वैसे तो अंग्रेजों और दूसरे विदेशी आक्रमणकारियों ने हिंदुस्तान का जैसे हो सका शोषण किया, परंतु अंग्रेजों ने यहां बहुत अच्छे काम भी किए थे, जिनमें एक सराय एक्ट भी बनाया था। समाचार आया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने चुपके से सराय एक्ट को भी दफना दिया है और किसी को इसकी कानोकान ख़बर भी न लगी। ना जाने कैसे इस...
सरकार से लोग जितने निराश हैं, विपक्ष को लेकर उससे कम मायूस नहीं हैं, चाहे केंद्र का मामला हो या राज्यों का। यही कारण है कि अब सवाल पूरी संसदीय राजनीति को लेकर उठ रहे हैं और राजनीतिक तौर पर पहली बार लोकतंत्र ही कठघरे में खड़ा दिखता है, क्योंकि जिन माध्यमों के जरिये लोकतंत्र को देश ने कंधे पर बिठाया उन माध्यमों ने ही लोकतंत्र को सत्ता की परछाईं तले ला दिया है और सत्ता ही लोकतंत्र का पर्याय...
राष्ट्र की अनेकता में एकता की सूत्रधार बेसिक शिक्षा, कई धाराओं और धारणाओं में भटकती बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार के प्राइमरी स्कूलों में ठोकरें खाती और उपहास बनती बेसिक शिक्षा, राजनेताओं, नौकरशाहों, दलालों के भ्रष्टतंत्र से थर्राती बेसिक शिक्षा और राष्ट्रधर्म एवं राष्ट्रकर्म के लिए तरसती बेसिक शिक्षा को आज किसी...
संसार में कहीं भी धर्म और सुधार आंदोलन स्वच्छंद यौनाचार का समर्थन नहीं करते, पूरे विश्व में अभी भी नारी पुरुष संबधों में पवित्रता का आदर्श पूरी तरह मान्य है, लेकिन आज भारत के अंदर व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आधुनिकीकरण के नाम पर स्वेच्छाचारी जीवनशैली की वकालत करना फैशन बनता जा रहा है, इससे परिवार संकट में हैं, इसीलिए परिवारों में विघटन पर पश्चिमी समाज में गहन चिंतन हो रहा है।...
एक हजार करोड़ रूपये की निधि से एक ऋण जोखिम गारंटी कोष बनाने पर विचार किया जा रहा है। यह बात ध्यान देने लायक है कि शहरी बदलाव में जो मुख्य बातें सहायक हैं, प्रशासन उनमें सबसे कमजोर कड़ी है और जबतक हमारी संस्थाओं में सुधार नहीं होता और उनका संचालन ठीक ढंग से नहीं होता, वे न तो शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव के लिए...
भारत की जनसंख्या 1 अरब 21 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है दूसरे देशों के मुकाबले भारत बहुत तेजी से जनसंख्या वृद्धि में लगा है भारत पर यह एक ऐसा बोझ है जिसे आगे सहन करना उसके वश की बात नहीं है संसाधन जवाब दे रहे हैं, उत्पादन घट रहा है। साक्षरों की कुल संख्या देश में सात वर्ष से ऊपर की आयु की कुल आबादी का 74 प्रतिशत है। रोजगार, कानून...
भारत में 243 मिलियन यानी 24.3 करोड़ किशोर रहते हैं, जो देश की कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा हैं। पिछले दो दशक के दौरान देश में विकास की तेज रफ्तार से लाखों लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। विकास और सरकारी योजनाओं से ही देश के किशोरों का स्वास्थ्य और विकास बेहतर हुआ है। हालांकि अभी भी लड़कियों के लिए काफी मुश्किलें बाकी हैं, उन्हें...
इटावा में जिलाधिकारी कार्यालय की प्राचीर पर चिथड़ों में लटका राष्ट्रीय ध्वज आप भी देखिए। यह जिलाधिकारी के अपनी कलक्ट्रेट के घटिया प्रबंधन का एक प्रमाण है। जिलाधिकारी से पूछिए कि उनके भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन का क्या औचित्य है? क्योंकि वे भारतीय संविधान की दृष्टि में एक श्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी माने जाते हैं...
कौन हैं जिन्होंने अश्लील आर्केस्ट्रा को पूर्वांचल का दरवाजा और घर आंगन दिखाया है और दिखा रहे हैं? परंपरावादी भोजपुरी संगीत आर्केस्ट्रा के सामने क्या संरक्षित और सुरक्षित रह पायेगा? आज हर नेता, हर साहित्यकार गीतकार और हर दार्शनिक भोजपुरी की बड़ी-बड़ी बातें करता है। लेकिन इस अश्लीलता पर उसकी प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है। लोक-लिहाज की वह पुरानी सभ्यता यहां तार-तार हो जाती है जब गावों...
यद्यपि सरकार राष्ट्र मंडल खेलों की तैयारी की गंभीरता और सक्रिय प्रयासों का एहसास कराती आ रही है परन्तु तैयारी के संबंध में और समय पर तैयारी पूरा होने में कई मंचों से सन्देहास्पद खबरें भी आ रही हैं जो इस खेल की महत्ता के दृष्टिगत देश को एक असम्माननक एवं अजीब परिस्थति में खड़ी कर सकती हैं। राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी के...
कश्मीररूखसाना कौशर में आतंक का बहादुरी से मुकाबला करने वाली रूखसाना कौशर का हिंदुस्तान कायल हो गया है। उसकी बहादुरी के चर्चे पाकिस्तान अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में हो रहे हैं। हर कोई उसे सैल्यूट करता है। जम्मू कश्मीर में न जाने कितनी ऐसी बहादुर लड़कियां होंगी जिनकी भुजाएं आज आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने के लिए...
दलित वोटों को अपनी रैयत समझकर उन्हें ठेकेदारों, गुंडों और माफियाओं को बेचती आ रहीं बसपा अध्यक्ष मायावती के भ्रष्टाचार जनित अहंकार का 'मर्दन' करने निकले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के लिए उत्तर प्रदेश में किसी ताकतवर दलित नेता को आगे किए बिना ऐसा कर पाना संभव नहीं है। राहुल गांधी को कांग्रेस के 'दलित मिशन' के लिए ऐसा दलित...
मुंबई फिल्मों में अक्सर एक छोटा सा बच्चा फुटपाथ पर बूट-पॉलिश करता है और उसके सामने पॉलिश का पैसा फेंक देने पर वह स्वाभिमान में अकड़ते हुए डॉयलॉग बोलता है कि 'साहब वह मेहनत का पैसा ले रहा है न कि कोई भीख।' बूट-पॉलिश कराने वाला साहब उससे प्रभावित होता है और फिर उसके हाथ में पैसे दे देता है। वास्तविकता देखनी हो तो मुंबई आइए जहां...
कहते हैं कि रिश्ते ऊपर से बनकर धरती पर आते हैं। 'हिना परवीन' उन खुशनसीब लड़कियों में से एक है, जिसने यतीमखाने में संरक्षण पाकर 26 अक्टूबर को अपने सुखद और वैवाहिक जीवन के सपने को पूरे होते देखा। अपनी संघर्षभरी आत्मकथा में उसने कभी नहीं सोचा होगा कि उसे और लड़कियों की तरह सम्मान और रीति-रिवाज़ के साथ डोली में बैठाकर रूख़सत...
नत्थू-कढेरा और बंसी अपने छप्पर के नीचे बैठे हुए महंगाई से घुट-घुट कर मर रहे हैं। उनके घर में जिन जरूरी चीजों की जरूरत है वह उनकी पहुंच से बाहर चली गई है। इसका सबसे सही उत्तर डा. मनमोहन सिंह के पास है जो न केवल एक प्रख्यात अर्थशास्त्री हैं बल्कि देश के प्रधानमंत्री भी हैं। वह ही आम जनता को महंगाई से मोक्ष दिला सकते हैं।...