हवाईअड्डों के साथ-साथ 3 बंदरगाहों कोचीन, गोवा और मैंगलोर के माध्यम से भारत में प्रवेश के लिए 161 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है। जल्‍दी ही मुंबई और चेन्नई बंदरगाहों को ई-वीज़ा सुविधा के तहत शामिल किया जाएगा। ई-वीज़ा योजना के तहत आवेदन की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है, ताकि पर्यटक अपनी यात्रा की योजना को बेहतर ढंग से तैयार कर सके। ई-पर्यटक, ई-व्‍यापार वीजा पर दोहरे प्रवेश तथा ई-चिकित्‍सा वीजा पर तिहरे प्रवेश के साथ भारत में रुकने की अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन तक कर दिया गया है। चिकित्सा पर्यटकों के लाभ के लिए ऐसे पर्यटकों की बड़ी संख्‍या में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे कुछ भारतीय हवाईअड्डों पर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए अलग से आव्रजन काउंटर और सुविधा डेस्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसकी वेबसाइट का लिंक https://indianvisaonline.gov.in/evisa/tvoa.html है।
अधिकांश देशों के नागरिक अब पांच वर्ष की अवधि के लिए पर्यटन और व्यापार उद्देश्यों के लिए बहु प्रवेश वीजा प्राप्‍त कर सकते हैं। तत्काल जरूरत वाले मामलों में आवेदन के 48 घंटों के भीतर व्‍यापार और चिकित्सा वीज़ा प्रदान किए जा सकते हैं। बायोमेट्रिक नामांकन सुविधा वाले 94वीं भारतीय मिशनों ने 1 मार्च 2017 से 5 साल के बहुप्रवेश वाले वीजा जारी करने शुरू कर दिए हैं। बाकी राजनयिक मिशनों में भी आने वाले समय में ऐसा कर दिया जाएगा। एनडीए सरकार इस क्षेत्र में पिछली यूपीए-2 सरकार की तुलना में अधिक साहसिक कदम उठा रही है। वर्ष 2014 से ई-वीजा का मुद्दा बहुत तेजी से आगे बढ़ा है। नई वीजा व्यवस्था से भारत के एक अधिक अनुकूल पर्यटन स्थल बन जाने की संभावना है। इससे मेक इन इंडिया कार्यक्रम में सुविधा मिलेगी, जिसमें विदेशी निवेशकों को अनेकों बार भारत यात्रा करने की जरूरत पड़ती है। यह योजना डिजिटल इंडिया के विजन के भी समरूप है। इस कदम से राजनयिक मिशनों का मैन्युअल भार भी कम होने की संभावना है। मिशनों की वीजा खिड़कियां उन पर्यटकों के लिए खुली रहेंगी, जो ऑफ़लाइन की पद्धति से आवेदन करना चाहते हैं, लेकिन दुनिया के विभिन्‍न देश ई-वीजा विकल्‍प के मार्ग को चुन रहे हैं। इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं कि भारत ने समय के अनुसार कदम उठाने का निर्णय लिया है। (लेखक प्रियदर्शी दत्‍ता दिल्‍ली स्‍थित एक स्‍वतंत्र अनुसंधानकर्ता और स्‍तंभकार हैं)।

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